@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
घटनाक्रम से जुड़ी 28 मार्च की विस्तार खबर नीचे लिंक मे पढ़े –
- बिचौलिए नवीन के आशियाने मे होती थी रासलीला, तीन आरोपी रुतबेदार लेकिन करेक्टर ढीला।
- दुष्कर्म के अभियुक्त व हीरो होंडा एजेंसी / ऑटो पार्ट्स संचालक आशीष अग्रवाल के घर पर पुलिस ने छापेमारी की, अभियुक्त के न मिलने पर प्रतिष्ठान को सीज किया।
- पीड़िताओं की मुफलिसी का लाभ उठाकर नवीन ने उन्हें सौदंर्य प्रसाधन की बिक्री के काम मे फांसा फिर शुरू हुआ शारीरिक शोषण का खेल।
- अभियुक्त स्वतंत्र साहू उर्फ मंझन सेठ ( भारत गुटखा ) और लोकेंद्र सिंह चन्देल के प्रति कार्यवाही का रुख नरम।
बाँदा। शहर मे तीन अलग-अलग मुहल्ले की गरीब लड़कियों का तीन विवाहित आदमियों ने लगातार 6 माह तक बलात्कार किया। उन्हें बियर पिलाई और नग्न करके डांस कराया गया फिर ब्लैकमेल करने को वीडियोग्राफी की गई और शोषण का काला मजमा सजता रहा। इन तीन मुफलिसी का शिकार लड़कियों के दुष्कर्मों पर पुलिसिया कार्यवाही के बाद फरारी काटने वाले तीन रईसजादों मे से एक आशीष अग्रवाल के घर पर बीते शनिवार छापेमारी की गई। आरोपी के परिजनों से पूछताछ हुई लेकिन घर पर आशीष अग्रवाल के न मिलने से उनके प्रतिष्ठान हीरो होंडा एजेंसी / ऑटो पार्ट्स की दुकान पर तालाबंदी की गई है। परिजनों ने पुलिस को बताया कि आशीष अग्रवाल घटनाक्रम के मीडिया ट्रायल के बाद से घर नही आया है।
वहीं मामले की जांच कर रहें सीओ सिटी श्री राजीव प्रताप सिंह भी छापेमारी के दरम्यान मौजूद रहे। उन्होंने मीडिया से कहा कि एसओजी टीम, सर्विलांस टीम और पुलिस मिलकर इस ऑपरेशन पर जुटे है। यथाशीघ्र तीनो फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी होगी। अलबत्ता हाईकोर्ट मे अधिवक्ता हड़ताल चलने के मद्देनजर तीनों को वहां भी दाल न गलने से फरारी की बातें उठ रही है। अधिवक्ता कहते है उच्चन्यायालय की हड़ताल समाप्त होते ही वे हाईकोर्ट से एफआईआर क्वैसिंग पर या दौरान विवेचना गिरफ्तारी पर रोक की याचिका दाखिल कर सकते है। फिलहाल फरार तीनों आरोपी रुतबेदारों मे शामिल है। आर्थिक संसाधन से मजबूत है। इसलिए कानूनी दांवपेंच से सिस्टम पर दबाव बनाएंगे इससे इंकार नही किया जा सकता है।
सौंदर्य के समान की बिक्री का रोजगार, कराता रहा रईसजादों से बलात्कार-
शहर मे गरीबी का दौर कैसे बेबस लड़कियों को रसूखदारों के शिंकजे मे ले जाता है यह दुष्कर्म कांड इसका भी उदाहरण है। नवीन के मोहल्ला खूंटी चौराहा के पास रहने वाली अलीगंज निवासी पीड़िता अल्पसंख्यक समुदाय से है। नवीन महिलाओं के सौंदर्य प्रसाधन विक्रय का काम करता था। यह युवती यहीं से नवीन के संपर्क मे इस पहली लड़की आना हुआ ऐसा सूत्रधार कहते है।
वहीं काम की तलाश मे इस लड़की की दो सहेलियों को भी नवीन ने षडयंत्र व जाल मे फंसाने का गंदा खेल किया। नवीन इनकी बेरोजगारी और मजबूरी का लाभ लेकर शहर के तीन नवाबी जिस्मानी शौक के कारोबारी आदमियों क्रमशः स्वतंत्र साहू (भारत गुटखा व्यापारी / सुपाड़ी तस्कर ), आशीष अग्रवाल ( हीरो होंडा एजेंसी ), जलनिगम ठेकेदार लोकेंद्र सिंह चन्देल तक परोसता था। काबिलेगौर है यह कांड नवीन विश्वकर्मा के खूंटी चौराहा घर पर होते थे। या फिर होटल मे क्योंकि इनमें से गुटखा कारोबारी का एक होटल भी है। वहीं यह तीनों धनाढ्य व्यक्ति रंगीनमिजाजी पूरा करने को फिल्मी स्टाइल मे लड़कियों को बियर पिलाते,नग्न डांस करवाते फिर नशे की हालत मे दुष्कर्म करके ‘कामवासना’ को शांत किया जाता था। मजेदार तो यह है कि तीनों विवाहित है जबकि लोकेंद्र सिंह चन्देल तो अपने पुत्र के संतान तक का ओहदा मतलब बाबाजी बन चुके हैं।
बतलाते चले कि सभी तीन आरोपी 50 के लगभग होंगे या उससे थोड़ा ज्यादा उम्रदराज आदमी। इन्हें अपने घरों मे तृप्ति / आत्मसंतुष्टि नही मिली, इन्होंने भूखे शिकारियों की तर्ज पर लड़कियों की अस्मत को रौंदने का ‘डर्टी खेल’ लगातार 6 माह तक खेला। विडंबना है पुलिसिया सिस्टम के आगे तेज भागते मुख्य तीन आरोपियों की अभी गिरफ्तारी बाकी है। देखना होगा कि पुलिस बनाम आरोपियों की भागदौड़ का यह सिलसिला आगे कितने दिन चलता है। मामले की पड़ताल को पढ़ते रहिए ‘सूचना संसार’….