@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
- जलशक्ति मंत्री रामकेष निषाद ने तिंदवारी विधानसभा के ग्राम पडोहरा, नान्दादेव का ग्रामीण जनों के साथ निरीक्षण किया।
- किसानों की सैकड़ों बीघा फसलों का जलमग्न होने से नुकसान।
- पैलानी के गौरीकला, अमारा, बरेहटा मे पानी से मुसीबत, खपटिहाकला मे नाविकों को लाइफ सुरक्षा जैकेट,टार्च, टीयूब और राहत सामग्री का टोंटा ।
- बाढ़ से पहले डीएम श्रीमती जे.रीभा ने किया था ग्रामपंचायत महोबरा का दौरा,किसान बोले लेकिन नही मिली राहत।
बाँदा। उत्तरप्रदेश के बाँदा मे केन और यमुना नदी मे जलस्तर बढ़ने से ग्रामवासियों को परेशानी हो रही है। मध्यप्रदेश और यूपी के चित्रकूट मंडल की बरसात ने बाँदा के किसानों की मुसीबत खड़ी कर दी है। पैलानी क्षेत्र जसपुरा मे केन नदी की बाढ़ से घिरे गांव बरेहटा, अमारा, गौरीकला मे प्रशासन द्वारा कागजों मे बनी चौकियां धरातल पर नदारद है। वहीं ग्रामपंचायत महोबरा मे गांव की मुख्य सड़क, पंचायत भवन तक केन नदी का पानी घुसने लगा है।
गौरतलब है कि जिलाधिकारी श्रीमती जे.रीभा ने इस गांव का दौरा केन नदी मे बाढ़ के मद्देनजर किया था लेकिन ज़मीन पर व्यवस्था नही है। किसानों ने कहा कि रोजमर्रा की ज़रूरत का सामान लाने ले जाने मे समस्या हो रहीं है। बतलाते चले कि बाँदा की केन नदी मध्यप्रदेश की बरसात से ज्यादा प्रभावित होती है। यह चिल्ला मे यमुना से मिलती है। उधर बबेरू क्षेत्र के कमासिन की रवाय नदी मे पानी बढ़ रहा है।
जलशक्ति राज्य मंत्री रामकेष पहुंचे पडोहरा गांव-
इलाके के मूल रहवासी व जलशक्ति राज्य मंत्री रामकेष निषाद ने बीते गुरुवार को बाढ़ प्रभावित गांव पडोहरा, नान्दादेव का औचक निरीक्षण किया। उनके साथ लोकल मीडिया टीम व स्थानीय प्रशासन के लोग मौजूद रहे। उन्होंने इन दो गांवों मे किसानों को राहत सामग्री दी है।
नाविकों को न जैकेट और न राहत के पैकेट-
बाँदा की पैलानी तहसील के गांव खपटिहा कला मे नाविक रामजस ने बताया कि प्रशासन ने अभी तक सपोर्ट लाइफ जैकेट/रेनकोट/टियूब व टार्च और राहत पैकेट नही दिए है। उधर होमगार्ड, स्वास्थ्य कर्मी, जवान सब नदारद है। केन व यमुना की बाढ़ से 23 मजरे बाढ़ की जद मे है। गुरुवार की दोपहर तक यमुना नदी मे चिल्ला मे 99.65 मीटर थी। यहां चेतावनी बिंदु 99 व खतरे का निशान 100 मीटर है। वहीं केन नदी मे दोपहर तक 101.10 मीटर बढ़ गया था। यहां खतरे का निशान 104.10 मीटर है। पैलानी-जसपुरा के सिन्धनकला, सिन्धन खुर्द, पैलानी डेरा, नई दोहतरा,बजरंगी डेरा, बैसन डेरा,तारा,खजुरी तथा चंद्रावल नदी से पड़ोहरा, नान्दादेव गांव मे सैकड़ो बीघे फसल जलमग्न है।