कोरोना महामारी के विरुद्ध जारी वैश्विक लड़ाई में दुनिया भारतीय वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, पुणे की हर गतिविधि पर टकटकी लगाए हुए है। दुनिया में वैक्सीन के इस सबसे बड़े उत्पादक ने भारत सहित दुनिया के तमाम देशों को ‘कोविशील्ड’ नामक कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराने का जिम्मा ले रखा है, खासकर गरीब अफ्रीकी देशों को।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विश्व के अलग-अलग हिस्सों में कुल 20 हजार लोगों पर किए गए ट्रायल में यह वैक्सीन 70.4 प्रतिशत कारगर साबित रही है। जबकि कंपनी का कहना है कि दो डोज पूरे होने के निर्धारित समय बाद यह टीका 90 प्रतिशत तक प्रभावशाली होगा। बीते सोमवार को कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट कर घोषणा की कि- भारत में निर्मित इस पहली कोविड-19 वैक्सीन के आपात उपयोग हेतु अनुमति प्रदान किए जाने के लिए ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया को आवेदन भेज दिया गया है…।
सीरम ने बताया कि अनुमति मिलते ही शुरुआती चरण के टीकाकरण के लिए कंपनी भारत को दस करोड़ डोज (दो का सेट) उपलब्ध करा देगी। पांच करोड़ डोज पहले से तैयार हैं, जबकि अनुमति मिलने पर उत्पादन को तेज कर दिया जाएगा। अदार पूनावाला कहते हैं कि यह तो समय ही बताएगा कि वैक्सीन कितनी कारगर होती है, लेकिन अब तक के ट्रायल ने उम्मीद जगाई है कि यह भरपूर कारगर है और अनगिनत जिंदगियों को बचाएगी। सीरम ने जो तैयारी की है और दुनिया ने उस पर जो भरोसा जताया है, वह भारत का गौरव बढ़ाने वाला है। बड़ी बात यह भी है कि इस वैक्सीन को सामान्य फ्रिज में रखा जा सकता है, इसे माइनस 70 वाले कोल्ड स्टोरेज नहीं चाहिए। इससे भी काम आसान हो जाएगा। उम्मीद है कि 2021 के समाप्त होते तक भारत की यह कंपनी आधी दुनिया को कोविड-19 का टीका उपलब्ध करा देगी।