@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
- ग्राम तिंदवारा के दलित अर्जुन की पत्नी रूपा से पहले 50 हजार फिर 10 लाख रुपया रंगदारी मांगने का आरोप जदयू नेत्री शालनी पटेल एवं ज्योति मौर्या पर लगा है।
- तहरीर की शब्दावली को छुपाते हुए दैनिक अमर उजाला ने रंगदारी की रकम मात्र 10 हजार रुपया लिखी है।
- अमर उजाला ने आज 30 जुलाई को प्रकाशित खबर मे तथाकथित पीड़ित अर्जुन की पत्नी रूपा का पूजा लिखा है।
- तहरीरकर्ता दलित अर्जुन घटनाक्रम की शुरुआत मे ज़िला अस्पताल जाने की तारीख व दिन नही खोला है। उसने यहां एक बार शब्द उपयोग किया है।
- प्रथम सूचना रिपोर्ट पढ़कर कोई भी बुद्धजीवी अथवा आम- जागरूक नागरिक एफआईआर को संदिग्ध समझ सकता है। तहरीर मे शाब्दिक तकनीकी की बड़ी गलतियां है जो न्यायालय मे पुलिस की मुसीबत बन सकती है और आरोपियों को बचाने का काम करेंगी।
- सपा महिला मोर्चा अध्यक्ष अर्चना सिंह पटेल से भी शालनी का वादविवाद चल रहा था। इन्होंने ने कोतवाली नगर मे आईटी एक्ट पर एफआईआर दर्ज करवाई थी।
- शालनी पटेल ज़िला पंचायत अध्यक्ष और सदर विधायक से जुड़े विवाद मे सुनील पटेल के समर्थन मे लिखपढ़ रहीं थी।
बाँदा। जनतादल यूनाइटेड ( सीएम नीतीश कुमार ) की पार्टी से जुड़ी यूपी प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा व बुंदेलखंड प्रभारी शालनी पटेल को एक अन्य सहयोगी महिला के साथ बीती रात्रि बाँदा पुलिस टीम ने आरोपियों के घर से गिरफ्तार किया है। जानकारी मुताबिक जदयू की तेजतर्रार एवं तल्ख बोलने को लेकर विवादित नेत्री बाँदा के बबेरू क्षेत्र से ग्राम पल्हरी निवासी युवा शालनी पटेल व अतर्रा रहवासी ज्योति मौर्या को मंगलवार की अर्ध रात्रि गिरफ्तार किया गया। बतलाते चले कि शालनी की सहयोगी पिंकी ने बताया कि शालनी पटेल अपने ऊपर सपा महिला मोर्चा नेत्री अर्चना सिंह पटेल द्वारा आईटी एक्ट मे दर्ज कराई गई एफआईआर के प्रतिरोध मे राजधानी लखनऊ जाने की घोषणा कर चुकी थी। उन्होंने लोकल खुफिया तंत्र व सोशल मीडिया मे इसकी जानकारी पोस्ट कर दी थी। वहीं स्थानीय पुलिस महकमा शालनी पर लगातार बैठकर बात करने का दबाव बना रहा था। लेकिन जिद्दी स्वभाव की युवा नेत्री ने अपना फैसला नही पलटा। अलबत्ता इस दरम्यान शालनी पटेल व अतर्रा की सहयोगी ज्योति मौर्या पर ग्राम तिंदवारा के मूल निवासी दलित अर्जुन ( ई-रिक्शा चालक) की तहरीर मुकदमा अपराध संख्या 233/25 थाना गिरवां पर अभियुक्ता दर्शाते हुए दोनों को मंगलवार की देररात बाँदा शहर के इंद्रा नगर मुहल्ले मे निवास स्थल से गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं बाँदा के अपर पुलिस अधीक्षक श्री शिवराज सिंह ने मीडिया बयान जारी करके मीडिया सेल से पत्रकारों को मामलें से अवगत कराया। वहीं पुलिस मीडिया सेल ने शालनी पटेल पर पूर्व मे दर्ज 6 आपराधिक मुकदमे और ज्योति पर लिखे पूर्व के 2 केस का ज़िक्र करते हुए फ़ोटो सहित विवरण साझा किया है। उल्लेखनीय है कि जदयू नेत्री शालनी पटेल सहित एक अन्य महिला ज्योति मौर्या पर मुकदमा संख्या 233/25 धारा बीएनएस 308(5) व 3(2) 5 एससी/एसटी एक्ट,थाना गिरवां,बाँदा मे तहरीरकर्ता वादी मुकदमा अर्जुन पुत्र शिवपाली ने उक्त दोनों महिलाओं पर क्रमशः पहले 50 हजार फिर दस लाख रुपया रंगदारी मांगने का आरोप मढ़ा है। वहीं वादी मुकदमा अर्जुन ने अपने ज़िला अस्पताल जाने की तारीख व दिन नही खोला है। उन्होंने एक बार शब्द उपयोग किया है। महत्वपूर्ण है कि बाँदा के मुख्य समाचार पत्र अमर उजाला कानपुर संस्करण ने इस मामले पर प्रकाशित खबर मे अर्जुन की पत्नी का नाम पूजा लिखा है जबकि एफआईआर मे पति अर्जुन ने तीन बार रूपा लिखा है। वहीं दैनिक अमर उजाला ने रंगदारी की रकम महज 10 हजार रुपया लिखा जबकिं एफआईआर मे पहले 50,0000 रुपये फिर 10,00000 रुपये अंकित है।
