@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
“हम प्रशासन के सुझावों को प्रभावित गांवों के किसानों के बीच में रखेंगे और अगली बैठक में फिर मजबूती से अपनी बात रखेंगे।”
- केन बेतबा लिंक प्रभावित किसानों और प्रशासन के बीच समाधान समिति की पहली बैठक सम्पन्न।
- किसानों के 13 ठोस बिंदु, कुछ मांगों पर सहमति तो कुछ पर असमंजस, अगली बैठक तय लेकिन समाधान की उम्मीद कम।
सटई, छतरपुर। बुंदेलखंड क्षेत्र मे यूपी-एमपी के मध्य प्रस्तावित केन-बेतवा लिंक जब तक धरातल पर मुकम्मल न हो इस परियोजना का विवादों से नाता नही टूटेगा। इस क्रम मे बीते 15 अप्रैल को सटई के किसानों का जत्था छतरपुर कलेक्ट्रेट की तरफ सांकेतिक घेराव और न्याय पदयात्रा की शक्ल मे निकला था। किसानों ने बताया कि आंदोलन के दबाव मे प्रशासन ने तुरंत कार्यवाही करते हुए एसडीएम बिजावर श्री विनय द्विवेदी (भू-अर्जन अधिकारी, केन-बेतवा परियोजना) की अध्यक्षता में एक समाधान समिति का गठन किया। वहीं इसी समिति की प्रथम संयुक्त बैठक मांगलवार को ही उसी शाम सटई नगरपंचायत सभागार में शाम 7 बजे आयोजित हुई है। यह बैठक लगभग 90 मिनिट चली जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ जय किसान संगठन के पदाधिकारी और प्रभावित ग्रामीण प्रतिनिधि उपस्थित रहे है।
वहीं आंदोलन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता अमित भटनागर ने इस बैठक मे किसानों की तरफ से 13 ठोस बिंदु, पारदर्शिता और जनसुनवाई की मांग के लिए रखें है।
न्याय पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे किसानों की ओर से अमित भटनागर ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पारिस्थितिकीय प्रभाव को लेकर 13 बिंदुओं पर विस्तार से तथ्यात्मक बात रखी है। जय किसान संगठन से जुड़े अमित भटनागर ने बताया 2013 की मूल भावना के खिलाफ है। प्रशासन द्वारा प्रस्तुत ग्राम सभा के दस्तावेज फर्जी व मनगढ़ंत हैं।वहीं ग्राम सर्वेक्षण पारदर्शी नहीं हुआ है जिससे मुआवज़ा, आजीविका और भूमि हानि के मामलों में कई अनियमितताएं सामने आई है। किसानों के डूब क्षेत्र मे स्थित मकानों का मुआवजा बहुत कम दिया गया है, साथ ही भूमि संबंधी विसंगतियां भी है। परियोजना मे किसानों के मुआवजे गलत नामों पर दर्ज किए गए है। प्रभावितों की सूची सार्वजनिक नहीं की जा रही है और न ही किसी ग्राम सभा में उसे प्रस्तुत किया गया।
किसान नेता ने कहा कि प्रशासन ने मानी कुछ बातें, अगली बैठक की घोषणा-
आंदोलन कर्ता ने कहा कि एसडीएम बिजावर श्री विनय द्विवेदी ने किसानों की मांगों पर बिंदुवार प्रतिक्रिया दी और कहा कि कुछ बिंदुओं पर प्रशासन और किसानों के बीच सहमति बन गई है। जबकि कुछ मुद्दों पर अगली बैठक में और विचार किया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि कलेक्टर महोदय को किसानों का पत्र और 13 बिंदुओं की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाएगी। प्रशासन की तरफ से सटई तहसीलदार मृगेंद्रबंद उपाध्याय, नायब तहसीलदार इंद्र कुमार गौतम भी उपस्थित रहे।
पन्ना जिले से भी किसानों की भागीदारी, आंदोलन को मिला जिला-सीमा पार समर्थन-
इस समाधान बैठक और पदयात्रा की विशेष बात रही कि इसमें न केवल छतरपुर जिले के 19 गांवों के किसान शामिल हुए, बल्कि पन्ना जिले के 7 गांवों के किसान भी पूरी सक्रियता के साथ सहभागी बने। समाधान बैठक में किसानों की तरफ से अमित भटनागर, बहादुर आदिवासी, दिव्या अहिरवार, बब्लू यादव पूर्व सरपंच गहदरा, राजाराम आदिवासी पूर्व सरपंच कूड़न जिला पन्ना, महेश पूर्व जनपद सदस्य घमरी जिला पन्ना, नत्थू रैकवार उपसरपंच पलकौहा, बाबूलाल आदिवासी गह्दरा जिला पन्ना, रामकेश आदिवासी मरहा जिला पन्ना, पप्पू आदिवासी मझौली जिला पन्ना, महेश विश्वकर्मा, पवन पटेल, ब्रजलाल आदिवासी नेगुवां, हिसाबी राजपूत, बालकिशन आदिवासी, दयाराम आदिवासी सुरई, मोती आदिवासी बिनेका, साहब सिंह सुकवाहा, अच्छे लाल अहिरवार पलकौहा, कल्ला अहिरवार सुकवाहा, तिलक आदिवासी बिला सहित 50 लोग उपस्थित रहे है।