"दस्तरख़्वान-ए-अवध” अवधी शाकाहारी व्यंजनों की सांस्कृतिक विरासत का उत्सव | Soochana Sansar

“दस्तरख़्वान-ए-अवध” अवधी शाकाहारी व्यंजनों की सांस्कृतिक विरासत का उत्सव

लखनऊ, 6 अगस्त 2025 | नवाबी ज़ायका (एक क्लाउड किचन) की संस्थापक फरहीन इक़बाल के सहयोग से करामत हुसैन मुस्लिम गर्ल्स पी.जी. कॉलेज, लखनऊ में “दस्तरख़्वान-ए-अवध” नामक अनूठा सांस्कृतिक एवं पाक-कला कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन पारंपरिक अवधी शाकाहारी व्यंजनों, विशेषकर गर्मी और बरसात के मौसम में बनने वाले खास पकवानों को समर्पित रहा।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि — प्राचार्या हुमा ख़्वाजा — ने दीप प्रज्ज्वलित कर आयोजन का शुभारंभ किया और प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में शहला हक (मानद सचिव, एएमयूओबीए), मोहम्मद शमीम, मेराज हैदर, रक्शान बेग, इमराना अजमत, शिल्पी चौधरी और नेहा परवीन उपस्थित रहीं और प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाया। जज पैनल में शीबा इक़बाल, शोएब कुरैशी (मूबीन’s), शेफ़ ज़ुल्फ़ी और सदफ़ शामिल थे, जिन्होंने अपने अनुभव और दृष्टिकोण से प्रतियोगिता का मूल्यांकन किया।

पुरस्कार विजेता –

प्रथम पुरस्कार – सिमरन और बुशरा (बी.ए. द्वितीय वर्ष) – सेवंडे, प्रोटीन बार और पुदीना ड्रिंक

द्वितीय पुरस्कार – अनामिका चौहान, माहेक सिंह और कशिश सिंह – कढ़ी-चावल, मीठी टिकिया और एक पेय

तृतीय पुरस्कार – सृष्टि मिश्रा, तनु और प्रियंका – वेज बिरयानी, लौकी का हलवा और आम का कस्टर्ड

एक विशेष घोषणा में लखनऊ हेरिटेज वॉक्स के संस्थापक आतिफ़ अंज़ार ने सभी प्रतिभागियों को 9 अगस्त 2025 को रेज़ीडेंसी की निःशुल्क विशेष हेरिटेज वॉक के लिए आमंत्रित किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ, जिसके बाद अतिथियों ने लज़ीज़ अवधी व्यंजनों और गरमा-गरम चाय का आनंद लिया। विशेष धन्यवाद फरहीन इक़बाल को, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन किया, और प्राचार्या हुमा ख़्वाजा को, जिन्होंने युवा प्रतिभाओं के लिए एक जीवंत मंच उपलब्ध कराया। दस्तरख़्वान-ए-अवध प्रतिभागियों की रचनात्मकता, पाक-कौशल और जुनून का सच्चा उत्सव सिद्ध हुआ।

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