अक्षय तृतीया 14 की भोर 3.26 बजे तृतीया लगेगी, 15 की सुबह 5.08 बजे तक रहेगी | Latest News

शास्त्रों में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया का मान अक्षय तृतीया के रूप में है। तिथि विशेष पर स्नान-दान, व्रत व जप-ध्यान का विशेष महत्व है। शास्त्रीय मान्यता है कि इस तिथि में किए गए पूजन-अनुष्ठान, दान-पुण्य का फल अक्षय हो जाता है। वैशाख शुक्ल तृतीया इस बार 14 की भोर 3.26 बजे लग रही है जो 15 की भोर 5.08 बजे तक रहेगी। इस लिहाज से अबकी व्रत पर्व 14 मई को मनाया जाएगा।

Akshaya Tritiya 2021 Date Akshaya Tritiya is on 14 May so buying gold is  auspicious

अपुच्छ मुहूर्त

ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि दि्ववेदी के अनुसार अक्षय तृतीया पर किसी भी शुभ कार्य को किया जा सकता है। इस दिन अपुच्छ मुहूर्त माना जाता है। इस तिथि में ही त्रेता युग आरंभ हुआ। वहीं उत्तराखंड के अधिष्ठाता बद्रीनाथ का ग्रीष्मकालीन पट इस दिन खुलता है। काशी में गंगा स्नान के साथ त्रिलोचन महादेव की यात्रा, पूजन-वंदन का महत्व है। हालांकि इस बार कोरोना संकट के कारण घर-आंगन में ही स्नान करना श्रेयष्कर है

शास्त्रों में अक्षय तृतीया को सनातनियों का प्रधान पर्व बताया गया है। बीएचयू के ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रो. विनय पांडेय के अनुसार तिथि विशेष पर स्नान-दान, जप-तप, पूजन-अनुष्ठान आदि समस्त कर्मों का फल अक्षय हो जाता है। इस कारण ही इस व्रत पर्व को शास्त्रों में अक्षय कहा गया। किसी भी क्षेत्र में सफलता कामना से व्रत, दान में जल पूरित कलश, छाता, हाथ वाला पंखा व्यंजनादि जरूरतमंद या पुरोहित को दान में देना चाहिए। हालांकि लोक मान्यता व परंपरा अनुसार तिथि विशेष पर स्वर्णादि समेत स्थिर लक्ष्मी क्रय का प्रचलन बढ़ा है। कारण यह कि इस दिन कोई शुभ कार्य, दान के साथ स्वर्णादि खरीदने पर वह भी अक्षय हो जाता है। वैशाख शुक्ल तृतीया को ही भगवान परशुराम व हयग्रीव की जयंती भी मनाई जाती है।

Like us share us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *