@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
- वर्तमान बार संघ अध्यक्ष अधिवक्ता द्वारिकेश सिंह यादव उर्फ मंडेला एवं पूर्व बार संघ अध्यक्ष अधिवक्ता फौजदारी अशोक दीक्षित के बीच चल रही तनातनी खूनी संघर्ष मे तब्दील।
- फरवरी माह सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी की निधि से निर्मित 6 कक्षों/कमरे के आवंटन प्रक्रिया मे मनमानी का वर्तमान अध्यक्ष लगा रहें है आरोप।
- वर्तमान अध्यक्ष ने अधिवक्ता गोबिंद प्रसाद तिवारी को वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता अशोक दीक्षित का कमरा एलाटमेंट कर दिया जिससे विवाद बढ़ गया है।
- कानून के विधि ज्ञाताओं और रखवालों के बीच हुई हिंसा/मारपीट देखकर न्यायालय परिसर के न्यायाधीश एवं आम नागरिकों मे अतिश्योक्ति।
- अधिवक्ताओं की इस गुटबाजी व हिंसा से बाँदा न्यायालय परिसर मे तनाव की स्थिति बढ़ते देखकर एसपी पलाश बंसल जी ने अपर एसपी शिवराज सिंह के नेतृत्व मे घटनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया।
बाँदा। मंगलवार एक जुलाई 2025 का दिन बाँदा न्यायालय परिसर के लिए शुभमंगल नही रहा। विधिज्ञाताओं और कानून के जानकारों मे ही कमरे की कब्जेदारी को लेकर मारपीट की घटना कारित हो गई। वैसे तो यह रार विगत 6 माह से चल रही थी, लेकिन मंगलवार को इसने द्वंद ने खूनी संघर्ष की तस्वीर इख्तियार कर ली। बाँदा न्यायालय शताब्दी भवन परिसर मे गत 6 माह पूर्व सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी के प्रयास से विधायक निधि की धनराशि से 6 कमरों का निर्माण कार्य हुआ था।

यह निर्माण कार्य निवर्तमान बार अध्यक्ष व फौजदारी के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक दीक्षित के कार्यकाल मे हुआ था। विधायक निधि जारी हुई तो बाकायदा वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक दीक्षित के कालू कुआं घर पर सदर विधायक और फौजदारी अधिवक्ता जी की शिष्टाचार भेंटवार्ता भी हुई। वहीं निर्माणधीन कमरों का विधिवत भूमि पूजन हुआ। तत्पश्चात जब कमरों का निर्माण कार्य कुछ शेष रह गया तो आनन फानन मे पूर्व अधिवक्ता संघ अध्यक्ष अशोक दीक्षित ने सदर विधायक एवं उनके समर्थकों की उपस्थिति मे शिलान्यास भी कराया।

गौरतलब है कि इधर फरवरी माह मे हर साल अधिवक्ता संघ के वार्षिक चुनाव होते है। तो इसकी नामांकन प्रक्रिया व चुनाव तिथि भी घोषित हो गई थी। अधिवक्ताओं की तरफ से इल्डर्स कमेटी चुनाव दरम्यान बार संघ के सारे निर्णय देखती व लेती। इस क्रम मे वे अपना कामकाज करते रहे। उधर कार्यकाल खत्म होने की दस्तक पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक दीक्षित ने निर्माण हुए कमरों मे से एक कमरा अपने लिए आवंटित कर लिया। जानकारी अनुसार वे यहां करीब 40 साल से बैठते है। यहीं से न्यायिक मुकदमों की पैरवी वे करतें है। वहीं नए शताब्दी भवन मे भी एक कमरा उन्हें पहले से एलाटमेंट है लेकिन वहां वे कम ही बैठते रहें है क्योंकि उनकी पुरानी चिरपरिचित बैठने की जगह पुराना शताब्दी भवन/ बार संघ भवन परिसर ही रहा है।

उनके मुआक्किल भी यह बात जानते है। मिली जानकारी मुताबिक नए कमरों मे भी निवर्तमान अध्यक्ष द्वारा कमरे एलाटमेंट की बात वर्तमान अध्यक्ष द्वारिकेश सिंह यादव उर्फ मंडेला को हजम नही हुई। इस बदहजमी से वे आग बबूला हो गए और 6 माह पूर्व भी कमरों की कब्जेदारी मे नूराकुश्ती हो चुकी थी।
मंगलवार को हुई मारपीट-

