किसान सहकारी एकता मंच के तत्वावधान मे सैकड़ो किसानों का बबेरू एसडीएम के समर्थन मे प्रदर्शन, ज्ञापन…. | Soochana Sansar

किसान सहकारी एकता मंच के तत्वावधान मे सैकड़ो किसानों का बबेरू एसडीएम के समर्थन मे प्रदर्शन, ज्ञापन….

@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।

  • बाँदा के बबेरू मे सहकारी/सहकारिता विभाग की ज़मीन पर अवैध कब्जे की कार्यवाही को किसानों ने बतलाया जायज।
  • पूर्व सांसद आरके सिंह पटेल व सदर विधायक मुर्दाबाद की नारेबाजी के बाद दोनों नेताओं पर बबेरू का राजनैतिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया।
  • तहसील परिसर मे सैकड़ों किसानों ने जर्जर भवन पर एसडीएम रजत वर्मा की कार्यवाही को सही ठहराया।
  • एसडीएम रजत वर्मा को दिया मांगपत्र, मुख्यमंत्री के ध्यानार्थ प्रेषित किया गया।
  • बीते दिन बीजेपी कार्यकर्ताओं का जमघट बुलडोजर कांड पर गोलू पांडेय परिवार के साथ था।
  • सहकारिता विभाग की भूमि पर गोलू पांडेय परिवार के अवैध कब्जे पर बुलडोजर चला था,सहकारी समिति का पुनर्निर्माण होना है।
  • प्रशासन और पांडेय परिवार का दावा यह ज़मीन हमारी है। जिसमें सदर विधायक व पूर्व सांसद ने जिला पंचायत अध्यक्ष को घेरने का माहौल बनाया था।
  • ज़िला पंचायत अध्यक्ष बनाम सदर विधायक की नूराकुश्ती मे बबेरू बुलडोजर कांड बना मुद्दा।

बाँदा। ज़िला मुख्यालय से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर बबेरू कस्बे मे बीजेपी कार्यकर्ता गोलू पांडेय परिवार के पुराने घर पर बुलडोजर कार्यवाही का मुद्दा थमने का नाम नही ले रहा है। इस क्रम मे शुक्रवार को एसडीएम बबेरू रजत वर्मा एवं प्रशासनिक अमले के समर्थन मे किसान सहकारी एकता मंच / बैनर से सैकड़ों किसानों ने प्रदर्शन किया है।

यह एक दिवसीय धरना प्रदर्शन व ज्ञापन कार्यक्रम बीते दिन एसडीएम के द्वारा सहकारी ज़मीन खाली कराने की जद्दोजहद पर बीजेपी कार्यकर्ता परिवार के पुराने कब्जे को बुलडोजर से खाली कराने के समर्थन पर था। उल्लेखनीय है कि बाँदा सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी एवं उनके गुट से पूर्व सांसद आरके पटेल द्वारा पार्टी नेताओं को लामबंद करके अपनी ही पार्टी के नेता व जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल के खिलाफ प्रदर्शन कराया जा रहा था। इस प्रदर्शन के पीछे सहकारी विभाग की ज़मीन पर अवैध कब्जे को गोलू पांडेय परिवार से खाली कराने की कवायद का विरोध करना था।

आपको बतलाते चले कि एसडीएम रजत वर्मा ने सहकारी समिति पुनर्निर्माण हेतु सरकारी जमीन पर काबिज गोलू पांडेय परिवार से भूमि खाली कराने को बुलडोजर कार्यवाही की थी। जिस पर बिफरे सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने आनन-फानन मे स्वयं मौके पर पहुंचकर बुलडोजर कार्यवाही स्थल देखा। वहीं मोबाइल से एसडीएम रजत वर्मा को फटकार लगा दी थी। ठेठ अंदाज मे सदर विधायक ने एसडीएम को तल्ख शब्दों पर हिदायत देते हुए सुधरने की नसीहत तक दे डाली थी। यह घटनाक्रम मीडिया का मसाला बना और स्थानीय राजनीति मे ब्राह्मणवाद बनाम पटेलवाद का ऐसा मजमा लगा कि इसमे कांग्रेस के ब्राह्मण ज़िला अध्यक्ष राजेश दीक्षित तक शामिल हो गए। कांग्रेस ने भी मौके पर जाकर बीजेपी कार्यकर्ता परिवार से मुलाकात की थी। वहीं अन्य गणमान्य द्वारा भी राजनीतिक गर्मी बनाई गई। इस कड़ी मे ज़िला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल व सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने एकदूसरे पर आरोप लगाते हुए प्रेसवार्ता कर डाली थी। गौरतलब है कि जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल मामलें को सदर विधायक गुट की दत्तक मीडिया ने हाथोंहाथ लिया और सदर विधायक खेमे से बैटिंग करते हुए लगातार खबरें की गई।

एक इलेक्ट्रॉनिक न्यूज चैनल हिन्दी खबर ने पहला एपिसोड सदर विधायक को घेरने का चलाया लेकिन बाकी सीरीज मे सदर विधायक का परोक्ष समर्थन किया गया। वहीं अन्य लोकल मीडिया का हाल मीडिया की दुर्दिनता का चित्रण स्वरूप था। खैरमकदम ये कि गत शुक्रवार को एसडीएम रजत वर्मा के समर्थन मे किसान सहकारी एकता मंच से बड़ा प्रदर्शन बबेरू कस्बे की तहसील मे हुआ। जिसमें एसडीएम व प्रशासन की कार्यवाही को न्यायोचित बतलाते हुए सदर विधायक व पूर्व सांसद के विरुद्ध नारेबाजी की गई। उन पर कस्बे के राजनैतिक माहौल को खराब करने का आरोप लगा है। किसानों ने सहकारिता विभाग की भूमि पर अवैध कब्जे को गलत बताया है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि यह खबर बाँदा की मेनस्ट्रीम मीडिया से गायब सी है। व्हाट्सएप ग्रुपों मे प्रदर्शन के वीडियो नदारद से है। वहीं जिन्होंने खबर लिखी उन्होंने फ़ोटो तक लगाना उचित नही समझा। जबकिं सुनील पटेल के विरुद्ध होते प्रदर्शन को मुख्य दैनिक अखबारों ने आधा पेज रंग दिया था। बाकी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तो बात ही मत करिए उनका यूं दत्तक होना रवीश कुमार के ‘गोदी’ शब्द को चरितार्थ करता है।


असल लड़ाई ज़िला पंचायत अध्यक्ष वर्सेज सदर विधायक है-

बबेरू बुलडोजर कांड को राजनीतिक मुद्दा बनाने के पीछे असल संघर्ष ज़िला पंचायत का अध्यक्ष पद है। जहां सदर विधायक सुनील पटेल को कठघरे मे लेते हुए उनपर 6.21 करोड़ की अवैध तहबाजारी की जांच व कार्यवाही पर सक्रिय है। वहीं ज़िला पंचायत अध्यक्ष भी सदर विधायक पर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सरिता द्विवेदी के जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए कृषि महाविद्यालय की तृतीय श्रेणी अंशकालिक 11 कर्मचारियों की अनलीगल नियुक्ति पर आरोपित है।

वहीं उन्होंने 120 करोड़ के निर्माण कार्ययोजना पर सदर विधायक द्वारा कूटरचित हस्ताक्षर करके बजट आहरण का आरोप लगाया है। साथ ही तहबाजारी की अपने कार्यकाल व पूर्व कार्यकाल की दरों पर भी सवाल उठाया है कि पुरानी तहबाजारी दरों की जांच क्यों नही कराई जाती है ? सुनील पटेल कहतें है कि यदि उन्होंने जांच आख्या अनुसार 6.21 करोड़ की अवैध तहबाजारी मे 200 की जगह 400 रुपया प्रति परिवहन वसूला है। तो इसमे वर्तमान तहबाजारी ठेकेदार शक्ति नारायण सिंह की फर्म भी ज़िम्मेदार है लेकिन उनका नाम तक जांच आख्या मे नही है। वहीं पूर्व तहबाजारी ठेकेदार कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष के कार्यकाल मे भी 200 की जगह 300 रुपये वसूली प्रति परिवहन खनिज निकासी / ओवलोड पर की गई थी लेकिन जांच नही हो सकी। उधर सदर विधायक ने कहा कि यदि उनके ऊपर लगाए गए आरोपों का साक्ष्य मिल जाये तो वे राजनीति छोड़ देंगे। इस पर सुनील पटेल ने सदर विधायक के कूटरचित हस्ताक्षर की फोरेंसिक रिपोर्ट मीडिया मे जारी की है लेकिन किसी पत्रकार ने प्रकाशित नही की है।


बाँदा कृषि महाविद्यालय की ग्यारह अवैध नियुक्ति-


बाँदा कृषि महाविद्यालय मे सदर विधायक जी की महती कृपा से जो 11 तृतीय श्रेणी की अंशकालिक नियुक्ति हुई थी। उनमें क्रमशः राजेश तिवारी पुत्र स्वर्गीय बद्रीप्रसाद तिवारी निवासी आजाद नगर,बाँदा, शरदचन्द्र मिश्रा पुत्र विनोद मिश्रा (पत्रकार),निवासी केन रोड निकट क्योटरा मुहल्ला,बाँदा, प्रियम अवस्थी पुत्र प्रमोद अवस्थी निवासी स्वराज्य कालोनी,बाँदा, सूर्यांश सिंह पुत्र अशोक सिंह निवासी सिविल लाइन, डीएम कालोनी बाँदा,श्रीमती सुनीता यादव पत्नी रामसिंह निवासी ग्राम पनवाह, पोस्ट अतरामपुर,इलाहाबाद, राहुल तिवारी पुत्र राजेश तिवारी निवासी ग्राम महोखर,बाँदा, सौरभचन्द्र पुत्र संतोष कुमार निवासी ग्राम पिपरगंवा,बाँदा, अभिषेक शिवहरे पुत्र गोरेलाल शिवहरे निवासी ओरन,बाँदा व आनंद कुमार उपाध्याय पुत्र रामरूप उपाध्याय निवासी नंगनेधी, बाँदा शामिल है। यह नियुक्ति गोपनीय प्रक्रिया से बिना पब्लिक डोमेन जानकारी कैसे संभव हो सकी यह जांच का विषय है जिस पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने सवाल खड़े किए है।

Like us share us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *