स्कूल ऑ़फ मैनेजमेंट साइंसेज द्वारा छात्र – छात्राओ का आन-लाइन शिक्षण

डॉ0 भरत राज सिंह

भारतवर्ष के प्रधान-मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जनता कर्फू व 24 मार्च से 21-दिन के लिये लाक–डाउन में जन-मानस की भागीदारी तथा महावारी की लगातार बढोत्तरी  को देखते हुये लाक–डाउन को  3 मई 2020 तक के लिये बढ़ा दिया है और इसके पालन में डाक्टरो , नर्सेज , पुलिस और कोरोना वारियर्स की अथक प्रयास सराहना करते हुये जनता से सप्सती नियम पालन की अपील की है । निस्चित ही इसके अनुपालन में मानवता की सुरक्षा के लिये तथा आपके परिवार व परिजनो के जीवन की सुरक्षा के लिये वरदान साबित होगा । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने श्री मोदी के इस कदम की पुनः सराहना की है ।

देशवासी द्वरा संकट की इस घड़ी में जहां सरकार की हर गाइडलाइन का पालन किया जा  रहा हैं, वहीं सभी सरकारी, गैर-सरकारी, सामाजिक संस्थाये एक तरफ, समांज के कमजोर विशेषकर मजदूर वर्ग व दैनिक भोगी मजदूर को मदद कर रहे है । आज कुछ शिक्षण संस्थाये छात्रो की पढ़ाई भी बाधित न हो इसलिये आनलाइन शिक्षण की व्यवस्था कर रहे हैं। इसी क्रम में स्कूल आफ मैनेजमेंट साइंसेज (एसएमएस), लखनऊ ने अपने छात्र—छात्राओं को आनलाइन शिक्षण की व्यवस्था की है।

एसएमएस के सचिव व मुख्य-कार्यकारी अधिकारी शरद सिंह ने कई दिशा में कोरोना संक्रमण के वैश्विक महामारी की रोकथाम में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और लॉकडाउन के आह्वान तथा अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय व लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा के निर्धारित वर्तमान शैक्षणिक सत्र का पठन-पाठन का कार्य आनलाइन के माध्यम तथा वर्क-टू-होम के माध्यम द्वारा कराया जा रहा है।

स्कूल आफ मैनेजमेंट साइंसेज लखनऊ के महानिदेशक (तकनीकी) प्रो.भरत राज सिंह ने अवगत कराया कि राष्ट्रहित व छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुये सभी क्लासेज को समय-सारिणी(Time-Table) के अनुसार प्रत्येक अध्यापकों द्वारा लेक्चर-नोट तैयार कर प्रत्येक कक्षाओ का व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से, NPTEL, Moodle लेक्चर, लाइव वीडियो लेक्चर, टेस्ट, क्विज़ तथा गूगल क्लासरूम,  यूटूब क्लासरूम से सीधे वीडीओ लेक्चर प्रसारण से कराया जा रहा है तथा प्रत्येक दिवस छात्रो की उपस्थित ली जा रही है ।

इसकी मानिटरिंग सभी स्तर पर व डीन, डा.धर्मेन्द्र सिंह द्वारा किया जा रहा हैं । डॉ.सिंह का मानना है कि सभी शिक्षकों सें बेहतर लेक्चर शरीके से तैयार कराकर बिना बोझ व गुणवत्तापरक शिक्षा दी जा रही है, इससे शिक्षा की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार उसकी प्रासंगिकता बनी रहेगी। इन कार्यक्रमों में छात्रों में स्वशिक्षण और स्वतंत्र चिंतन की क्षमता के विकास तथा बच्चे में जिज्ञासा को बनाए रखने हेतु भी जोर दिया जा रहा है जिससे उन्हें अपने विचार रखने का अवसर भी प्रदान हो।

आज की वैश्विक महामारी की जटिल परिस्थितियों में, शिक्षकों की भूमिका कहीं अधिक उत्तरदायित्वपूर्ण व महत्वपूर्ण हो गई है। इसी परिप्रेक्ष्य में, शिक्षक व शिक्षा को अधिक कारगर बनाने हेतु प्रबंधन द्वारा शिक्षकों को उत्साहित भी किया जा रहा है। इसमें अब्दुल कलाम तकनीकी विश्व-विद्यालय की भूमिका सराहनीय है, जिनके द्वारा अपेक्षित सामाजिक तथा मानवीय मूल्यों व चरित्र के विकास में समय-समय पर शिक्षण के तरीकों पर जोर देने हेतु दिशा-निर्देश दिये जा रहे है।

उपरोक्त क्रम में, इंजीनियरिंग शिक्षा मे कई शिक्षकों द्वारा आईसीटी टूल्स का विशेष उपयोग किया जा रहा है, जिनके लेक्चर का लिंक के वेव-साइट पर उपलब्ध हैं। इस प्रकार इंजीनियरिंग शिक्षण को रोजगारपरक व बेहतरीन बनाने हेतु शिक्षक, प्रबंधन और विश्व-विद्यालय के समन्वय व आधुनिकतम टूल्स का भी उपयोग किया जा रहा है ।

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