

@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
- सवाल यह कि क्या दरिंदों के लिए मासूम बेटियां सिर्फ हवस मिटाने का साधन है ? दो दिन के अंतराल मे सूबे की राजधानी लखनऊ मे ढाई साल की बच्ची तो बाँदा मे 3 साल की मासूम से दुष्कर्म…!!!
लखनऊ/बाँदा। उत्तरप्रदेश मे रोजमर्रा दुष्कर्म की घटित घटनाओं मे बीते दो दिन बड़े क्रूरतापूर्ण निकले है। राजधानी लखनऊ के आलमबाग इलाके के मेट्रो स्टेशन के समीप उन्नाव निवासी कबाड़/कूड़ा बीनकर जींवन बसर करने वाले अति गरीब परिवार की अबोध बेटी के साथ आरोपी ‘दीपक’ ने वहसीपन मे दुष्कर्म किया। इस दरिंदे ने रात्रि मे बच्ची को सोते हुए मातापिता के पास से उठाकर दुष्कर्म किया। जरा इस दुष्कर्मी के नाम पर गौर करिएगा ‘दीपक’ !!! नाम है इसका लेकिन किसी की ज़िंदगी मे उजाला करने के बजाय इसने उसको बेरूप, बे-इंसानियत होते जा रहे समाज की विकृतियों का दंश दिया है। ऐसा दर्द और दुःख जो शायद कभी भर सकेगा। खैर अबोध बच्ची के साथ क्रूरता पूर्ण घटना करने वाले को लखनऊ पुलिस प्रशासन ने 24 घण्टे से कम वक्त मे मुठभेड़ पर मार गिराया है।

लखनऊ के पारा डूडा कालोनी निवासी दीपक पर पुलिस ने 1 लाख रुपया ईनाम घोषित किया था। खैरमकदम यह मुठभेड़ थी या मुल्जिमानों को सबक देने का सलीका लेकिन ऐसे अपराधियों के लिए समाज मे कोई जगह नही होनी चाहिए। क्योंकि जिस समाज को उसके ही अंश से खतरा पैदा होने लगे उस वजह को समाप्त किया जाना ही समयानुकूल है। अलबत्ता समाज मे बेटियां सुरक्षित रह सके इसलिए प्रदेश सरकार की तरफ से ऐसे कड़े संदेश की सख्त ज़रूरत है। दीपक के इनकाउंटर मे पुलिस को ढाई साल की बच्ची के साथ वारदात मे इस्तेमाल की गई स्कूटी, तमंचा, दो ज़िंदा कारतूस, मोबाइल बरामद हुआ है। डीसीपी आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक भोर करीब 3 बजे आलमबाग के देवीखेड़ा मे चेकिंग के दरम्यान पुलिस को गन्ना संस्थान के पास दीपक वर्मा जाता हुआ दिखाई दिया था। पुलिस ने उसको रुकने का संदेश दिया लेकिन वह भागने लगा। जल्दबाजी मे 50 मीटर बाद उसकी स्कूटी गिर गई। उसने उठकर पुलिस टीम पर गोली चलाई, मना करने पर दूसरी गोली चली। इस बीच जींवन रक्षा हेतु पुलिस की जवाबी कार्यवाही मे दो गोली दीपक को सीने पर लगी। गम्भीर अवस्था मे आरोपी को लोकबंधु अस्पताल इलाज के ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया। गौरतलब है सीसीटीवी फुटेज मे अभियुक्त दीपक रात्रि को ढाई वर्ष की बच्ची को उठाते हुए दिखा था। वह भागकर मेट्रो स्टेशन लिफ्ट के पास गया और बच्ची से दुष्कर्म किया। यह घटनाक्रम इतना वीभत्स था कि अबोध बच्ची का प्राइवेट पार्ट फटकर रक्तरंजित हो गया। मांस का लोथड़ा बाहर निकल आया था। अस्पताल मे इलाज करते डाक्टर तक इस नरभक्षी घटना से व्यथित थे।
बाँदा के चिल्ला मे सुनील निषाद ने मासूम से किया दुष्कर्म, पुलिस ने हाफ इनकाउंटर किया-

यूपी के ही बाँदा मे 4 जून को एक दुःखद घटना मे थाना चिल्ला अंतर्गत शादीशुदा युवक सुनील निषाद ने 3 वर्ष की बेटी से बलात्कार किया। सजातीय आरोपी ने बेटी को टॉफी के बहाने घर बुलाया फिर दुष्कर्म किया। वारदात के बाद उसको जंगल छोड़ दिया। परिजनों ने जब बेटी के गुमशुदगी की जानकारी पुलिस को दी तो आनाकानी करती व्यवस्था ने परिवार के सड़क जाम करने तक उनकी नही सुनी। गांववासियों औऱ परिजनों के हल्ले पर पुलिस अधीक्षक पलास बंसल तक बात पहुंची। उन्होंने तुरन्त टीम गठित करते हुए आरोपी व बेटी को तलाश करने का फरमान जारी किया। आनन फानन मे थानाध्यक्ष चिल्ला अनुपमा तिवारी सहयोगी पुलिस टीम के साथ सर्चिंग पर निकली।

वहीं ग्रामवासियों / मुखबिर की निशानदेही पर जंगल से बेटी को घायलावस्था मे बरामद किया गया। उसका इलाज बाँदा मेडिकल कालेज मे हुआ लेकिन बच्ची की हालत मे सुधार न होने पर उसको कानपुर रिफर किया गया। फिलहाल पुलिस ने ऑपरेशन लंगड़ा के तहत अभियुक्त सुनील निषाद का हाफ इनकाउंटर किया। यह युवक विवाहित है और पिता भी है। पत्नी मायके चली गई थी तब इसने यह वारदात कारित की है।

असंवेदनशील समाज के इन परिदृश्य पर खबर लिखते हुए भी आक्रोश भर जाता है। पुलिस अभियुक्त को पकड़ती है, वह जेल जाता है, कुछ माह बाद जमानत मिल जाएगी, ट्रायल केस कुछ साल चलेगा फिर साक्ष्यों के आधार पर सजा या न्याय मुकर्रर होगा। या गांवदारी मे दबाव पड़ा तो समझौता भी हो जाते है। लेकिन ऐसे मुकदमे मे त्वरित चार्जशीट व ट्रायल की आवश्यकता है जिससे यह दुर्लभतम अपराध रोकने मे सरकार व क़ानून व्यवस्था को मदद मिल सके।