यह त्रुटि जानबूझकर की गई है या सुनियोजित षड़यंत्र का हिस्सा है ताकि मूल तहरीर की कथित शब्दावली से जनता जनार्दन परिचित न हो और उसके संज्ञान मे आंदोलन कर्मियों/ पत्रकारों/ सामाजिक कार्यकर्ताओं पर प्लांट एफआईआर का पुलिस फंडामेंटल तरीका पब्लिक डोमेन मे सार्वजनिक न हो सके इसलिए यह खबर गोलमाल छापी गई है। अब आप लोगों तक उपरोक्त दोनों अभियुक्तताओं (महिला) पर दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट/ एफआईआर को हूबहू रख रहें है। साथ तहरीर का घटना विवरण पेज फ़ोटो खबर के साथ चस्पा है।
शालनी पटेल निवासी ग्राम पल्हरी,क्षेत्र बबेरू की एफआईआर भाषा हूबहू….
सेवा मे,
श्रीमान थानाध्यक्ष महोदय,थाना गिरवां ज़िला बाँदा। निवेदन है कि प्रार्थी अर्जुन पुत्र स्वर्गीय शिवपाली जाति अनुसूचित(चमार) ग्राम तिंदवारा थाना नगर कोतवाली का निवासी हूं।
प्रार्थी के पास एक ई-रिक्शा है। जिससे सवारी ढोने का काम करता है और अपना खर्च चलाता है। एक बार मै अपनी पत्नी रूपा के साथ ज़िला अस्पताल गया था। वहां अपने को नेता व पत्रकार बतलाने वाली शालनी पटेल व साथी ज्योति मौर्या अतर्रा वाली से मुलाकात हो गई। जिसके बाद ये मेरी पत्नी रूपा को धमकाने लगी कि तुम्हारा आदमी ई-रिक्शा चलाकर मोटी कमाई कर रहाहै। यदि बाँदा मे तुम्हे ई-रिक्शा चलाना है तो 50,0000 रुपया रंगदारी देनी पड़ेगी। जब मेरी पत्नी रूपा ने जानकारी कि तो पता चला कि दोनों दबंग व इनकी पहुंच बहुत ऊपर तक है। तो मेरी पत्नी रूपा ने भय वश 50,0000 रुपया दे दिए। किंतु उक्त दोनों महिलाओं ने दिनांक 14-7-2025 को बड़ोखर बुजुर्ग बस स्टॉप पर (गिरवां) मे मेरी पत्नी रूपा को पुनः धमकाते हुए कहा कि अब तुम्हे 10,00000 रुपया और रंगदारी देनी पड़ेगी। नही तो तुम्हारे पति को जान से मार देंगे तथा तुम्हारे पति और रिक्शा को गायब करा देंगे। तथा मेरी पत्नी को जातिसूचक शब्दों से भद्दी-भद्दी गालियां दी। श्रीमान जी उक्त दोनों महिलाओं के डर से अब तक शिकायत नही की थी। परंतु उक्त दोनों महिलाएं लगातार हमसे रंगदारी मांगने का दबाव बना रही है। न देने की स्थिति मे जान से मारने की धमकी दे रही है।
अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि उक्त दोनों महिलाओं शालनी पटेल व ज्योति मौर्या पर मुकदमा दर्ज कर जान-माल की रक्षा करने की कृपा करें।…
दर्ज एफआईआर का लोचा-
सवाल यह है कि क्या न्यायिक तौर पर यह एफआईआर सही प्रतीत होती है ? क्या एक दलित ई-रिक्शा चालक के पास नकद या घर पर या व्यवस्था से 50 हजार रुपया रंगदारी देने की रकम सहजता से जुटाई जा सकती है? यदि ऐसा है तो घटनाक्रम के प्रथम दिन (तहरीर मे बिना दिनांकित) ज़िला अस्पताल मे अभियुक्ता शालनी व ज्योति से पत्नी रूपा को धमकी व रंगदारी की हनक मिलते ही जागरूक ई-रिक्शा चालक कथित पीड़ित दलित अर्जुन ने पुलिस सहायता 112 नम्बर क्यों नही डायल किया था ? वादी अर्जुन सपत्नीक वहां आसपास जनता से मदद मांग सकता था, चिल्लाकर शोर मचाता कि उसको धमकियां दी जा रहीं है । वहीं समीप मे ही सिविल लाइन पुलिस चौकी क्यों नही गया ? व जिला अस्पताल से आधा किलोमीटर दूर ही बाँदा पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी है वह वहां या एक-दो दिन बाद प्रार्थना पत्र लेकर क्यों नही गए थे ?
