इस मसले पर 6 सितंबर की खबर नीचे लिंक मे पढ़े-
@आशीष सागर दीक्षित,बाँदा।
- अर्पित सिंह पुत्र अनिल सिंह के बाद अब दो अंकुर और 6 अंकित सिंह के नाम मानव संपदा पोर्टल पर पकड़े गए है।
बाँदा। यूपी राज्य सरकार के नौकरियों मे व्यापक भ्रस्टाचार के बीच एक्सरे टेक्नीशियन पद पर साल 2016 मे एक अर्पित के नाम से 6 और अर्पित के नौकरी करते हुए वेतन लेने का खुलासा दो दिन पूर्व हुआ है। इस क्रम मे मानव संपदा पोर्टल पर फीड डेटा मिलान से फिर नया भ्रस्टाचार सामने आया है। भ्रस्टाचार से लकवाग्रस्त स्वास्थ्य महकमे भांग पड़ी है। एक्सरे टेक्नीशियन भर्ती घोटाले की नई किस्सागोई मे जिसमें क्रमांक संख्या 166 मे अंकुर पुत्र नीतू मिश्रा का नाम है।इसको मैनपुरी के सीएमओ के अधीनस्थ 1 जून 2016 को नियुक्ति मिली थी। इनकी जन्मतिथि 5 दिसंबर 1994 है। वहीं इसी नाम से 12 जून 2016 को मुजफ्फरपुर के साहपुर सीएचसी मे एक और अंकुर कार्यरत है।
मजेदार बात दोनों का डाक पता एक है। इसके अतिरिक्त आयोग की तरफ से स्वास्थ्य महानिदेशक को प्रेषित आख्या मे क्रमांक 127 पर हरदोई निवासी अंकित सिंह पुत्र राम सिंह का नाम है। इसकी जन्मतिथि 15 जुलाई 1991 है। इन्हें 1 जून 2016 को हरदोई के मल्लावां सीएचसी मे तैनाती दी गई। इसी अंकित के नाम औऱ वल्दीयत व पते पर 6 और अंकित नौकरी करते मानव संपदा पोर्टल पर पाए गए है। जिसमे एक लखीमपुर के निघासन, दूसरा गोंडा के काजीदेवर मे है। वहीं बदायूं के दातागंज मे तैनात इसी नाम के एक्सरे टेक्नीशियन को बर्खास्त किया गया जबकि आजमगढ़ के पंवई और ललितपुर के फर्जी अंकित खुद फरार हो गए है।
बीते दो दिन पूर्व 6 अर्पित सिंह पुत्र अनिल सिंह नाम पते वाले एक्सरे टेक्सनीशियन नौकरी करते पाए गए थे। जिसमें बाँदा के नरैनी सीएचसी के अर्पित पर साल 2017 मे एफआईआर लिखी गई थी। यूपी मे एक भर्ती ऐसी नही बची जिसमें पेपर लीकेज या करप्सन नही हो। स्वास्थ्य विभाग का यह आंतरिक भर्ती भ्रस्टाचार गजब की परतें खोल रहा है। लेकिन जांच में कार्यवाही यकीनन बड़े अफसरों पर नही होगी। यदि वह ठाकुर हुआ तो बिल्कुल नही।