@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
- खनिज विभाग द्वारा परिवहन के लिए ज़रूरी ई-ट्रांजिट पास करने वाली सरकारी वेबसाइट की तर्ज पर गिरोह ने वेबसाइट बना रखी थी।
- उत्तरप्रदेश के अन्य जिलों तक गिरोह के सदस्यों का नेटवर्क था,हर महीने 15 करोड़ से ज्यादा की काली कमाई।
- महोबा के थाना कबरई पत्थर मंडी मे खनिज बोल्डर 350 रुपया प्रति घनमीटर रायल्टी है। लेकिन यह सिंडिकेट ट्रक चालक व पहाड़ पट्टेधारक को 150 से 200 रुपया प्रति घनमीटर रायल्टी देते थे।
महोबा/बाँदा। बुंदेलखंड के चित्रकूट मंडल का जिला महोबा ग्रेनाइट / पत्थर बोल्डर, गिट्टी और डस्ट का बड़ा बाजार है। यहां दो दशक से ग्रेनाइट खनन व स्टोन क्रेशर का काम होता है। यह वैध की आड़ मे अवैध ज्यादा किया जाता है। महोबा पुलिस अधीक्षक प्रबल प्रताप सिंह ने खनिज विभाग के साथ मिलकर फर्जी रायल्टी जारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। जानकारी अनुसार यह अपराधी सरकारी वेबसाइट की तरह हूबहू वेबसाइट बनाकर एआई की मदद से काला धंधा चला रहे थे।
आरोपी सरगना विजय सैनी और सहयोगी विकास ने बताया कि कोडिंग के जरिये फर्जी बारकोड जनरेट करके कूटरचित रायल्टी एमएम 11 प्रपत्र बनाकर प्रिंट करते थे। इतना ही नही यह पत्थर मंडी कबरई मे निर्धारित रेट 350 रुपया प्रति घन मीटर रायल्टी से कम रेट पर 150 से 200 रुपया रायल्टी एमएम 11 देते थे। इनका गिरोह यूपी के दूसरे जिलों तक नेटवर्क चलाता था। करीब डेढ़ साल से युवाओं का यह कुनबा जिसमें विजय सैनी (गैंग लीडर), बिंदादीन, विकास शामिल है अपना गैंग चला रहे थे। गिरोह सरगना विजय सैनी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भौकाली रील्स बनाकर डालता था। विकास ने बताया कि सिक्योरिटी दस्तावेज पर पट्टेधारक के यूनिक आईडी कोड की जगह कोडिंग के जरिये फर्जी बारकोड चस्पा होता था। जिसको स्कैन करके वेबसाइट खुलती थी। साथ ही सिक्योरिटी पेपर मैच होना प्रतीत होता था।
गौरतलब है महोबा के पत्थर मंडी कबरई मे 350 रुपया प्रति घन मीटर रायल्टी के हिसाब से एक ट्रक मे 25 घन मीटर की रायल्टी होती है। एक ट्रक गिट्टी भरकर जाने वाला ट्रक 8,700 रुपया रायल्टी देता है। यह अपराधी 500 से ज्यादा रायल्टी रोजाना जारी करते थे। यह एक दिन मे 44 लाख रुपया कमाते थे। जो महीने मे 15 करोड़ बनती है। महोबा समेत आसपास यह गैंग ऐसा करता था। बतलाते चले कि हाल ही मे सीएजी की रिपोर्ट नम्बर 9 /2024 मे परिशिष्ट 4 पर बुंदेलखंड मे महोबा, बाँदा, चित्रकूट, हमीरपुर तक खनिज परिवहन को फर्जी रायल्टी का खुलासा आडिट मे हुआ है। साल 2018 से 2022 तक स्कूटर, मोटरसाइकिल, टिर्री, एम्बुलेंस, क्रेन, जेसीबी, ट्रैक्टर, ट्रक, डम्फर को फर्जी एमएम 11 रवन्ना जारी हुआ है। क्या खबर कि इससे पहले भी ऐसा या दूसरा गैंग यही करता रहा होगा। मजेदार है खनिज रायल्टी परिवहन लखनऊ से जारी होता है। लेकिन महोबा मे यह गिरोह राज्य सरकार को करोड़ों रुपया राजस्व नुकसान देकर मौज कर रहा था। चित्रकूट मंडल मे खनिज कारोबार मे सफेदपोश शातिर लोग ऐसे गिरोहों का साथ लेकर पर्यावरण और सरकार दोनों के दुश्मन बनें बैठे है। बावजूद इसके यह खेल गाहेबगाहे पनपता रहता है।