मोर्चा संगठन का गठन, उत्तर प्रदेश में भाजपा ने शुरू की चुनावी तैयारी | UP Election Preparation starts

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात के कुछ दिनों बाद राज्य की भाजपा इकाई ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी एक मोर्चा संगठन बनाने के साथ शुरू कर दी है. जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए बैठकों का सिलसिला भी शुरू हो गया है.

यूपी भाजपा के सूत्रों ने हालांकि कहा कि कई मोर्चा संगठनों, विभागों और प्रकोष्ठों की टीमों ने एक साल से अधिक का गठन नहीं किया है. राज्य भाजपा के एक नेता ने कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए मोर्चो, प्रकोष्ठ और विभाग का पुनर्गठन किया जाएगा. उन्होंने कहा, कोविड महामारी के कारण नई टीमों के गठन में देरी हुई. अब अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले इन मोर्चा संगठनों की टीमों का पुनर्गठन करने का निर्णय लिया गया है.

BJP to prepare booklet on strategies adopted in Uttar Pradesh to win  upcoming assembly polls: Report

विभाग विशिष्ट सरकारी कार्यक्रमों जैसे नमामि गंगे या स्वच्छता अभियान या पार्टी के विशिष्ट कार्यों जैसे सूचना प्रौद्योगिकी या मीडिया के साथ काम करता है. इन मोचरें, प्रकोष्ठ और विभागों में सभी स्तरों पर संगठनात्मक नियुक्तियां करते समय सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखा जाएगा.

शनिवार को बंसल ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पार्टी नेता से मुलाकात की. बैठक में संगठनात्मक रिक्तियों को जल्द से जल्द भरने का निर्णय लिया गया. पार्टी के एक नेता ने कहा, बंसल जी ने हमें बूथ स्तर पर पार्टी और राज्य सरकार के लिए सकारात्मक माहौल बनाने को कहा है.

उत्तर प्रदेश भाजपा महासचिव (संगठन) सुनील बंसल ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में कार्यकर्ताओं से मिलना शुरू कर दिया है. बंसल राज्यभर के पार्टी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. वह 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के चुनावी भाग्य को सुधारने के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं.

भगवा पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज्य, जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक इन फ्रंटल और संबद्ध संगठनों में नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक महीने की समय सीमा निर्धारित की गई है. सात मोर्चा होंगे- महिला, युवा, अल्पसंख्यक, ओबीसी, एससी, एसटी और किसान. पार्टी ने विशिष्ट समुदायों जैसे बुनकरों, सांस्कृतिक कलाकारों, मछुआरों, व्यापारियों, वकीलों व डॉक्टरों तक अपनी पहुंच बनाने की रणनीति तय की है.

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