राजा बुंदेला ने पृथक बुंदेलखंड राज्य को पुनः पदयात्रा की मशाल उठा ली,जुबान फिसली तो प्रेसवार्ता मे निकली गाली… | Soochana Sansar

राजा बुंदेला ने पृथक बुंदेलखंड राज्य को पुनः पदयात्रा की मशाल उठा ली,जुबान फिसली तो प्रेसवार्ता मे निकली गाली…

@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।

  • चित्रकूट मंडल के बाँदा मुख्यालय मे 7 अप्रैल को सर्किट हाउस मे की गई प्रेसवार्ता।
  • अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर 20 अप्रैल से हमीरपुर के राठ से शुरू होगी दूसरे चरण की पदयात्रा, चित्रकूट मंडल को के चार ज़िले तक जाएगी।
  • तीखे सवालों की गर्माहट से तरबतर रही प्रेसवार्ता, राजा बुंदेला की जुबान फिसली तो निकल गई गाली। कैमरा चल रहा था और अपशब्द रिकार्ड हो गए।
  • राजा बुंदेला ने केन-बेतवा लिंक योजना को बुंदेलखंड के साथ फरेब करार दिया है,उन्होंने इसपर सूचना संसार से बेबाक बातचीत की है।


बाँदा। पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर दूसरे चरण की पदयात्रा 20 अप्रैल से निकलेगी। यह हमीरपुर के राठ से शुरू होकर महोबा, बाँदा, चित्रकूट तक जाएगी। गौरतलब है कि राजा बुंदेला ने बीते सोमवार प्रेसवार्ता मे दावा किया कि वे विगत 27 वर्षों से बुंदेलखंड राज्य की मांग पर संघर्ष कर रहे है। बतलाते चले कि राजा बुंदेला बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष है। सत्तारूढ़ बीजेपी के सदस्य है। झांसी मंडल के ललितपुर से मूल निवासी राजा बुंदेला ने बाँदा सर्किट हाउस मे सोमवार को प्रेसवार्ता की है। उनका मुद्दा था ‘पृथक बुंदेलखंड राज्य’ !! इसको लेकर वे सतत सक्रियता का दावा करते है। इसी कड़ी मे पिछली पदयात्रा और वार्ता के दौर को आगे बढ़ाते हुए झांसी मंडल की प्रथम चरण पदयात्रा के बाद अब बुंदेलखंड विकास बोर्ड उपाध्यक्ष राजा बुंदेला दूसरे चरण की पदयात्रा 20 अप्रैल से करेंगे। उन्होंने बताया कि उनके साथ अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग करने वाले 18 संगठन बैनर है। उन्होंने कहा कि वे चाहते है समाज के लोग व युवा भी उनके साथ हमराह बनें जिससे केंद्र व राज्य सरकार पर अलग बुंदेलखंड राज्य देने का दबाव बनाया जा सके। राजा बुंदेला ने प्रेसवार्ता मे कहा कि उन्होंने 27 साल से इस मुद्दे को उठाया है। वहीं महोबा-हमीरपुर पूर्व लोकसभा सांसद पुष्पेंद्र सिंह चन्देल ने भी संसद सत्र मे दो बार अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग पर प्रश्नकाल मे संवाद किया। बकौल राजा बुंदेला जी बुंदेलखंड खनिज से बड़ा राजस्व देता है लेकिन उसका लाभ बुंदेलखंड को नही मिलता है। यहां से किसान आत्महत्या, पलायन रोकना है और युवाओं का रोजगार वापसी कराना है तो बुंदेलखंड राज्य ही समाधान है। प्रेसवार्ता के दरम्यान सूचना संसार संवाददाता के तीखे सवालों से राजा बुंदेला पर मानसिक दबाव बनता देख अन्य पत्रकारों ने भी उनसे गर्माहट भरे ज्वलंत सवाल पूछे लेकिन उनका संतोषजनक उत्तर नही मिल सका। प्रेसवार्ता के दरम्यान बुंदेलखंड विकास बोर्ड उपाध्यक्ष राजा बुंदेला जी की अनायास जुबान फिसली तो वे नेताओं को तंज देने के अंदाज मे भो@…!!! अपशब्द को बोल बैठे। पत्रकारों के आन कैमरे पर यह वाकया भी रिकार्ड हो गया। अलबत्ता ऐसा होना लाजमी होता है जब व्यक्ति जोश मे होश खो बैठे या अति उत्साह मे आत्ममुग्ध प्रेसवार्ता कर रहा हो। बरहाल राजा बुंदेला ने अपने करीबी अधिवक्ता व सपा सरकार के हाईकोर्ट मे शासकीय महाअधिवक्ता रहे श्री विजयबहादुर सिंह के मार्फत सर्वोच्च न्यायालय मे एक याचिका की बात भी कही किंतु संवाददाता के द्वारा याचिका नम्बर पूछने पर उत्तर नही मिल सका। फिर वे बोले कि अधिवक्ता से पूछकर बतलायेंगे। संवाददाता ने उनसे भरी प्रेसवार्ता मे कि आप कैसा बुंदेलखंड चाहते है के क्रम मे यहाँ बाँदा से ललितपुर तक नदियों, पहाड़ों के बेतहासा खनन , जंगल कटान, बिना अध्ययन-विश्लेषण किये हुए केन-बेतवा लिंक परियोजना, बक्सवाहा प्रोजेक्ट पर सवाल किए। तब राजा बुंदेला जी ने बेबाकी से ‘केन बेतवा नदी गठजोड़’ को बुंदेलखंड के साथ फरेब करार दिया है। उन्होंने कहा कि मैं भले ही भाजपा से जुड़ा हूँ लेकिन एक आम नागरिक की हैसियत से यह विरोध है कि केन-बेतवा परियोजना बुंदेलखंड के लिए मुफीद नही है। यहां के जनप्रतिनिधियों को उसका ग्राउंड पर विश्लेषण पन्ना टाइगर रिजर्व व डूब क्षेत्र से प्रभावित गांवों मे जाकर करना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए ललितपुर मे बिड़ला के पावर प्लांट पर सवाल खड़े किए की उत्पादित बिजली का लाभ तो पूंजीपति ले रहा है गांव को क्या मिला ? कोयला का डस्ट और राख , अत्यधिक प्रदूषण व किसानी की बर्बादी। गांव को उस प्लांट से बिजली नही मिलती है। वहीं उन्होंने एक अन्य उदाहरण मे पानी का ज़िक्र करते हुए कहा कि जिस गांव मे उक्त बांध परियोजना है वही गांव जलसंकट से जूझ रहा है।

