विकास के नाम पर जहां हरियाली पर आरा चलाया जा रहा है वहीं, दो जून की रोटी का इंतजाम करने वाला किसान भी विकास की चकाचौंध में खोता जा रहा है। बिजली, पानी, उर्वरक और कीटनाशकों के दाम में आई बढ़ोतरी ने उत्पादन लागत में बढ़ोतरी तो कर दी, लेकिन फसल का दाम उतना नहीं मिल पाता जितना उसकी लागत आई है। बढ़ती आबादी भी दिन पर दिन उपजाऊ भूमि को कम रही है।
21 हजार से अधिक किसान सूची से बाहर
चिनहट के राधेलाल मल्हौर रोड पर 10 बीघे जमीन में गेहूं की खेती होती थी। लागत के हिसाब से फसल का मूल्य नहीं मिल पा रहा था तो खेत के आसपास विकास की आंधी चली तो उन्होंने भी अपनी जमीन का सौदा कर लिया। चिनहट ब्लाक के 21,073 किसान खेती से दूर हुए तो विभाग ने उन्हें किसान की सूची से बाहर कर दिया।
राजधानी एक नजर
- कुल जमीन-2.24 लाख हेक्टेयर
- खेती वाली जमीन-एक लाख हेक्टेयर
- किसानों की संख्या-2,45676
- लघु किसान (एक हेक्टेयर से कम)-30,086
- सीमांत किसान (एक से दो हेक्टेयर)-1,82550
- बड़े किसान-2053
- क्रेडिट कार्ड धारक किसान-1.75 लाख
- सक्रिय क्रेडिट कार्ड धारक-1.32 लाख
वर्षवार घटी उपजाऊ जमीन
- 2014-1.36 लाख हेक्टेयर
- 2015-1.25 लाख हेक्टेयर
- 2016-1.20 लाख हेक्टेयर
- 2017-1.15 लाख हेक्टेयर
- 2018-1.10 लाख हेक्टेयर
- 2019-1.05 लाख हेक्टेयर
- 2020-1.00 लाख हेक्टेयर
लखनऊ मंडल उप कृषि निदेशक डा.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि कृषि भूमि पर अब भवन निर्माण होने लगा है। विकास के साथ ग्रामीण इलाके नगर निगम की सीमा में आने लगे हैं। चिनहट ब्लाक में अधिकतर इलाके विकसित हो गए हैं। राजधानी में 21,073 किसान अब नगर निगम की सीमा में आ गए हैं। ऐसे किसानों को कृषि लाभ से वंचित कर दिया गया है।
विकास के साथ उपजाऊ भूमि रकबा भी कम हो रहा है।
प्रदेश में बेरोजगारों स्थिति
प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगार-66 लाख
लखनऊ में पंजीकृत बेरोजगार-55 हजार
कौशल विकास के लिए पंजीयन-46 लाख
प्रशिक्षण की आयु सीमा-14 से 35 वर्ष
सरकारी प्रशिक्षण केंद्र-237
निजी प्रशिक्षण केद्र-138
प्रशिक्षण के सेक्टर-53
प्रशिक्षण की ट्रेडें-654
प्रशिक्षण के लिए इनरोल-चार लाख
प्रशिक्षण प्राप्त बेरोजगार- दो लाख
प्रशिक्षण के बाद नौकरी मिली-2.38 लाख
पंजीकृत बेरोगारों पर एक नजर
2014-45 लाख
2015-83 लाख
2016-78 लाख
2017-58 लाख
2018-59 लाख
2019-62 लाख
2020-66 लाख