बाँदा न्यायालय परिसर की गरिमा मंगलवार को धूल-धूसर हो गई। न्यायालय परिसर पुराने शताब्दी भवन / बार संघ भवन परिसर मे मंगलवार को अधिवक्ता गोबिंद प्रसाद तिवारी एवं अधिवक्ता अशोक दीक्षित के समर्थक कायदे से संघर्ष किये। इस घटनाक्रम मे वर्तमान बार संघ अध्यक्ष द्वारिकेश सिंह यादव उर्फ मंडेला की महती भूमिका रही। उन्होंने फौजदारी के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक दीक्षित के बैठने की जगह अन्य अधिवक्ता गोबिंद प्रसाद तिवारी को आवंटित कर दी। पूर्व अधिवक्ता संघ अध्यक्ष के द्वारा विधायक निधि से बनवाये गए कमरों मे से एक कमरे का आवंटन खुद को कर दिया गया है। इससे बिफरे वर्तमान अधिवक्ता संघ अध्यक्ष गोलबंदी मे जुट गए। उन्होंने सवर्ण को सवर्ण से भिड़ाने के पैंतरे पर तिवारी बनाम दीक्षित करा दिया। जितनी चाबी भरी राम ने उतना चले खिलौना वाली कहावत मे गोबिंद प्रसाद तिवारी ने अशोक दीक्षित के कमरे का ताला तोड़कर खुद को आवंटन कमरे की हकदारी मे दावा ठोंक दिया। वे अशोक दीक्षित के 40 साल पुरानी जगह पर अपनी विरासत का सब्जबाग देखने लगे। यहीं बात बिगड़ गई। फौजदारी के अधिवक्ता अशोक दीक्षित अपने समर्थकों सहित मौके पर पहुंचे और कमरे का ताला टूटने की बात पर कहासुनी शुरू हो गई। यह बतकही इतनी बिगड़ गई कि अधिवक्ता और न्याय के प्रहरी लाठी-डंडों की मारपीट पर उतारू हो गए। दोनों पक्षों की भिड़ंत मे माहौल गर्म हो गया। इस खबर पर बाँदा पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल ने अपर एसपी शिवराज सिंह को नजाकत की कमान सौंपकर मामले को नियंत्रित करने का निर्देश दिया। अपर एसपी पीएसी बल सहित कोर्ट परिसर पहुंचे। घटनाक्रम को समझकर शांत कराया। वहीं जख्मी अधिवक्ता गोबिंद प्रसाद तिवारी का ट्रामा सेंटर मे प्राथमिक इलाज हुआ। वहीं दोनों पक्षों की लिखापढ़ी / तहरीर पर एफआईआर लिखी गई है। अधिवक्ता अशोक दीक्षित के पक्षधर 5 लोगों पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई है। वहीं दूसरे पक्ष से भी रिपोर्ट लिखवाने की बात सामने आ रही है।

वर्तमान अध्यक्ष द्वारिकेश मंडेला का विवादों से पुराना रिश्ता है-


वर्तमान बार संघ अध्यक्ष द्वारिकेश सिंह यादव उर्फ मंडेला का विवादों से पुराना नाता है। पूर्व जिलाधिकारी रहे धीरज साहू से भी इनकी भिड़ंत हो चुकी है। तब यह समाजवादी नेता हुआ करते थे। अब कांग्रेसी नेता है। वहीं बाँदा के अतर्रा मे महिलाओं के साथ यौन शोषण को चर्चित विद्याधाम समिति के सचिव व चिंगारी संगठन लीडर राजाभैया यादव के भी यह दिलअजीज है। उनकी संस्था के मुकदमों की पैरवी करते रहें है। साथ ही 2022 तक लिखापढ़ी मे इस एनजीओ से बतौर सामाजिक कार्यकर्ता वेतनभोगी भी रहें है। न्यायालय मे कूटरचित मुकदमों को कानूनी दांवपेंच से लटकाने का हुनर वर्तमान बार संघ को बखूबी आता है। पूर्व बार संघ अध्यक्ष अशोक दीक्षित साल 2022 के जून माह मे एक ऐसा ही जमानत मुकदमा अधिवक्ता मंडेला के खिलाफ पत्रकार के पक्ष से लड़े थे। जिसमें अशोक दीक्षित को जीत हासिल हुई थी। वहीं हाल ही मे अधिवक्ता अविनाश पांडेय ने भी वर्तमान बार संघ अध्यक्ष द्वारिकेश मंडेला को राजाभैया यादव केस पर न्यायिक पैरवी की पटखनी जमानत मामले पर दी थी। कमरों की कब्जेदारी को लेकर हुई दो अधिवक्ताओं की यह वैचारिक व विवादित जंग कहां जाकर पूर्णविराम होगी यह देखने वाली बात होगी। अलबत्ता ऐसा न्यायालय परिसर मे घटित होना ही दुर्भाग्यपूर्ण है।