माइक्रोसॉफ्ट ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, UP के पहले बैच के छात्रों को इंडस्ट्री रेडी स्किल्स सिखाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट AI बूटकैम्प का आयोजन किया | Soochana Sansar

माइक्रोसॉफ्ट ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, UP के पहले बैच के छात्रों को इंडस्ट्री रेडी स्किल्स सिखाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट AI बूटकैम्प का आयोजन किया

उन्नाव, 21 मई | माइक्रोसॉफ्ट ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश के नए कैंपस में पहला एआई बूटकैम्प आयोजित किया। इंडस्ट्री रेडी स्किल्स सिखाने के उद्देश्य से आयोजित इस बूटकैम्प में इंजीनियरिंग, बिज़नेस और कॉमर्स, कंप्यूटर एप्लिकेशन्स जैसे अलग-अलग स्ट्रीम्स के 300 से अधिक स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। ग्लोबल टेक जाइंट माइक्रोसॉफ्ट द्वारा आयोजित इस प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को एआई टूल्स और टेक्नोलॉजीज़ की प्रैक्टिकल और हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग दी गई, यह बूटकैम्प चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश के पहले बैच के बच्चों के लिए खास तौर पर आयोजित किया गया था। दरअसल ग्लोबल आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश के साथ एक एमओयू साइन किया है, जिसकी मदद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में इंडस्ट्री कोलैबोरेटिव प्रोग्राम्स शुरू किए जा सकें। इसका मकसद भविष्य की जरूरतों के अनुसार तैयार वर्कफोर्स को विकसित करना है।

यह कोलैबोरेशन ऐसे टेक्निकल कोर्सेज़ उपलब्ध कराएगा जिनमें छात्रों की पढ़ाई की शुरुआत से ही एआई को शामिल किया जाएगा साथ ही छात्रों को नई एआई और इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज़ में इस्तेमाल होने वाले टूल्स की ट्रेनिंग भी दी जाएगी, जिससे उनकी स्किल सेट मज़बूत होगी और जॉब के अधिक अवसर मिलेंगे। लर्निंग में एआई का इस्तेमाल करके छात्र रियल-वर्ल्ड स्किल्स हासिल कर पाएंगे, जैसे पायथन प्रोग्रामिंग और एआई इंटेग्रेशन जो उनके भविष्य और करियर के लिए आवश्यक हैं।

इन प्रयासों के तहत, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी उन्नाव ने आज ‘उन्नति एआई’ इनिशिएटिव के अंतर्गत माइक्रोसॉफ्ट एआई बूटकैम्प का सफल आयोजन किया। यह कार्यक्रम एफआईटीटी आईआईटी दिल्ली और माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से आयोजित हुआ, जिसमें सीयू टीबीई ने पार्टनर की भूमिका निभाई।

उन्नति एआई इनिशिएटिव एक संयुक्त प्रोग्राम है जिसे एफआईटीटी आईआईटी दिल्ली, माइक्रोसॉफ्ट और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने मिलकर शुरू किया है, जिसमें सीयू टीबीआई एक स्ट्रैटेजिक इम्प्लीमेंटेशन पार्टनर के रूप में काम कर रहा है। वहीं माइक्रोसॉफ्ट ने महिला सशक्तिकरम को ध्यान में रखते हुए उन्नति एआई कार्यक्रम में 50% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना अनिवार्य कर दिया है। उन्नति एआई का उद्देश्य छात्रों और शुरुआती स्तर के फाउंडर्स को एआई स्किलिंग, इंस्टिट्यूशनल पार्टनरशिप्स, और फंडिंग अपॉर्च्युनिटीज़ प्रदान करना है, खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों से आने वाले युवाओं के लिए।

इस अवसर पर सांसद और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा, “चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी हमेशा से ही छात्रों को इंडस्ट्री और एम्प्लॉयमेंट-ओरिएंटेड एजुकेशन देने पर फोकस करती आई है। सीयू की 12 साल से भी ज्यादा की एक मजबूत लीगेसी रही है। यूनिवर्सिटी ने उत्तर प्रदेश में अपना दूसरा कैंपस इसी उद्देश्य से स्थापित किया है कि वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस, डेटा एनालिटिक्स, क्लाउड कंप्यूटिंग, फिनटेक और साइबर सिक्योरिटी जैसे फ्यूचरिस्टिक और इमर्जिंग फील्ड्स में इंडस्ट्री कोलैबोरेटिव प्रोग्राम्स ऑफर कर सके। इसके अलावा, इनमें से ज़्यादातर प्रोग्राम्स पहली बार उत्तर प्रदेश में इंडस्ट्री जाइंट्स के साथ कोलैबोरेशन में शुरू किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के छात्रों को इसका बड़ा फायदा मिलेगा, क्योंकि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने अपने पहले ही साल में 23 टॉप भारतीय और ग्लोबल इंडस्ट्री पार्टनर्स के साथ मिलकर ऐसे इंडस्ट्री-ओरिएंटेड प्रोग्राम्स शुरू किए हैं, जो छात्रों की एम्प्लॉयबिलिटी यानी नौकरी पाने की संभावना को और मजबूत करेंगे।”

