बाँदा के ग्राम बघेलाबारी मे पशुओं की तस्करी का नेटवर्क... | Soochana Sansar

बाँदा के ग्राम बघेलाबारी मे पशुओं की तस्करी का नेटवर्क…

  • बांदा: पशु बाजार की आड़ में चल रहा पशु तस्करी का काला कारोबार पुलिस की मिली भगत आई सामने।
  • बाँदा के थाना फतेहगंज क्षेत्र ग्रामपंचायत बघेलाबारी का मामला। तस्करी के नेटवर्क यूपी, एमपी तक फैले है।

बांदा। ज़िले की अति ग्रामीण सीमा से लगे थाना फतेहगंज क्षेत्र के ग्राम बघेलाबारी पशु बाजार मे पशुओं के तस्कर बेखौफ होकर पशुओं को क्रूरता से वाहनों मे ठूंसकर ले जा रहे है। वहीं स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता इस काले धंधे को बढ़ावा मिल रहा है। स्थानीय सिंडिकेट को बीते दिन बाँदा के कुछ पत्रकारों ने खुलासा किया।

उन्होंने बताया कि सूत्रधार पशु तस्कर के अनुसार चित्रकूट के थाना भरतकूप से लेकर मध्य प्रदेश के सीमावर्ती ज़िले मसलन पन्ना, छतरपुर व बाँदा के थाना फतेहगंज से जुड़े बघेलाबारी ग्रामपंचायत तक पशु तस्करी का एक पूरा ग्रामीण सिस्टम सेट है।

जिसमें ऊपर से नीचे तक हिस्सा बंधा हुआ है। इसकी तस्दीक वीडियो बयानी है। उन्होंने जानकारी दी कि हाल की इस घटना मे पुलिस को पत्रकारों द्वारा सूचना देने के बावजूद पशुओं के तस्कर पशुओं सहित पुलिस की आंखों के सामने फरार हो गए है।

वहीं पुलिस का रवैया ढुलमुल रहा। जब संवाददाता अनवर राजा रानू ने पुलिस के क्षेत्रीय अफसर से आन कैमरा सवाल किया तो जवाब मिला कि यह हमारी सीमा मे नहीं है !!! वहीं पुलिस के सामने वाहन चालक भी वाहन छोड़ कर भाग गया और यह हाथ पसारे रह गए। यह स्थिति न केवल पशु क्रूरता को बढ़ावा दे रही है।

बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा रही है। हालांकि बांदा में पहले भी पशु तस्करी के खिलाफ कार्रवाई हुई है। उदाहरण के लिए गत मार्च 2025 मे गिरवां थाना पुलिस ने चेकिंग के दौरान तीन तस्करों को गिरफ्तार किया था। जिनके पास से 8 भैंस और 11 पड़वा बरामद हुए थे। यह कड़ी कार्यवाही तत्कालीन एसपी बाँदा अंकुर अग्रवाल के निर्देश पर हुई थी। फिर भी फतेहगंज और बघेला बारी जैसे क्षेत्रों मे तस्करी का धंधा बदस्तूर जारी है जिससे स्थानीय पशु पालकों में भय और असंतोष बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि बाद मे जो पुलिस आई वह वहीं कुछ वक्त पहले सादे कपड़ों मे सफेद गाड़ी लिए खड़े थे।
सूचना संसार को सूत्रधार व पत्रकार अनवर राजा रानू ने व्यक्तिगत सुझाव पुलिस प्रशासन को देते हुए बतलाया कि इस मामले मे ज़िले / क्षेत्रीय पुलिस टीम को सख्ती बरतने की जरूरत है। वहीं थाना फतेहगंज, बघेलाबारी पशु बाजार मे इस मसले पर नियमित चेकिंग, गोपनीय सूचना तंत्र को मजबूत करने की ज़रूरत है।

साथ ही पशु तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए जिससे स्थानीय प्रशासन को इस सांठगांठ की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने मे सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि बघेलाबारी व आसपास मध्यप्रदेश के रास्ते पशु तस्करी, पशुओं पर क्रूरता और अवैध पशु बाजार पर अंकुश लग सके इसके लिए ग्रामीण मित्र पुलिस (गांव के मुखबिर) भी तैनाती अथवा प्रशिक्षण दिया जा सकता है।

वहीं पुलिस को राज्य की सरहद पर नाकाबंदी और गश्त बढ़ानी चाहिए। खासकर फतेहगंज और भरतकूप क्षेत्रों मे पशु बाजारों मे सीसीटीवी और सख्त निगरानी की व्यवस्था होना आवश्यक है। मौके पर पत्रकारों से लोगों ने स्थानीय लोगों और पशुपालकों से गुप्त सूचनाओं के लिए हेल्पलाइन शुरू करने की पहल करने का सुझाव दिया गया। इस तस्करी के नेटवर्क/ग्रामीण नेक्सेस की गहनता से जांच हो जिससे इस खेल मे संलिप्त पुलिस कर्मियों पर भी कड़ी कार्यवाही संभव हो सके।
इस काले कारोबार को रोकने के लिए तत्काल और कठोर कदम उठाना जरूरी है। अन्यथा पशुओं की कालाबाजारी का यह गोरख धंधा और गहरा जड़ें जमाएगा।

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