राज्य महिला आयोग की सदस्या के सामने दो पीड़िताओं ने दी अर्जी, हुजूर इस व्यवस्था मे ज़िंदा रखिये या मार ही डालिये आपकी मर्जी…
- अतर्रा रहवासी राजपूत और ग्राम बगदरी मानिकपुर की दलित महिला ने अस्पताल के बिस्तर से उठकर सर्किट हाउस तक दी दस्तक।
- विद्याधाम समिति / चिंगारी संगठन के मुखिया राजाभैया यादव के उत्पीड़न, यौन शोषण से आजिज है दोनों महिला।
- महिला आयोग की सदस्य अनुपमा सिंह लोधी ने एसपी बाँदा से आख्या मांगी।
- राजाभैया यादव पर इन दोनों महिलाओं की तरफ से 17 दिसंबर से 2 फरवरी के बीच दर्ज है तीन मुकदमे। जिसमें अपराध संख्या 0314/2024, 0315/2024, 0043/2025 शामिल है। यह अपराध दुष्कर्म, छेड़छाड़,अपहरण, हत्या का प्रयास, छेड़छाड़ व हरिजन एक्ट के है।
- आज हाईकोर्ट मे दुष्कर्म मामलें की थी सुनवाई। याचिका संख्या 226/2025 की अगली तिथि 3 मार्च नियत हो गई है।
- हाईकोर्ट पहुंचे अतर्रा थाना एसआई काशीनाथ यादव ने अपनी आख्या पेश करने को मांगा समय, माननीय न्यायालय ने पीड़िता के अधिवक्ता की गैरहाजिरी मे डेट बढ़ाई।
- दो महीने से भटकने के बाद दोनों महिलाओं ने 4 फरवरी से अनशन फिर भूखहड़ताल और अब स्वास्थ्य गिरावट पर अस्पताल की शरण ली है।
बाँदा। उत्तरप्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य माननीय अनुपमा सिंह लोधी जी आज महिला मुद्दों पर जनसुनवाई को बाँदा मौजूद थी। ज़िला मुख्यालय के सर्किट हाउस सभागार मे प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति मे यह जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित हुआ था। बतलाते चले कि महिला आयोग की सदस्य अनुपमा सिंह लोधी ने मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्या, महिला थानाध्यक्ष अम्बुजा जी व अन्य सभ्रांत अधिकारीयों की उपस्थिति मे महिलाओं से जुड़े यौन शोषण, महिला हिंसा, आदि पर जनसुनवाई की थी। इसके पूर्व मे सुबह उन्होंने ज़िला अस्पताल का भ्रमण किया।
गौरतलब है कि जनसुनवाई मे लगातार दो माह से न्याय के लिए अफसरों की देहरी पर चक्कर लगा रही ग्राम बगदरी क्षेत्र मानिकपुर की दलित महिला व अतर्रा ग्रामीण की राजपूत महिला ने महिला आयोग सदस्या को रोकर आपबीती बतलाई। दोनों ने तीन पेज का शिकायत प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग की है। बकौल अनशनकारी पीड़िता जैसा उन्होंने संयुक्त रूप से हस्ताक्षर करके लिखा है वे अभियुक्त राजाभैया यादव मसले मे जांचकर्ता क्षेत्राधिकारी अतर्रा श्री प्रवीण कुमार यादव से आहत है। उन्होंने अपने पत्र मे एसआई काशीनाथ यादव पर भी निष्पक्षता से जांच न करने के आरोप लगाएं है। वहीं अपने मामलें मे किसी अन्य सीओ अथवा महोबा ज़िले से जांच करवाने की मांग उठाई है।
महिलाओं की व्यथा से भरा है शिकायत पत्र-
महिला आयोग की सदस्य के सामने उपस्थित दोनों महिलाओं का शिकायत पत्र उनकी आपबीती व व्यथा से भरा है। उन्होंने खाशकर दलित महिला ने पत्र के अंत मे राजाभैया यादव से जींवन के खतरे व कार्यवाही न होने की स्थिति मे अंतः मरने तक की बात लिख दी है। इस खबर के साथ वह पत्र पोस्ट है जो 13 फरवरी को दिया गया है। प्रार्थना पत्र पर महिला आयोग की सदस्य माननीय अनुपमा सिंह लोधी जी ने पुलिस अधीक्षक बाँदा से आख्या मांगी है।
फिलहाल दोनों महिला भूखहड़ताल व अनशन स्थल अशोक लाट से हटकर ज़िला अस्पताल मे है। दलित महिला मानसिक घुटन मे बेदम सिस्टम को कोसकर बीमार है। वहीं सहयोगी महिला मानसिक अवसादग्रस्त है। उन्होंने न्याय न होने की दशा मे आगे भी अंतिम सांस तक लड़ने की बात कही है।
हाईकोर्ट ने आज की सुनवाई मे एसआई काशीनाथ यादव द्वारा समय मांगने पर 3 मार्च नियत की है-
उच्चन्यायालय इलाहाबाद मे राजाभैया यादव दुष्कर्म केस अपराध संख्या 0314/2024 दिनांक 17 दिसंबर पर एफआईआर स्टे को क्रिमिनल मिस रिट प्रिटीसन संख्या 226/2025 दाखिल किए है। जिसमे आज सुनवाई थी। पीड़ितों के अधिवक्ता की गैरमौजूदगी मे अतर्रा थाने के एसआई व राजपूत महिला के केस संख्या 0315/2024 छेड़छाड़ आदि के आईओ श्री काशीनाथ यादव ने जांच आख्या हाईकोर्ट मे प्रस्तुत करने को होली के बाद डेट लगाने की बात रखी। जिस पर जस्टिस एमसी त्रिपाठी की डिवीजन बेंच ने 3 मार्च सुनवाई मुकर्रर की है।
उल्लेखनीय है राजाभैया अपहरण मामले मे 4 अन्य पुरूष अभियुक्तों मे भी शामिल है। इसमे ही चिंगारी से जुड़ी 17 महिलाओं को आईटी एक्ट का मुल्जिमान बनाया गया है। इसमे अभी तक स्टे नही है लेकिन गिरफ्तारी तो दूर की बात आरोपियों का अतर्रा थाने से बाँदा तक धरना प्रदर्शन खाकी की कृपा से जारी है। देखना यह बड़ी बात होगी कि अभियुक्तों पर इतनी रहमदिली किस प्रयोजन के मद्देनजर मुकम्मल है।