आईआईटी दिल्ली के एफआईटीटी के एमडी निखिल अग्रवाल ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का दौरा करने के बाद मैं यह कह सकता हूं कि मैं इसकी विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर और सोच की दिशा से वास्तव में प्रभावित हूं। विकसित भारत का सपना तभी साकार हो सकता है जब हमारे पास स्किल्ड मैनपावर हो। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी जैसे न्यू-एज संस्थान स्किलिंग और टेक्नोलॉजी को मिलाकर इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं। टेक्नोलॉजिकल ट्रांसफॉर्मेशन और क्वालिटी स्किल डेवलपमेंट के प्रति चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की प्रतिबद्धता सराहनीय है। सत्या नडेला ने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की जहां प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि उन्हें भारत के लिए कुछ करना चाहिए। इसी विचार से ‘उन्नति एआई ‘ कार्यक्रम की शुरुआत हुई – जिसका मतलब है एआई फॉर गुड यानी भलाई के लिए एआई। इसका मकसद एआई को विकसित करना नहीं, बल्कि लोगों को इसका सही इस्तेमाल सिखाना है – खासकर छात्रों और देश की तरक्की के लिए। आज एआई, ठीक गूगल की तरह हमारे जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है। एआई का इस्तेमाल सिर्फ कोड या डॉक्यूमेंट बनाने तक ही सीमित नहीं है। एआई को कई तरीकों और क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे किस काम के लिए उपयोग करना चाहते हैं—चाहे वो हेल्थ सेक्टर हो, स्टूडेंट वेलफेयर हो या कोई और क्षेत्र। यह आप सभी के लिए एक बहुत अच्छा मौका है, क्योंकि आप देश की पहली एआई-सपोर्टेड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं। यहां की टेक्नोलॉजी और सुविधाओं का पूरा फायदा उठाएं। हमारी यही उम्मीद है कि यहां से अगला सुंदर पिचाई या सत्य नडेला निकले।

वेंचर मोजार्ट के फाउंडर और चीफ मेंटर अभिषेक तिवारी ने एआई और स्टार्टअप्स के विषय पर कहा “चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश का कैंपस बहुत ही विशाल है और इसकी वास्तुकला वास्तव में प्रशंसनीय है। जो बात इस यूनिवर्सिटी को सबसे अलग बनाती है, वह है इसके पाठ्यक्रम में एआई को शामिल करने की साहसिक और समयानुकूल पहल। यह पहल उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के छात्रों के लिए भी बेहद लाभकारी होगी, क्योंकि अब उन्हें कक्षा में ही उन्नत तकनीकों के व्यावहारिक अनुभव का मौका मिल रहा है — जो पहले केवल इंडस्ट्री तक सीमित था।”

“एआई पहले ही एक शक्तिशाली प्रोडक्टिविटी टूल बन चुका है, जिसने जॉब मार्केट को काफी प्रभावित किया है और इंडस्ट्रीज में तेजी से बदलाव ला रहा है। कंटेंट क्रिएशन जैसे क्षेत्रों में यह पारंपरिक भूमिकाओं की जगह ले रहा है। आने वाले समय में यह जरूरी होगा कि लोग अपनी स्किल्स को मोनेटाइज़ कर सकें, क्योंकि एआई के बिना टिके रहना मुश्किल होता जाएगा। सफलता के लिए एंटरप्रेन्योरियल माइंडसेट और सही टूल्स की समझ जरूरी है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा एआई एजुकेशन को पाठ्यक्रम में शामिल करना वाकई में एक परिवर्तनकारी कदम है — जिससे छात्र केवल तकनीक का उपभोग नहीं, बल्कि उसे विकसित भी कर सकेंगे।”

माइक्रोसॉफ्ट की लिपिका शर्मा ने कहा की जब कई यूनिवर्सिटी अभी भी यह सोच-विचार कर रही हैं कि भारत के युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में इंडस्ट्री-रेडी कैसे बनाया जाए, तब चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश ने देश का पहला एआई-सपोर्टेड कैंपस स्थापित करके एक बड़ा  कदम उठाया है,” । “यह एक सराहनीय पहल है। एआई इंसानों की जगह नहीं लेगा, लेकिन जो व्यक्ति खुद को अपडेट रखेगा और एआई में स्किल्ड होगा, वही इस तकनीकी बदलाव के दौर में आगे बढ़ पाएगा। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की इंडस्ट्री के साथ साझेदारी छात्रों को बेहतरीन एक्सपोजर देगी और माइक्रोसॉफ्ट इस विज़न का हिस्सा बनकर छात्रों को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी में अपस्किल करने में सहयोग करेगा।”

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी के मैनेजिंग डायरेक्टर जय इंदर सिंह संधू ने कहा की “चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी लखनऊ भारतीय युवाओं को अपस्किलिंग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है, जिससे वे ग्लोबल टेक्नोलॉजी और एआई की अगली पीढ़ी बन सकें। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश का अत्याधुनिक कैंपस जो कानपुर-लखनऊ हाईवे पर 2500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बना है अपने पहले ही साल में इंडस्ट्री के साथ एमओयू करके नए मानक स्थापित कर रहा है।

इसी क्रम में फाइव सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी में स्थापित किए जाएंगे, जो विभिन्न क्षेत्रों में रिसर्च पर फोकस करेंगे। इसके अलावा, यूनिवर्सिटी उन छात्रों का समर्थन करने के लिए 3 करोड़ रुपये की ‘सीवी रमन स्कॉलरशिप’ भी प्रदान करेगी जो वैज्ञानिक शोध में करियर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।”

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