अवैध तहबाजारी के भ्रष्टाचार की खबर लिंक मे पढ़े-
@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
‘बाँदा की सदर तहसील अंतर्गत गाटा संख्या 72/47 का भाग एवं 74/1 का भाग खंड 3 पर जांच उपरांत 43696 घन मीटर केन नदी मे अवैध खनन पाए जाने के चलते 3,93,26,400 ( तीन करोड़ तिरानबे लाख छब्बीस हजार चार सौ रुपया) जुर्माना किया गया है।’
बाँदा। उत्तरप्रदेश के बाँदा जनपद मे सदर तहसील अंतर्गत ग्राम पथरी मे संचालित मौरम खंड 3 पर अवैध खनन की संयुक्त जांच मे दोषी मिलने पर अर्थदंड की कार्यवाही की गई है। खनिज विभाग से जारी प्रेस विज्ञप्ति मुताबिक गाटा संख्या 72/47 का भाग व 74/1 का भाग मौरम खंड 3 ग्राम पथरी मे कुल 19 हेक्टेयर का खनन पट्टा है। यह छत्तीसगढ़ बिलासपुर की कम्पनी मयूर बाक्साइट प्राइवेट लिमिटेड, निदेशक रवीश गम्बर पुत्र मंजीत सिंह गम्बर के नाम है। यहां पर डीएम के निर्देश अनुसार जांच की गई थी। जिसमे 43696 घन मीटर पर अवैध खनन मिला है। खदान फर्म पर कुल 3, 93, 26, 400 रुपया जुर्माना किया गया है। इसके पूर्व भी इस खदान पर ही दिनांक 5 फरवरी व 10 मार्च को फौरी कार्यवाही की गई थी। तब क्रमशः 6854 घन मीटर व 36518.75 घन मीटर अवैध खनन मिला था। वहीं नवम्बर माह मे भी यहीं कार्यवाही हुई थी। जुर्माना के आदि / अभ्यस्त पथरी मौरम खंड 3 पर यह चौथी बार जुर्माना इस सीजन मे लगा है। लेकिन भरा कितना गया है यह प्रेस विज्ञप्ति बाँदा खनिज विभाग कभी किसी खदान की लिस्ट जारी नही करता है। यदि पब्लिक डोमेन मे यह सार्वजनिक होने लगे तो थोड़ी शर्मदारी मौरम खण्ड संचालकों को आ सकती है। बाकी बीते दो साल से फर्म काली सूचियों मे नही जा रही है। जबकि तत्कालीन डीएम श्री अमित सिंह बंसल ने एक कार्यवाही पर 6 खदान ब्लैकलिस्ट की थी। इस मामले मे पूर्व डीएम श्री आनंद कुमार भी सख्त थे। पूर्व जिला अधिकारी हीरालाल ( कुआं तालाब बचाओ अभियान ) के वक्त से बाँदा मे लगातार अवैध खनन का रामराज्य आज तक अनवरत चल रहा है। डीएम आते और जाते गए लेकिन अवैध खनन के कारोबार पर प्रतिबंधित पोकलैंड की गर्जना बन्द नही हो सकी।
वैसे इसके लिए सर्वाधिक ज़िम्मेदार खनिज विभाग एवं पर्यावरण जल / वायु एनओसी देने वाला पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय ( इंद्रा नगर स्थित) है। गाहेबगाहे वनविभाग की भूमि पर एनओसी जंगल दफ्तर देता है। गौरतलब है कि पथरी खदान खंड 3 मे लाल बालू बची नही है। यह ग्राम सभा की भूमि से रातदिन अवैध खनन करके अपना कोटा भर रहे है। खदान पूर्व मे चल चुकी है इसलिए मौरम अवशेष नही है। किसानों और नदी क्षेत्र की ग्राम सभा ज़मीन से तांडव हो रहा है। जुर्माना से ज्यादा क्या होगा जब ब्लैकलिस्ट होना नही तो कौन रोक ले रहा है। बतलाते चले कि अवैध खनन की इस बार कार्यवाही पर बिफरे पथरी खण्ड संचालक रवीश गम्बर ने कुछ पत्रकारों से मीडिया मे माहौल बनाने को खनिज निरीक्षक द्वारा 10 लाख की घूस मांगने का बयान छपवाया है। रवीश गम्बर ने कहा जब उन्होंने रुपया नही दिया तो कार्यवाही की गई। अब खनिज अधिकारी / खान निरीक्षक भी तो कोई आरोप पथरी खण्ड संचालक पर लगा सकते है न ?