केन का पानी बेतवा मे लिफ्ट कराना गलत-


राजा बुंदेला ने कहा कि नदी गठजोड़ से 40 लाख पेड़ो का कटान, 6 हजार हेक्टेयर वनभूमि का विनाश और 15 गांव का विस्थापन 40 हजार करोड़ की सिंचाई परियोजना से मिलेगा। बुंदेलखंड की जैवविविधता खत्म हो जाएगी, यहां वैसे भी गर्मी का तापमान 50 से ऊपर जाता है। केन बेतवा लिंक नहर पर सिंचाई चैनल बनाकर अन्य जिलों को पानी देने का सपना सही साबित नही होगा। हर नदी की तासीर अलग होती है।


बुंदेलखंड राज्य ही समाधान-


बुंदेलखंड विकास बोर्ड उपाध्यक्ष ने तमाम समस्याओं से निजात को एकमात्र समाधान बुंदेलखंड राज्य बतलाया। उन्होंने कहा कि जनता हमारा सहयोग करे। हमने 20 अप्रैल से दूसरे चरण की पदयात्रा करने का प्लान जारी किया है। इसके बाद हम अन्य समाज के अगुआ लोगो को साथ लेकर दिल्ली मे जंतरमंतर या अन्यत्र विशाल जनसभा करेंगे। सरकार से हमने जगह मांगी है लेकिन यह आंदोलन हिंसात्मक नही होगा। प्रेसवार्ता के समसामयिक सवालों के क्रम मे राजा बुंदेला से जब पूछा गया कि आपने गत 7 साल के कार्यकाल मे कितने पत्र प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी को अलग बुंदेलखंड राज्य के लिए लिखे या कोई एक वीडियो अवैध खनन का कभी सोशल मीडिया पर जारी किया हो तो बतलाए, इस पर वे बचाव की मुद्रा मे उत्तर देते दिखे कि उन्होंने आरटीआई लगाई है। एक पत्रकार पंकज त्रिपाठी ने उनसे कहा कि इस सरकार मे सूचना अधिकार की जितनी दुर्गति हुई है पहले कभी नही हो सकी। जो खबर लिखता है उस पर मुकदमे होते है। राजा बुंदेला के साथ प्रेसवार्ता मे बाँदा से जनप्रतिनिधि जयराम सिंह बछेउरा,धन्नजय सिंह जसपुरा, विवेक सिंह कछवाह शहर बाँदा सहित अन्य युवा साथी व दिल्ली के लोग रहे। वहीं जयराम सिंह ने भी पत्रकारों से बातचीत की और अपना पक्ष राजा बुंदेला के समर्थन मे रखा।

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