इस खदान से जुड़ी 9 अप्रैल की खबर नीचे लिंक मे पढ़े जिसमे गत 29 मार्च को जारी प्रेस विज्ञप्ति पर मौन साधे खान अधिकारी राज रंजन पे सवाल खड़े है
@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
- पैलानी तहसील के ग्राम सांडी मे न्यू यूरेका माइन्स एंड मिनरल्स के पट्टेधारक द्वारा दीमक की तरह चट करते हुए केन नदी से लगी किसानों खेत की कगारों को मौके पर जांच टीम ने खुली आँखों से देखा।
- डेढ़ हाथी बराबर गहराई से किसानों के खेतों की कगारों को पोकलैंड से काटकर लाल मौरम निकाल रहे है खदान संचालक सांडी खण्ड 77 में मौरम ठेकेदार। सारे नियम ताक पर और सब अफसर खामोश।
- ठेकेदार के नुमाइंदे जैकी सिद्दकी आदि मौके पर रहे मौजूद। पकड़ी गई पोकलैंड को एसडीएम पैलानी ने नही किया गया सीज, जब मौके पर किसान ने पूछा तो बोले देख रहा हूँ!!!
- बीते 29 मार्च को बाँदा डीएम ने मौके पर जाकर किसानों की शिकायत के मद्देनजर खदान देखकर ठेकेदार के कारखास अजहर को लगाई थी फटकार, अवैध खनन बन्द करने, किसानों की ज़मीन से बिना उनकी अनुमति मौरम न निकालने और ओवरलोडिंग बन्द करने की सख्त हिदायत दी थी। लेकिन चिकना घड़ा कहां मानता है उन्हें तो केन नदी को पट्टे की आड़ मे लूटना है फिर अधिकारी रोके या माननीय सरकार।
- खान अधिकारी राज रंजन जी ने आज तक 29 मार्च की प्रेस विज्ञप्ति अनुसार इस खदान मे मौके पर जिलाधिकारी को मिले अवैध खनन के निशान , ओवरलोडिंग, टेम्पर्ड नम्बर के वाहन पर नोटिस देने की बातों पर आज तक अमल नही किया है।
- पूर्व के 48 लाख जुर्माना को भूलकर यह खदान संचालक नित-नए कीर्तिमान ग्राम सांडी की मौरम खदान मे बेखौफ स्थापित कर रहा है। जाहिर है बिना संरक्षण इतना मनोबल बढ़ ही नही सकता है।
- मीडिया मैनेजमेंट, सिस्टम से ब्यूरोक्रेसी को साधना और लीज पट्टे को आड़ बनाकर अवैध खनन की इबारत लिखना ग्राम सांडी खण्ड 77 की नियति और आदत मे शुमार हो चुका है।
- गर्मी मे मृत होती केन नदी के मानिंद खत्म होते जलस्रोत की यह विडंबना बुंदेलखंड के जिला बाँदा मे लगभग अन्य 15 खदानों पर कमोबेश एक सी है।
बाँदा। छतरपुर के सूत्रधार की मानें तो यूपी के बाँदा मे ग्राम सांडी खदान संचालक फर्म न्यू यूरेका माइन्स एंड मिनरल्स मौरम-बालू कंपनी जिसने छतरपुर जिला और पुन: पन्ना जिले का टेंडर लिया था। वहीं मध्यप्रदेश का पन्ना जिला पूरी अवैध चल रहा है। यह फर्म बाँदा के ग्राम सांडी की रॉयल्टी देते थे अब छतरपुर की देते है।
गौरतलब है कि छतरपुर जिले की मात्र दो या तीन खदानों की रॉयल्टी पर पूरा जिला चला रहें है। वहीं बांदा की सोना खदान जो कि शिवा कंपनी लिए है उसमें भी ये न्यू यूरेका कंपनी पार्टनरशिप में है। वहीं नरैनी के आगे बिल्हरका खदान में भी शिवा कंपनी के साथ ग्राम सांडी की फर्म न्यू यूरेका माइन्स एंड मिनरल पार्टनर है।
बाँदा के ग्राम सांडी,बिल्हका और मध्यप्रदेश के छतरपुर,पन्ना तक इस माइनिंग कम्पनी का साम्राज्य पट्टे टेंडर पर केन नदी के पानी एवं किसानी की किस्मत को बदकिस्मती की तरफ सरेंडर कराने पर आमादा है। ग्राम सांडी के किसानों ने कार्यवाही न होने पर यूपी के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी के दरबार तक जाने की बात कही है। उन्हें लगता है कि बाँदा के नक्कारखाने मे उनकी बात सुनी नही जाएगी।