@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
- बीते 3 जून 2025 को बाँदा के थाना चिल्ला अंतर्गत ग्राम चकला निवासी सुनील निषाद को हाफ इनकाउंटर मे किया था गिरफ्तार।
- सजातीय 3 वर्षीय मासूम के साथ सुनील ने की थी दरिंदगी। इलाज के दरम्यान बच्ची की मौत।
- आरोपी सुनील निषाद ज़िला कारागार मे है वहीं उसकी पत्नी और बच्चे मायके मे है।
- अभियुक्त के पिता गुजरात मे करते है मजदूरी, प्रशासन मुताबिक उन्होंने मौजा चिल्ला बांगर तहसील पैलानी के गाटा संख्या 639 श्रेणी 5-1 नवीन परती भूमि पर अनाधिकृत कब्जा करके मकान बनाया था।
- आरोपी सुनील निषाद के पिता लोटन प्रसाद पुत्र बैजनाथ ने ग्रामसभा की ज़मीन पर कब्जा किया।
- तहसीलदार राधेश्याम ने डीएम के आदेश पर पैलानी न्यायालय से धारा 67 अंतर्गत पारित आदेश पर कार्यवाही की है।
- नियमानुसार आरोपी के पिता लोटन को कई नोटिस दिए लेकिन कब्जा नही हटाया गया।
- मुकामी पुलिस ने सीओ सदर राजीव सिंह, तहसीलदार राधेश्याम, एसडीएम अंकित वर्मा व पुलिस बल की मौजूदगी मे बुलडोजर कार्यवाही से मकान ध्वस्त कर दिया।
- गौरतलब है अभियुक्त ने 3 वर्षीय बच्ची को टॉफी के बहाने घर बुलाया, पत्नी मायके गई थी। सुनील ने बर्बरता से दुष्कर्म किया और मछली भरने वाले आइस बॉक्स मे मरणासन्न पीड़िता को बन्द करके जंगल मे फेंक दिया था।
- पुलिस ने एफआईआर मे टालमटोल की, गांव वालों ने सड़क जाम किया तो एफआईआर लिखी गई। शराबी सुनील ने बच्ची को जंगल से बरामद कराया।
- सीओ उसको गोद मे लेकर मेडिकल कालेज पहुंचे जहां फौरी इलाज के बाद हैलट कानपुर रिफर किया।
- लड़कीं का प्राइवेट पार्ट बुरी तरह क्षतिग्रस्त था, बेहद रक्तस्राव होने और समय पर सही इलाज व खून न मिलने से मौत हो गई।
- ग्रामीण जनों ने अभियुक्त के घर पर कार्यवाही की मांग उठाई थी। उनके अनुसार वह आदतन अपराधी प्रवृति का था। पहले वही हरकत की थी लेकिन बात दब गई।
बाँदा। बाँदा के इस चर्चित दुष्कर्म कांड पर अभियुक्त की गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस ने सुनील निषाद को हाफ इनकाउंटर मे गिरफ्तार किया था। पीड़िता के परिजनों को सरकार व राजनीतिक पार्टियों ने आर्थिक मदद दी थी। लेकिन गांववासियों ने सुनील निषाद के घर पर भी कार्यवाही की मांग की थी।
डीएम श्रीमती जे रीभा के आदेश पर तहसीलदार राधेश्याम व एसडीएम अंकित वर्मा ने ग्राम सभा की ज़मीन नवीन परती पर अवैध कब्जे होने की पुष्टि पर 2 सितंबर को बुलडोजर कार्यवाही की है। ग्रामीण खुशी है उन्होंने अपराधी के साथ सही कार्यवाही पर संतोष व्यक्त किया। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय व हाईकोर्ट पहले भी बुलडोजर कार्यवाही पर प्रश्नचिन्ह लगा चुका है। किंतु उन्होंने अवैध निर्माण की दशा मे प्रशासन की कार्यवाही पर हस्तक्षेप से इंकार किया है।