आरोप-प्रत्यारोप के मध्य केन नदी की लज्जा भंग करते मौरम ठेकेदारों से कोई यही पूछ लेता कि लीज होल्डर एग्रीमेंट की शर्तें, खनिज एक्ट की उपधारा 41-ज, पर्यावरण एनओसी के मानक क्या है ? रातदिन केन को अवैध खनन का अस्तबल बनाते 15 मौरम खंडों मे सब बिना पोकलैंड खनन नही करते है। जबकि लोडिंग/अन-लोडिंग को ही जेसीबी मान्य है। जहां पानी कम है वहां खनन वर्जित है। खनन 3 मीटर तक स्वीकृति है। सीमांकन के बाद पट्टे की जद तक खनन मान्य है। सूर्यास्त के बाद खनन बन्द है। खनिज न्यास फाउंडेशन मे दिए दिशानिर्देश कौन ठेकेदार आज तक पूरा किया है ? तब जबकिं जिलाधिकारी इसकी अध्यक्षता करती है। केन मे पोकलैण्ड का पंजा ( बकेट ) उतारकर बाँदा के जल भाग्य को बदकिस्मती मे बदलने का काम स्थानीय मीडिया,खनन ठेकेदारों की सांठगांठ से मुमकिन होता है। हर खदान की लिस्ट चलती है औऱ जहां से रेवड़ी कृपा रुकी वहीं खबर चरचराने लगती है।
पथरी पर जुर्माना तो बाकी पर रहम क्यों –
बाँदा खान अधिकारी राज रंजन जी ने 29 मार्च को पैलानी के ग्राम सांडी व खपटिहा कला की प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी। डीएम साहिबा ने खुद यहां सूचना संसार / किसानों की शिकायत पर जांच की थी। फिर विज्ञप्ति मे नोटिस कार्यवाही के प्रचलन की बात लिखी गई। जिसको ईमानदार खनिज अधिकारी दबाकर बैठ गए है। जुर्माना के बाद भी पथरी का अवैध खनन खबर लिखने तक यथावत है। वहीं मरौली खंड 5 के संजीव गुप्ता का बरियारी मे रामराज्य चल रहा है। यह भी जुर्माना विशेषज्ञ है। आज तक इनकी खदान रसूख से ब्लैकलिस्ट नही हो सकी। वहीं बबेरू मे पूर्व कांग्रेसी विधायक के रक्त संबधी जितेंद्र सिंह ‘चरका’ मौरम खण्ड पर भारीभरकम अवैध खनन करते आ रहे है। इनका मीडिया मैनेजमेंट अनुभव परिवार की विरासत है। उधर सांडी खंड 77 व खपटिहा मे खनिज अधिकारी औचक निरीक्षण कर लेते तो सिस्टम पर शर्म आ जाती लेकिन ‘दाम करे काम,कार्यवाही से किसको आराम’ इस नुख्शे पर दो दर्जन मौरम खण्डों मे बाँदा की भ्रष्टाचार मे डूबी तहबाजारी ( जांच के दायरे मे 3.5 करोड़ की अवैध वसूली) के सानिध्य मे ग्राम पथरी का निखिल शर्मा एंड अदर्स ग्रुप, सांडी मे मल्होत्रा ग्रुप के हबीब ( रस्ता किसान एग्रीमेंट इन्ही के नाम है),जावेद,अजहर ग्रुप और मरौली खंड 2 मे इमरान खान का समाजवाद माननीय मुख्यमंत्री योगी जी की रणनीति / ईमानदारी को धता बतला कर बाँदा ब्यूरोक्रेसी करा रही है। इस क्रम मे पथरी पर जुर्माना कार्यवाही फिलहाल ठीक ही है।