ब्राह्मण जातिगत सेनाओं के मठाधीश और दिव्यांग पार्टी के छुटभैये नेता एसडीएम रजत वर्मा के खिलाफ उतरे… | Soochana Sansar

ब्राह्मण जातिगत सेनाओं के मठाधीश और दिव्यांग पार्टी के छुटभैये नेता एसडीएम रजत वर्मा के खिलाफ उतरे…

@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।

  • बाँदा के बबेरू कस्बे / तहसील मे एसडीएम रजत वर्मा (पटेल) की घेराबंदी जारी है, एक बुलडोजर सारे अन्य जेसीबी पर भारी है।
  • बीजेपी कार्यकर्ताओं / ब्राह्मण जातिगत संगठनों व कथित सेनाओं के अगुआकार एसडीएम रजत वर्मा को घेरने मे लगे है।
  • बबेरू मे बीते दिन सहकारी समिति की ज़मीन पर पांडेय परिवार के अवैध कब्जे की कार्यवाही से नाराज है सदर विधायक खेमे के कार्यकर्ता।
  • चित्रकूट की ब्राह्मण सेना के बाद अब बाँदा की परुशराम सेना विरोध मे उतरी, पीछे चल पड़ी हासिये की विकलांग/ दिव्यांग राजनीतिक पार्टी।

बाँदा। बाँदा की बबेरू तहसील मे बीजेपी कार्यकर्ता गोलू पाण्डेय परिवार पर सहकारिता विभाग की ज़मीन पर पुराने कब्जे को हटवाने की नाराजगी अभी तक तनाव मे है। लगातार कुछ माननीयों के इशारे पर जातिगत संगठनों को ढाल बनाकर एसडीएम बबेरू के खिलाफ प्रदर्शन कराया जा रहा है। उधर एसडीएम बबेरू पहले ही बचाव मे कह चुके है कि वे पिछड़ी जाति से आते है इसलिए ऐसा बर्ताव किया जा रहा है। मामला बीते दिन बबेरू कस्बे मे सहकारिता विभाग की ज़मीन पर अवैध कब्जे हटवाने से जुड़ा है। एसडीएम बबेरू रजत वर्मा ने प्रशासन की हरी झंडी पर बीजेपी कार्यकर्ता व गोलू पांडेय परिवार के पुराने जर्जर घर पर जेसीबी / राजनीतिक बुलडोजर से अतिक्रमण हटवा दिया था।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी सरकार के पहले बुलडोजर को जेसीबी ही कहते थे। लेकिन लगातार नियमों को ताक पर रखकर सरकार ने दबंगों, माफियाओं व टारगेट बेस्ड कार्यवाही से आमजन, संदिग्ध लोगों, दुष्कर्मियों, अपराधियों के घर जेसीबी से गिराए। जिसको मीडिया ने ‘बुलडोजर बाबा’ की त्वरित कार्यवाही एवं रॉबिनहुड की तर्ज पर महिमामंडन किया। वहीं कई बार उच्चन्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय ने इस ग़ैरसंगत बुलडोजर एक्शन पर सवाल खड़े किये है। सर्वोच्च न्यायालय ने बिना नोटिस दिए किसी के भी घर गिराने को गैरकानूनी कहा है। अवैध कब्जे के आरोपी को अपना पक्ष रखने का अवसर मिलना चाहिए। किन्तु बाँदा मे हाल ही मे सिविल लाइन, जेल रोड, स्वराज्य कालोनी, क्योटरा चौराहे पर नक्शा पास भूखण्ड सड़क चौड़ीकरण के नाम पर प्रशासन ने गिराए है। सिविल लाइन जीआईसी रोड पर डाक्टर एमसी पाल के समीप सागर फोटोकॉपी वाले का दो मंजिला मकान सारे दस्तवेजी प्रमाण होने के बावजूद बुलडोजर से ध्वस्त किया गया लेकिन किसी जनप्रतिनिधि व अधिकारियों को रहम नही आया।

सदर विधायक / पूर्व सांसद / कांग्रेस जिलाध्यक्ष / सपा नेता तक चुप रहे। उधर बबेरू एसडीएम रजत वर्मा ने बीजेपी कार्यकर्ता दिव्यांग राजेंद्र पांडेय व गोलू पांडेय का सहकारी समिति की ज़मीन से पुनर्निर्माण हेतु कब्जा क्या हटाया सत्तारूढ़ बीजेपी पार्टी को नया झुनझुना एसडीएम रजत वर्मा व जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल को घेराबंदी करने का मिल गया है। नित नए संगठन के स्वघोषित मठाधीश / नेतृत्व कर्ता जिनके पास बमुश्किल हजार वोट भी ब्राह्मण नही होगा वे तामझाम के साथ विशेष पहनावे से एसडीएम रजत वर्मा को घेर रहे है। उन्हें लगातार टारगेट कर रहे है।

मंगलवार को परुशराम सेना ने प्रदर्शन किया-


बाँदा सदर तहसील व डीएम परिसर मे मंगलवार को शहर की परुशराम सेना ने समर्थकों के साथ एसडीएम बबेरू के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं शहर के कांशीराम कालोनी रहवासी श्यामबाबू त्रिपाठी के नेतृत्व मे विकलांग / दिव्यांग साथियों ने भी प्रदर्शन किया। श्यामबाबू त्रिपाठी भी स्थानीय बीजेपी नेताओं के कार्यक्रम मे यदाकदा दिखते रहते है। उन्होंने बबेरू के दिव्यांग राजेंद्र पांडेय परिवार व बीजेपी कार्यकर्ता गोलू पांडेय के पुराने कब्जे को हटवाने की निंदा करते हुए एसडीएम बबेरू पर कार्यवाही की मांग उठाई। वहीं ब्राह्मण वोट साधने को बनी परुशराम सेना ने एसडीएम को भस्मासुर, राक्षस तक कह डाला। अब राजनीतिक रक्षा कवच है तो कोई कुछ भी कह ले कार्यवाही नही होगी। अन्यथा सोशल मीडिया पर इतना बोलने भर से आईटी एक्ट के मुकदमे लगतें है। खैरमकदम कि प्रशासन इस मामले पर एसडीएम बबेरू के साथ है। बावजूद इसके बुलडोजर कांड की आड़ मे सत्तारूढ़ दल के माननीय ईगो पूर्ति की लड़ाई लड़ते दिख रहें है। देखना होगा कि इस बहाने से जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल पर कितना लक्षित सियासी हमला होता है। वहीं ज़िला पंचायत अध्यक्ष क्या राजनीतिक पलटवार करते है।

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