फर्जी पते पर लिए गए असलहा मामले (Fake Arms Licence Case) में आरोपी माफिया मुख्तार अंसारी (Mafia Mukhtar Ansari) की पेशी बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बांदा जेल (Banda Jail) से हुई. इस दौरान मुख्तार अंसारी ने ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट (फास्ट ट्रैक, महिला अपराध) संतोष वर्मा को बताया कि जो सुविधाएं उन्हें जेल में मिलनी चाहिए वो नहीं दी जा रही हैं. मेडिकल बोर्ड की जांच में भी डॉक्टर ने जो सलाह दी है, उसका भी पालन जेल अधीक्षक द्बारा नहीं किया जा रहा है. मजिस्ट्रेट ने अभियोजन अधिकारी और मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दारोगा सिंह के तर्कों को सुनने के बाद न्यायिक अभिरक्षा रिमांड स्वीकृत करते हुए सुनवाई के लिए 21 मई की तिथि नियत कर दी. साथ ही जेल अधीक्षक बांदा से मुख्तार अंसारी की मेडिकल बोर्ड की पूरी रिपोर्ट तलब की है.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, तत्कालीन थानाध्यक्ष दक्षिण टोला निहार नंदन कुमार की तहरीर पर 5 जनवरी 2020 को आयुध अधिनियम और जालसाजी के मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई. इसमें मुख्तार अंसारी सहित 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है. आरोप है कि मुख्तार अंसारी ने कुछ लोगों के असलहा लाइसेंस के लिए जिलाधिकारी को अपने लेटर पैड पर पत्र लिखकर इसकी सिफारिश की थी. इसपर जिलाधिकारी ने उन लोगों का लाइसेंस जारी किया था. बाद में जांच के दौरान जिन लोगों के नाम असलहा लाइसेंस जारी किया गया था, उनका नाम और पता फर्जी पाया गया. इस पर मुख्तार अंसारी सहित सात लोगों के विरुद्ध दक्षिण टोला थाना में रिपोर्ट दर्ज हुई. पुलिस ने विवेचना के बाद मुख्तार अंसारी सहित सभी के विरुद्ध आरोप पत्र सीजेएम कोर्ट मे पेश किया. इस मामले में बुधवार को मुख्तार अंसारी की पेशी थी.
जेल अधीक्षक की शिकायत
इस दौरान मुख्तार अंसारी ने जेएम फास्ट ट्रैक कोर्ट महिला अपराध संतोष वर्मा को बताया कि उन्हें जो सुविधाएं जेल मे मिलनी चाहिए नहीं दी जा रही है. मेडिकल बोर्ड की जांच मे भी डॉक्टर ने जो सलाह दी है, उसका भी पालन जेल अधीक्षक द्बारा नहीं किया जा रहा है. जेएम फास्ट ट्रैक कोर्ट संतोष वर्मा ने अभियोजन अधिकारी और मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दारोगा सिंह को सुनने के बाद जेल अधीक्षक बांदा से मुख्तार अंसारी की मेडिकल बोर्ड की पूरी रिपोर्ट तलब किया है. साथ ही मामले मे मुख्तार अंसारी की न्यायिक अभिरक्षा की रिमांड स्वीकृत करते हुए सुनवाई के लिए 21 मई की तिथि नियत की है.