अतिश्योक्ति है वह दलित दंपति सूचना तंत्र और वव्हाट्सएप / सोशल मीडिया होने के बावजूद मौन रहे। जाहिर है 50 हजार रुपया रंगदारी देने वाला स्मार्ट फोन (कर लो दुनिया मुट्ठी मे) चलाता होगा। दोनों से अभियुक्ता शालनी ने जब बड़ोखर बुजुर्ग बस स्टॉप गिरवां मे पुनः 14 जुलाई को 10 लाख रुपया रंगदारी मांगी तो पीड़ित दंपति का इकबाल जाग उठा और उन्होंने वहीं सूचना देकर एफआईआर दर्ज करा दी। जिसमे फौरी तौर पर दोनों महिला अभियुक्ता गत मंगलवार रात्रि गिरफ्तार हो गई।
गौरतलब है यहां सूचना संसार संवाददाता उक्त दोनों अभियुक्ता से तनिक भी हमदर्दी न्यायिक परिप्रेक्ष्य मे नही रखता है। क्योंकि शालनी पटेल ने 31 मई वर्ष 2022 को विद्याधाम के चिंगारी संगठन एनजीओ संचालक व संवाददाता के दुश्मन राजाभैया यादव से मिलकर तत्कालीन एसपी श्री अभिनंदन सिंह के संरक्षण मे तत्कालीन सीओ सिटी श्री राकेश कुमार सिंह व दरम्यानी नगर कोतवाल राजेंद्र सिंह राजावत ( वर्तमान बबेरू कोतवाली इंस्पेक्टर) की सांठगांठ से कूटरचित मुकदमा संख्या 0424/22 मानिकपुर की दलित महिला से फर्जी लिखाया था। इसमे पुलिस ने संवाददाता को फर्जी 26 दिन जेल मे रखा था। फिर मिथ्या चार्जशीट लगाई गई। पत्रकार की माताजी पर भी पुलिसकर्मियों ने दुराग्रह निकाले और मुकदमा 0428/22 नगर कोतवाली मे ही लिखा गया। इसमे भी चार्जशीट लगी।
आज वक्त की करवट देखिए जहां शालनी पटेल सेशन कोर्ट विशेष न्यायालय एससी/एसटी जस्टिस डाक्टर विकास श्रीवास्तव के समक्ष बतौर अभियुक्ता दिनांक 29 जुलाई को पेश की गई और 14 दिन की न्यायिक हिरासत मे जेल गई है । उन्ही आदरणीय जज साहब डाक्टर विकास श्रीवास्तव ने दिनांक 24 जून 2025 को जनसेवी व संवाददाता सूचना संसार को मुकदमा अपराध संख्या 0424/22 मे दोषमुक्त / बरी किया था। समय की विडंबना देखिए इसी कोर्ट मे पेश होकर राजाभैया 21 फरवरी से जून के प्रथम सप्ताह तक जेल मे रहें है। इसलिए सतकर्ता से सत्कर्म करते हुए सच्चाई से ईश्वरवादी होकर पत्रकारिता / जनसेवा / राजनीति/ नौकरी करिये लेकिन किसी के साथ कभी क्षल, कपट,बेईमानी एवं उसके चरित्र को झूठा सड़कों पर उछालने का काम मत करें। क्योंकि ईश्वर सबकुछ देखता है।