बाढ़ से प्रभावित बाँदा मे किसानों की फसलें बर्बाद, शंकर पुरवा मे हलात ज्यादा खराब… | Soochana Sansar

बाढ़ से प्रभावित बाँदा मे किसानों की फसलें बर्बाद, शंकर पुरवा मे हलात ज्यादा खराब…

@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।

  • प्रशासन ने शनिवार को राहत सामग्री का आंशिक वितरण किया था लेकिन यह नाकाफी है।
  • बाँदा के पैलानी -जसपुरा से जुड़े नान्दादेव के मजरा शंकर पुरवा के हालात खराब है।
  • क्षेत्रीय किसानों की सैकड़ो बीघा फसलें नष्ट हो गई। वहीं शरद ऋतु की खेती भी चौपट होने के आसार बन रहें है।
  • खेतों मे अत्यधिक वर्षाजल भरने से शरद काल की जुताई, बुआई जहां लेट होगी वहीं आर्थिक तंगी और बाढ़ का नुकसान बीज खरीदने मे दिक्कत पैदा करेगा।
  • सपा से राज्यसभा सांसद रहे विशम्भर निषाद ने क्षेत्रीय नेताओं के साथ आज शंकर पुरवा मे राहत किट वितरण किया है।
  • बाढ़ से प्रभावित पूरे परिवारों तक स्वास्थ्य कर्मी,मच्छरों से बचने को फागिंग व दवाई और खाद्य सामग्री पर्याप्त नही है।
  • साल 2005 के बाद 2025 मे केन और यमुना का रौद्र रूप किसानों ने देखा है। अभी स्थिति नियंत्रण मे है।

बाँदा। यूपी के बाँदा मे साल 2005 के बाद इस वर्ष की बरसात ने पैलानी और जसपुरा के किसानों का हाल खराब कर दिया है। केन और यमुना की बाढ़ से बाँदा के ग्रामीण अंचल मसलन अमारा, गौरीकला, शंकर पुरवा, नान्दादेव मे हालात बिगड़े है।


वहीं जनपद महोबा, हमीरपुर, बाँदा को जोड़ने बरसाती नदी चंद्रावल मे पानी बढ़ने से भी किसानों को भारी नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि चंद्रावल केन और धसान की सहायक नदी है। जो बरसात मे केन मे मध्यप्रदेश के हिस्से से पानी बढ़ने पर बाढ़ लाने का काम करती है। बीते शनिवार को डीएम बाँदा श्रीमती जे.रीभा और एसपी पलाश बंसल ने पैलानी क्षेत्र के ग्राम महोबरा, सिन्धन खुर्द, शंकर पुरवा का दौरा किया था। वहीं अपर एसपी शिवराज सिंह ने बबेरू क्षेत्र के मर्का से जुड़े गांवो मे निरीक्षण करके बाढ़ के ज़मीनी हलात देखे थे। उन्होंने लोकल प्रशासन को फौरी राहत देने के निर्देश दिए थे।

उल्लेखनीय है कि यहां सिंहपुर से लगे गांवों मे चित्रकूट और फतेहपुर की यमुना बाढ़ से संकट खड़ा करती है। बाँदा के पैलानी मे स्थानीय प्रशासन द्वारा शनिवार को निरीक्षण के दौरान राहत किट वितरण पर सपा के पूर्व राज्यसभा सांसद विशम्भर निषाद ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि अकेले 100 परिवार नान्दादेव के शंकर पुरवा मे प्रभावित है। वहीं दो दर्जन किसानों ने नदी स्थल पर डेरा डालकर पन्नी तानी है। वहां न स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और न राहत सामग्री। उन्होंने कहा कि सपा ने 3 अगस्त को शंकर पुरवा मे नदी पार कर राशन व लंच पैकेट दिए है।

लगभग 23 गांव बाढ़ से बाँदा मे प्रभावित है। बतलाते चले कि हमीरपुर मे बाँदा से ज्यादा हलात बरसात मे हुए है। वहां यमुना का जलस्तर बढ़ने से किसानों की मुसीबतें बढ़ गई है। चित्रकूट के राजापुर मे सरधुआ आसपास यमुना ने कई गांव जलमग्न किये है। तो वहीं मंदाकिनी नदी के पानी से रामघाट आसपास स्थिति खराब है। बड़ी बात यह होगी कि इस बाढ़ के बाद किसानों और गरीबों की बस्तियों मे फैलने वाली बीमारियों व रोजमर्रा की समस्याओं से जूझते हुए परिवारों को प्रशासनिक अमला कैसे संभालता है यह देखने वाली बात है। वहीं उन्हें किसानों के सामने आने वाली शरद ऋतु की मुख्य खेती मे बड़ा घाटा लगने के आसार बन रहें है। इसके लिए वह कैसे निपटेंगे यह समाधान भी खोजना पड़ेगा। अन्यथा किसानों का असंतोष पनपने के आसार बन सकते है। क्योंकि खेत सूखने मे ही लंबा वक्त लगेगा और बोई हुई फसलें नष्ट हो चुकी है।

सपा के नेताओं ने आज राहत सामग्री बांटी-


बाँदा के पैलानी मे नान्दादेव के मजरे शंकर पुरवा मे समाजवादी पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद विशम्भर निषाद ने किसान नेता पुष्पेन्द्र चुनाले व अन्य के साथ नाव मे बैठकर शंकर पुरवा के किसानों तक पहुंचने का प्रयास किया। वहीं उन्होंने वहां राशन व लंच के पैकेट दिये है। सपा के क्षेत्रीय नेता ने किसानों से उनकी बुनियादी समस्याओं को समझने का जतन किया। पूर्व राज्यसभा सांसद ने बीते दो दिन पूर्व बाँदा मंडल आयुक्त अजीत कुमार से किसानों को बाढ़ से निजात दिलाने का प्रार्थना पत्र दिया था।

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