सूत्र: जश्न मना रहे हैं सिद्धारमैया समर्थक, अड़े हुए हैं डी.के. शिवकुमार | LATEST NEWS | Soochana Sansar

सूत्र: जश्न मना रहे हैं सिद्धारमैया समर्थक, अड़े हुए हैं डी.के. शिवकुमार | LATEST NEWS

नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस नए मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम निर्णय करने में जुटी है. बताया जाता है कि सिद्धारमैया का नाम रेस में आगे चल रहा है. इसी सिलसिले में आज डीके शिवकुमार ने राहुल गांधी के घर जाकर उनसे मुलाकात भी की. इधर संभावना देख सिद्धारमैया के समर्थकों ने जश्न मनाना भी शुरू कर दिया है.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कर्नाटक मुख्यमंत्री को लेकर जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसकी घोषणा कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे करेंगे. घोषणा जब तक नहीं होती है, तब तक मुख्यमंत्री के नाम पर चल रही खबरों और अफवाहों पर ध्यान न दें. उन्होंने कहा कि अगले 24 से 48 घंटों में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो जाएगी. मुख्यमंत्री के नाम पर पार्टी में लगातार आलाकमान की निगरानी में चर्चा जारी है.
आज ये तस्वीर साफ हो सकती है कि कर्नाटक का मुख्यमंत्री कौन बनेगा. हालांकि सूत्रों के मुताबिक खड़गे चाहते हैं कि मुख्यमंत्री को लेकर आखिरी फैसला गांधी परिवार करे.बताया जाता है कि राहुल गांधी सिद्धारमैया के पक्ष में हैं, लेकिन देखने वाली बात ये होगी कि डीके शिवकुमार से मिलने के बाद क्या राहुल गांधी उनके पक्ष में दावेदारी तय कर पाते हैं या उन्हें मनाकर सिद्धारमैया के नाम का ही ऐलान हो जाएगा?
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जोरदार जीत के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस का आज चौथा दिन है. मंगलवार शाम को पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने दोनों उम्मीदवारों से मुलाकात भी की थी.
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस इस भूमिका के लिए 75 वर्षीय सिद्धारमैया का नाम फाइनल करने के करीब है, क्योंकि उनके पास अधिकांश विधायकों का समर्थन है और अब डीके शिवकुमार को विश्वास में लेना है.
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक में डीके शिवकुमार ने संकेत दिया है कि वह सिद्धारमैया के साथ गतिरोध में पीछे नहीं हटेंगे.
सिद्धारमैया सोमवार से दिल्ली में हैं, जहां उन्होंने शीर्ष पद की दौड़ में सबसे आगे होने की अटकलों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की. यह पूछे जाने पर कि घोषणा कब होगी, उन्होंने कहा, ‘इंतजार करें और देखें. मुझे नहीं पता.’
शिवकुमार ने जोर देकर कहा कि सीएम नहीं बनाए जाने पर भी वो किसी तरह की बगावत नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, “पार्टी चाहे तो मुझे जिम्मेदारी दे सकती है. मैं यहां किसी को बांटना नहीं चाहता. वे मुझे पसंद करें या नहीं, मैं एक जिम्मेदार व्यक्ति हूं. मैं पीठ में छुरा नहीं घोंपूंगा और मैं ब्लैकमेल नहीं करूंगा.”
राज्य में भेजी गई पर्यवेक्षकों की टीम ने नवनिर्वाचित विधायकों के विचारों से पार्टी नेतृत्व को अवगत कराया है. उनके इस फैसले से अगले साल होने वाले आम चुनाव में पार्टी की संभावनाओं पर असर पड़ना तय है.
सिद्धारमैया को बड़े पैमाने पर अपील करने वाले नेता के रूप में देखा जाता है और 2018 में उन्होंने एक पूर्ण कार्यकाल पूरा किया. जबकि शिवकुमार को उनकी मजबूत संगठनात्मक क्षमताओं के लिए जाना जाता है, और उन्हें कठिन समय के दौरान कांग्रेस का संकटमोचक माना जाता है.
डीके शिवकुमार सीएम नहीं बनाए जाने का मतलब राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण वोक्कालिगा का एक बड़ा नाखुश हो सकता है. सिद्धारमैया के मामले में, इसका मतलब हो सकता है कि विधायकों का एक समूह उनका समर्थन कर रहा है, और एहिंडा मंच – अल्पसंख्यकों, अन्य पिछड़े वर्गों और दलितों का एक पुराना सामाजिक संयोजन, जिसने कांग्रेस के लिए बड़े पैमाने पर मतदान किया है, वो नाराज हो सकता है.

Like us share us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *