भारत के सबसे बड़े सूबे उप्र के सिद्धार्थनगर जिले में हाल ही में कोरोना टीका लगाने में गंभीर लापरवाही देखी गई। हालांकि, जिस पर इतना बवाल हुआ, वास्तव में वह लापरवाही अच्छी बताई जा रही है। मसलन नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ. वीके पॉल ने एक मनुष्य को दो अलग-अलग डोज यानी एक कोविशील्ड और दूसरी कोवैक्सीन लगाने को बचाव किया। उन्होंने इसे महत्वपूर्ण मामला ना बताते हुए कहा कि दो बदल कर वैक्सीन लगवाने से इम्यूनिटी को अधिक फायदा है।
नीति आयोग के सदस्य द्वारा कहा गया कि ऐसी भी बातचीत चल रही है कि बदल के वैक्सीन लगे तो इम्यूनिटी ज्यादा होती है। ऐसे में जब ट्रायल से जो जब सामने आएगा तब बताएंगे। बता दें कि उप्र के सिद्धार्थनगर जिले में कोरोना टीका लगाने में गंभीर लापरवाही पर भी पर्दा डालने की कोशिश हुई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी के उपकेंद्र औंदही कलां में 20 लोगों को अलग-अलग वैक्सीन की डोज लगा दी गई।
डॉ. वीके पॉल ने कहा, ‘प्रोटोकॉल के हिसाब से सजग रहना है कि ऐसा न हो। पहले जो टीका लगे उसी का दूसरा टीका लगे। लेकिन फिर भी अगर ऐसा हो गया है तो इतना कोई महत्वपूर्ण मामला नहीं होना चाहिए।’ उन्होंने सिद्धार्थनगर में कुछ लोगों को कोविशील्ड के बाद कोवैक्सीन लगने पर यह बात कही। उन्होंने आगे कहा कि उस परिवार के लिए कोई चिंता की बात नहीं है।
दो बदल कर डोज लगाने पर पर विचार?
डॉ. पॉल ने इस मामले पर आगे बताया कि जिन्हें अलग-अलग खुराक मिल रही है, उनके लिए चिंता की कोई बात नहीं है, यह सुरक्षित है। इसके अलावा उन्होंने आगे एक बड़ी बात कही। उन्होंने कहा, ‘हम परीक्षण के आधार पर मिक्स एंड मैच (वैक्सीन की खुराक) करने की सोच रहे हैं।’ यानी देखा जाए तो सरकार अब एक मनुष्य को दो अलग-अलग वैक्सीन लगाए जाने पर विचार कर रही है। डॉ. पॉल के मुताबिक, ट्रायल पर नजर है और उस बेसिस पर एक आदमी को दोनों वैक्सीन दी जा सकती है।