दिल्ली में 30 फीसद तक बढ़ी बकराें की कीमत, 2.5 लाख रुपये तक है दाम | Eid 2021

कोरोना महामारी का असर इस साल बकरीद पर भी पड़ेगा। पिछले साल बकरों की बिक्री नहीं होने के कारण इस साल पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद के बाहर लगने वाले बकरा बाजार में अन्य राज्यों से बकरा बेचने के लिए व्यापारी नहीं आए हैं। इसके कारण बकरों की कीमत पर इसका असर पड़ा है। पुरानी दिल्ली में इन दिनों 30 फीसद तक बकरों की कीमतें बढ़ी हैं। वहीं, बकरा खरीदने वाले लोग भी कम संख्या में पहुंच रहे हैं। व्यापारियों कहना है कि लोग मिलकर एक बकरा खरीद रहे हैं, जिसकी वह कुर्बानी देने की तैयारी कर रहे हैं।

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चांद दिखने पर 21 जुलाई को मनाई जाएगी बकरीद

दरियागंज के रहने वाले मोहम्मद शफीक ने कहा कि चांद दिखने पर 21 जुलाई को देश भर में बकरीद का त्योहार मनाया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। दिल्ली में बकरों की मंडी पूरी तरह से सज चुकी है। इसके अलावा दरिया गंज और जामा मस्जिद के बाजारों में भी लोग खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले मुस्लिम परिवार बकरीद से पहले जामा मस्जिद पर बकरा खरीदने के लिए आते हैं। बकरीद से 10-15 दिन पहले लोग बकरों को खरीदकर घर ले जाते हैं, जिसके बाद वह उनको पालते हैं।

मेवाती और तोता परी बकरों की मांग

व्यापारी सुजाल आलम ने बताया कि राजस्थान के अजमेरी नस्ल के बकरे वह बेचते हैं। लेकिन इस साल वह मेवाती और तोता परी बकरे भी बेच रहे हैं। इस बार इनकी सबसे अधिक मांग है। 40 से 80 हजार रुपये कीमत होने के चलते इन बकरों को लोग अधिक खरीद रहे हैं। पंजाब के लुधियाना से दिल्ली में बकरा बेचने आए व्यापारियों का कहना है कि हर साल की तरह इस साल भी बकरों के नाम बालीवुड के हीरो और खिलाड़ियों के नाम पर रखे गए हैं। उनके पास ढाई लाख रुपये तक बकरे हैं, जिन्हें खरीदार नहीं मिल रहे हैं।

रास्तों में पुलिस चेकिंग के कारण दिल्ली नहीं पहुंच रहे बकरे

व्यापारियों का कहना है कि हर राज्यों में इन दिनों पुलिस की चेंकिग चल रही है, जिसके कारण बकरों से भरे ट्रक को पुलिस जब्त कर रही है, जिसके कारण व्यापारी उन्हें दिल्ली तक नहीं आ पा रहे हैं। इसमें यूपी के अमरोहा, रामपुर, मुरादाबाद, संभल और अलीगढ़ से दिल्ली में बरबरा, दुंबा, मेढ़ा, दोगली नस्ल ओर देसी बकरों नहीं आ पा रहे हैं। वहीं, राजस्थान के अजमेरी बकरे, जयपुर के देसी बकरे, हरियाणा के मेवाती बकरे, करनाल के मेढ़ा बकरों की सप्लाई नहीं हो पा रही है। वहीं, पंजाब से बिट्टल और बरबरा बकरों की मांग सबसे अधिक रहती है, जो आ रहे हैं। इनकी बिक्री की जा रही है। हालांकि दिल्ली में इनकी खरीदार भी कम हैं।

जामा मस्जिद के बाजार के बकरा व्यापारी हामिल कुरैशी का कहना है कि वह सीलमपुर इलाके में रहते हैं और पिछले 18 साल से लगातार बकरीद पर बकराें का व्यापार करते हैं। उनका कहना है कि इस साल दूसरे राज्यों से कम संख्या में बकरे दिल्ली पहुंचे हैं, जिसके चलते इसका असर बकरों पर पड़ा है। 50 से 60 हजार वाले बकरे की कीमत 90 हजार से एक लाख रुपये तक हो गई हैं। उनका कहना है कि हर साल यहां पंजाब, राजस्थान, यूपी, और हरियाणा के बकरों की धूम होती थी। इस साल केवल राजस्थान और हरियाणा से बकरों की खेप दिल्ली तक पहुंची है। बाकी अन्य राज्यों से बकरे नहीं आए हैं।

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