रिपोर्ट : आशीष सागर,बांदा
- हाईकोर्ट के निर्देश पर एसपी बाँदा से मिली पीड़िता, हाईकोर्ट ने कहा हम अपेक्षा करतें है वह कानून सम्मत निष्पक्ष जांच करेंगे।
- उच्च न्यायालय ने याचिका संख्या 14046/2025 मे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 1973 व 2023 के अनुरुप जांच का आदेश दिया है।
- बांदा के थाना अतर्रा मे गत दिसंबर माह मे दर्ज हुआ था मुकदमा अपराध संख्या 0314/2024 आईपीसी की धारा अंतर्गत 376, 504, 506,120 बी एवं 3 (2)5 एससी/एसटी ।
- मुख्य मुल्जिम है राजाभैया यादव (संचालक विद्याधाम समिति,अतर्रा),मुबीना खान (संयोजिका चिंगारी संगठन),शिवकुमार गर्ग उर्फ नन्ना।
- इस मुकदमे की विगत 8 माह से विवेचना सीओ अतर्रा प्रवीण कुमार यादव के पास लंबित है। अभी तक इस केस मे किसी की गिरफ्तारी नही हुई है।
- उक्त दलित पीड़िता के एक अन्य मुकदमे अपराध संख्या 043/2025 थाना अतर्रा मे 21 लोगों को 1100 पेज की चार्जशीट से बाहर कर चुकें है सीओ अतर्रा प्रवीण यादव। केवल राजाभैया को अभियुक्त बनाया है। जिसमे वे फरवरी माह से जून तक ज़िला कारागार बांदा मे थे। ज़िला सत्र न्यायालय एवं विशेष न्यायालय एससी/एसटी कोर्ट से जमानत खारिज होने पर माननीय हाईकोर्ट से जमानत हुई थी।
- राजाभैया यादव अपने जेल जाने वाले मुकदमे 043/2025 की चार्जशीट को हाईकोर्ट मे चैलेंज किये है। अगली तारीख 15 सितंबर 2025 है। जाहिर है जब 1100 पेज की लचर चार्जशीट मे 21 लोगों को बाहर किया गया हो तब इतना कदम उठाना तो बनता ही है।
- पीड़िता ने उक्त दोनों मुकदमों की पारदर्शी विवेचना और न्यायसंगत कार्यवाही को अब तक एक दर्जन पत्राचार किये है। एक साल से अतर्रा मे डटे सीओ प्रवीण यादव को बदलने का अनुरोध आला अफसरों तक किया। खुद 14 दिन भूख हड़ताल की, विधानसभा लखनऊ पहुंची थी।
- बेबसी मे मुकदमा संख्या 043/25 मे राजाभैया यादव की गिरफ्तारी करने वाला थाना अतर्रा आज भी उनका हमदर्द है। पिछले 8 माह से अपराध संख्या 0314/2024 मे जांच कार्यवाही मुनासिब नही हो सकी है।
- अपने एनजीओ के आधार पर देशी-विदेशी एजेंसियों से करोड़ों रुपयों की फंडिंग छल-प्रपंच के द्वारा हासिल करने वाले राजाभैया यादव सोशल मीडिया मे अपनी हीरोपंती के चलते पीड़िता पर मानसिक दबाव व समाज को गुमराह करने का स्टंट करते रहते है।
- मुल्जिम राजाभैया यादव खांटी अवसरवादी व्यक्ति है। स्त्री उनके लिए भोग्या है। इस मुल्जिम पर कुलजमा अब तक कुल 11 आपराधिक मुकदमे अतर्रा, नरैनी, कोतवाली नगर मे दर्ज है। वहीं यह अपने चिंगारी संगठन की गिरोहबंदी से 11 बेकसूरों को झूठे मुकदमों मे फंसाकर हरिजन एक्ट का रुपया समाज कल्याण से लेने का काम कर चुका है। ज्यादातर गिरोह के सदस्य हरिजन और गैर-पढ़ेलिखे मुस्लिम ग्रामीण है। गौरतलब है मुकदमा अपराध संख्या 0424/2022 थाना नगर कोतवाली के जजमेंट मे 9 पेजों पर विशेष न्यायालय बाँदा ने राजाभैया का पूरा पर्दाफाश जरिये वादी मुकदमा किया है। लेकिन अदने मुकदमों पर हिस्ट्रीशीटर बन जाने वाले अपराधियों पर राजाभैया भारी है। क्योंकि धनवर्षा से कलयुग मे सबकुछ खरीदा जा सकता है।
बाँदा। चित्रकूट मंडल के बाँदा मे एक राजाभैया यादव किस तर्ज पर पूरी कानून व्यवस्था को कमरबंद बनाकर बैठा है। इसकी बानगी है अतर्रा थाने का मुकदमा अपराध संख्या 0314/2024 आईपीसी की धारा अंतर्गत 376, 504, 506, 120-बी व 3(2)5 एससी/एसटी एक्ट। सर्वोच्च न्यायालय और हाईकोर्ट के दिशानिर्देश एवं विशाखा गाइडलाइंस को ताक पर रखकर अतर्रा थाने के सीओ प्रवीण कुमार यादव द्वारा इस मुकदमा को फ़ाइल गार्ड मे रख लिया गया है।
