लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने की लगातार नई योजना बना रही है।
इसी क्रम में अब गांव के युवकों को गांव में ही रोजगार देने की तैयारी है। सरकार अब हर ग्राम पंचायत में दो जनसंवाद केंद्र खोलगी।
इनमें युवाओं को तैनात किया जाएगा। जिसका लाभ करीब तीन लाख लोगों को मिलेगा।
फिलहाल प्रदेश के तकरीबन हर ग्राम पंचायत या 10 हजार की आबादी पर एक जनसेवा केंद्र हैं।
गांव के लोगों को सुविधा देने वाले यह केन्द्र स्थानीय स्तर पर रोजी-रोजगार के साथ लोगों को शासन की योजनाओं के प्रति जागरूक करने का जरिया हैं।
इनकी मदद से शासन के 35 विभागों की 258 शासकीय सेवाएं लोगों को उपलब्ध हो रहीं हैं। निजी रूप से कोई भी व्यक्ति ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से अपने इंटरनेट के माध्यम से भी इन सेवाओं को ले सकता है।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने अब हर गांव या कहीं पर भी दस हजार की आबादी में एक-एक और जनसेवा केंद्र खोलने की योजना बना ली है।
यह योजना स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने और अधिकतम लोगों को प्रदेश सरकार की योजनाओं के प्रति जागरूक करने के लिए है।
प्रदेश सरकार ने इसके तहत कुल करीब डेढ़ लाख जन सेवा केंद्र खोलने का लक्ष्य बनाया है। इससे करीब तीन लाख युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा।
इसके साथ ही एक जगह पर एक से अधिक केंद्र होने के नाते इनमें होने वाली प्रतिस्पर्धा से इनकी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
सरकार की इस योजना का दोहरा लाभ मिलेगा। अब लोग सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूक होने के साथ ही उनका लाभ भी लेंगे।
हर जगह पर अब जन सेवा केंद्र के संचालक को देय शुल्क बीस से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया गया है।
केंद्र के संचालक को प्रति ट्रांजेक्सन अब चार रुपये की जगह 11 रुपये मिलेंगे। इससे इनकी भी आय बढ़ जाएगी। इन केंद्रों का का कार्यकाल तीन वर्षों का होगा।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नस सोसाइटी (टीईजीएस) एवं डिस्ट्रिक्ट सॢवस प्रोवाइडर (डी.एसपी) संस्थाओं की आपसी सहमति से इसे दो वर्ष तक और बढ़ाया जा सकेगा।