चित्रकूट के मऊ एसडीएम सौरभ यादव ने बेटी का एडमिशन सरकारी प्राइमरी विद्यालय मे कराया… | Soochana Sansar

चित्रकूट के मऊ एसडीएम सौरभ यादव ने बेटी का एडमिशन सरकारी प्राइमरी विद्यालय मे कराया…

नीचे माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद का वो आदेश पढ़े जो सरकारी अधिकारियों / कर्मचारियों के बच्चों को निजी स्कूलों मे दाखिले से रोकने को वर्ष 2015 मे हुआ था।

https://embed.documentcloud.org/documents/2289595-allahabad-hc-judgment-banning-public-servants

@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।

  • सरकार के अफसर ने प्राइवेट स्कूल की चमकदमक से दूर सरकारी स्कूल मे बेटी का कराया दाखिला।
  • हाईकोर्ट इलाहाबाद भी पूर्व मे वर्ष 2015 मे एक जनहित याचिका पर जस्टिस सुधीर अग्रवाल की बेंच से सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों अपने बच्चे सरकारी स्कूलों मे पढ़ाने का आदेश दे चुका है लेकिन धरातल पर नही उतरा।
  • प्राइवेट स्कूलों का आधुनिकीकरण / सुविधाओं और अपने पद और रुतबे के मुताबिक आज अफसरों के बच्चों को महंगे निजी स्कूलों मे शिक्षा मिलती है।


मऊ/ चित्रकूट। उत्तरप्रदेश के जनपद चित्रकूट की मऊ तहसील के एसडीएम सौरभ यादव ने भीड़ से हटकर अपनी बेटी का दाखिला सरकारी प्राइमरी / जूनियर कंपोजिट इंग्लिश मीडियम स्कूल मे कराया है। यह स्कूल है ‘प्राइमरी विद्यालय छिवलहा’ जो कि सरकार की मंशा मुताबिक स्मार्ट बनाया गया था। सरकारी प्राइमरी व जूनियर विद्यालय अलंकार योजना से इंग्लिश मीडियम व संसाधन युक्त बनाये जाने थे। जहां के शिक्षक व बीएसए सक्रिय रहे और जिनमे बच्चों को अच्छा भविष्य देने की ललक थी वहां यह सम्भव हो सका। ऐसा ही यह स्कूल है प्राइमरी / जूनियर कंपोजिट विद्यालय, छिवलहा। यह मऊ तहसील अंतर्गत आता है।

उल्लेखनीय है कि माननीय हाईकोर्ट इलाहाबाद ने भी साल 2015 मे सरकारी स्कूलों की दुर्दशा सुधारने को एक महत्वपूर्ण आदेश दिया था। जस्टिस सुधीर अग्रवाल की बेंच से यह आदेश पारित हुआ था कि सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के बच्चों को निजी स्कूलों मे दाखिला न दिया जाए। इस आदेश का भारी विरोध ब्यूरोक्रेसी ने किया और इसको जबरजस्ती का थोपा आदेश करार दिया। जबकिं हाईकोर्ट की मंशा प्राइमरी व जूनियर विद्यालय की बदहाली को बदलने की थी। उच्चन्यायालय का मानना था कि जब अफसरों के बच्चे सरकारी स्कूलों मे पढ़ने लगेंगे तो विद्यालय के अध्यापक की हिम्मत नही होगी कि एमडीएम मे भ्रष्टाचार करे या पढ़ाई मे हीलाहवाली हो।

चित्रकूट के मऊ एसडीएम ने पहल की है-


चित्रकूट के मऊ तहसील एसडीएम ने नेक पहल की है। उनकी बिटिया अन्य बच्चों की तरह सरकारी विद्यालय जाती है। सबके साथ बैठकर पढ़ाई कर रही है। खबर के साथ लगी कुछ तस्वीरों से आप इस पहल को गौर कर सकते है। एसडीएम सौरभ यादव ने कहा कि जब हम अपने बच्चों को सरकारी विद्यालय मे भेजेंगे तो अन्य बच्चों का हौसला बढ़ेगा। साथ ही स्कूलों का वातावरण सुधरेगा। अध्ययन अच्छा होगा और अध्यापक नियमित विद्यालय आएगा। खबर के साथ माननीय हाईकोर्ट का वो जजमेंट लिंक भी है जो सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए जारी हुआ था किंतु आज तक उसको अमल मे नही लाया गया।

बाँदा मे आठ करोड़ रुपया स्कूल स्मार्ट बनाने को आया लेकिन खर्च नही हुआ-


ज़िले मे अलंकार योजना से 43 माध्यमिक विद्यालय के लिए 8 करोड़ रुपया आया लेकिन डंप हो गया। उत्तरप्रदेश सरकार ने अलंकार योजना से सरकारी विद्यालय का सुंदरीकरण व तस्वीर बदलने को उन्हें स्मार्ट बनाने की कवायद का बीड़ा उठाया। इस कड़ी मे 33 स्कूलों का चयन हुआ। माध्यमिक विद्यालय को सुविधाएं मिले इसके लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 मे 43 स्कूलों का चयन हुआ। इन्हें 60-60 लाख मिलने थे। जिसमें 20-20 लाख रुपया जारी हो चुका है। बतलाते चले कि माध्यमिक विद्यालय मे आधुनिक सुविधाओं के मद्देनजर पुस्तकालय, आधुनिक भवन, प्रयोगशाला, कम्प्यूटर लैब, स्मार्ट क्लास, बहुउद्देश्यीय मीटिंग हाल व अन्य संसाधन पूरे करने थे। विडंबना है कि कार्यदाई संस्था की लापरवाही से यह सपना अधूरा है। वहीं 8 करोड़ का बजट डंप पड़ा है। उधर चित्रकूट जनपद मे कुछ माध्यमिक विद्यालय जो कंपोजिट है अर्थात प्राइमरी व जूनियर है वे स्मार्ट बन सके। इन इंग्लिश मीडियम स्कूल मे से एक है प्राइमरी-जूनियर कंपोजिट सरकारी विद्यालय छिवलहा, मऊ। इसमे ही एसडीएम सौरभ यादव की बेटी का एडमिशन हुआ है।

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