मुकदमें मे वादीया ग्राम बगदरी थाना मानिकपुर ज़िला चित्रकूट की मूल निवासी हरिजन महिला है। यह सितंबर 2022 तक राजाभैया यादव की संस्था विद्याधाम समिति / चिंगारी संगठन मे बतौर सामुदायिक कार्यकर्ता काम करती थी। इस दरम्यान राजाभैया यादव हरिजन महिला को हथियार बनाकर दुसरों पर फर्जी मुकदमे लिखवाता था। बदले में सरकार से आर्थिक सहायता स्वरूप समाजकल्याण से रकम मिलती थी। गौरतलब है कि मुकदमा अपराध संख्या 0424/2022 थाना नगर कोतवाली मे भी राजाभैया ने कुल रकम 1.50 लाख रुपया से 75 हजार कथित पीड़िता से ले लिए थे। वहीं ऐसे कुल 11 झूठे मुकदमे राजाभैया यादव ने अपनी एनजीओ विद्याधाम समिति व चिंगारी के जरिये कराए है। इसकी संस्था चिंगारी औजार ज्यादातर गांव की कम पढ़ीलिखी दलित व मुस्लिम महिलाओं का कुनबा होता था। या फिर जो पति छोड़कर, तलाक देकर, गरीबी मे अकेले या पेशेवर जैसा समाज कर्म करती है। सूचना संसार के पास ऐसे 11 मुकदमों की संख्या है जो राजाभैया के शिकार हुए है लेकिन खौफ मे चुप है।
अपराध संख्या 314/24 मे जांच नही कर रहे अतर्रा सीओ….
माननीय हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने क्रिमिनल रिट प्रिटीशन संख्या 14046/2025 मे पीड़िता के पक्ष को सुनकर एसपी बाँदा को कानून सम्मत / भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 1973 व 2023 के अंतर्गत जांच करने का आदेश दिया है। वहीं पीड़िता को आदेश की प्रति के साथ एसपी बांदा को प्रार्थना पत्र देकर निवेदन करने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि बीते दिसंबर माह मे थाना अतर्रा में मुकदमा संख्या 0314/2024 धारा 376,504,506,120 बी व 3(2)5 एससी.एसटी मे केस लिखा गया था। किंतु मुकदमा लिखने से खबर लिखने तक सीओ अतर्रा प्रवीण यादव ने मुख्य अभियुक्त राजाभैया, मुबीना खान, शिवकुमार गर्ग उर्फ नन्ना को गिरफ्तार तो छोड़िए हाथ तक नही लगाया है। वहीं एक अन्य मुकदमा 043/2025 मे दलित महिला के अपहरण, गैंगरेप, जान से मारने के प्रयास पर नामजद 22 मे से 21 लोगो को 1100 पेज की चार्जशीट से बाहर कर दिया है। राजाभैया ने इस लचर चार्जशीट का फायदा उठाकर हाईकोर्ट मे रिट दाखिल की है।
अगली 15 सितंबर को इसकी सुनवाई होगी। वहीं मुकदमा अपराध संख्या 0315/24 वादी मुकदमा की मानें तो आज तक धारा 354 की आख्या अतर्रा कोर्ट नही पहुंची है। दलित पीड़िता मीडिया से कहती है आईओ / विवेचक सीओ अतर्रा सहोदर भाई की तरह सजातीय मुल्जिम राजाभैया यादव के साथ खड़े है। तब जबकिं इससे पूर्व भी 2016 मे ग्राम अनथुआ की विश्वकर्मा परिवार की लड़कीं जो राजाभैया के एनजीओ मे काम करती थी। उसने मुकदमा संख्या 037/2016 थाना अतर्रा में दुष्कर्म व आईटी एक्ट मे लिखाया था। वह केस भी तत्कालीन सपा सरकार के वफादार आईओ राकेश पांडेय की कृपा से 354 मे तरतीम कर दी गई थी। पीड़िता का कहना है उसके साथ ईश्वर और न्यायपालिका है जबकि राजाभैया के साथ रुपया, प्रशासन है। देखना होगा सत्य किस करवट बैठता है। फिलहाल राजाभैया बांद विशेष न्यायालय एससी,एसटी मे कभी स्वास्थ्य तो कभी बाहर रहने की दुहाई देकर चार्ज से बच रहें है। उन्हें हाईकोर्ट के निर्णय तक यह करते रहना ज़रूरत भी है।