सांडी मौरम खंड में हमीरपुर के रस्ते पहुंचे संयुक्त विकास आयुक्त की जांच टीम,मौरम पट्टेधारक ने 10 पोकलैंड से भरे गड्ढे… | Soochana Sansar

सांडी मौरम खंड में हमीरपुर के रस्ते पहुंचे संयुक्त विकास आयुक्त की जांच टीम,मौरम पट्टेधारक ने 10 पोकलैंड से भरे गड्ढे…

@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा ।

  • बाँदा के पैलानी क्षेत्र की मौरम खदान ग्राम सांडी खण्ड 77 और उससे जुड़े रकबों की जांच संयुक्त टीम गुरुवार को करने गई।
  • शिकायत कर्ताओं मसलन ऊषा निषाद आदि किसान बोले बिना जानकारी दिए आ धमके अधिकारी जबकिं मंडल आयुक्त ने मौके पर शिकायत कर्ता को भी बुलाने की हिदायत दी थी।
  • मौरम ठेकेदार हिमांशु मीणा व फर्म से जुड़े अनिल बंसल, अजहर आदि के मजबूत नेटवर्क ने विभागीय सूत्रों से मिली पूर्व सूचना पर 10 पोकलैंड लगाकर अवैध खनन के भारी तालाबनुमा गड्ढों को भरने का काला खेल किया।
  • मौके पर पहुंची शिकायत कर्त्ता ऊषा निषाद ने स्वयं बालू लुटेरों की इन करतूतों को मोबाइल पर जीपीएस कैमरे से कैद किया।
  • शिकायत कर्ता ने बाँदा डीएम, मंडल आयुक्त, खनिज अधिकारी राजरंजन, एसडीएम पैलानी के सीयूजी व्हाट्सएप नम्बर पर सारे वीडियोग्राफी साक्ष्य प्रेषित किये है।
  • दिनांक 25 मार्च को बाँदा डीएम व खान अधिकारी और 26 मार्च को मंडल आयुक्त से मिले थे शिकायत कर्ता।


बाँदा। ज़िले मे चल रही दो दर्जन लाल मौरम खदानों मे से एक सर्वाधिक चर्चित व मीडिया प्रबंधन मे माहिर मौरम खदान सांडी की खण्ड 77/1, 77/7, 89/1 है। इसकी शिकायत स्थानीय किसानों ने 25 व 26 मार्च बाँदा मुख्यालय मे की थी। वहीं आईजीआरएस पोर्टल पर भी प्रार्थना पत्र दिया था। बकौल शिकायत कर्ता ऊषा निषाद व अन्य किसानों ने बताया कि गांव मे ‘न्यू यूरेका माइन्स एंड मिनरल्स’ छतरपुर की फर्म केन नदी से लाल मौरम उत्खनन करती है।

यह ठेकेदार मीडिया प्रबंधन करके प्रशासन को साध लेता है। सरकार की आंख मे धूल झोंकने को पूरा नेटवर्क खड़ा किया गया है। वे कहतें है कि मौरम खदान वाले पट्टेधारक अपने साथियों के साथ लेकिन 77/2 व 77/3 व 77/4 व 77/5 व 77/6 व 89/2 मे अवैध खनन करा रहें है। वहीं किसानों के निजी भूमि पर भी अवैध बालू निकासी करते है। उन्होंने बताया कि किसानों की शामिल खाता खतौनी नम्बर 103/217 हेक्टेयर व 102/3 है। जिसमें किसान राम औतार / शिवराज सतिनिया / बेवा शिवराज व बैजनाथ पुत्र शिवपाली , रामबाबू वयस्क पुत्र जयनारायण, रमेशचंद्र पुत्र चुनुबाद, श्रीमती मूंगिया पत्नी चुनुबाद मदारी पुत्र महावीर, रामसेवक पुत्र महावीर, पंकज पुत्र जागेश्वर, पुष्पेंद्र कुमार पुत्र जागेश्वर आदि की भूमिधरी संयुक्त खातेधारक है। केन नदी तरी से लगी इनकी खेतिहर भूमि पर भी खदान वाले अवैध खनन कर रहें है। साथ ही मना करने पर जान से मारने की धमकियों से नवाजा जाता है। वे कहतें है जहां तक बालू है सब हमारी है।

किसानों की शिकायत पर पहुंची जांच टीम –


गुरुवार को उक्त किसानों की दिनांक 25 व 26 मार्च को मुख्यालय पर आला अफसरों को दिये प्रार्थना पत्र पर टीम खदान तक गई। किंतु शिकायत कर्ताओं को जानकारी नही दी गई। अलबत्ता किसानों ने अपने स्तर से मौके पर पहुंचकर अवैध खनन के तालाब जैसे गड्ढों को 10 पोकलैंड मशीनों से भरते माफियाओं को रंगे हाथ पकड़ा व वीडियोग्राफी की है। सोशल मीडिया मे वायरल तस्वीरों और वीडियो पर चोरी पकड़े जाने के भय से करतब करती 10 पोकलैंड साफतौर पर नजर आती है। अब यह अलग बात है जांच टीम ने महाभारत के धृतराष्ट्र की तरह आंख मूंद ली हो। वहीं हमीरपुर की सरहद पर गांव गढ़ा से यह वीडियोग्राफी जीपीएस कैमरे से की गई है। यहीं अवैध धर्मकांटा हमीरपुर की तरफ बना है। वहीं बाँदा की सरहद पर बगीचा डेरा मे भी एक धर्मकांटा लगा है। मतलब एक खण्ड पर दो ज़िलों की मौरम निकासी करने वाले बाहुबली खदान संचालक की मौज है।

किसानों का आरोप रातदिन चलती खदानों पर कानून बौना-

शिकायत करते हुए किसानों ने आन कैमरा खान अधिकारी के कार्यालय परिसर मे 25 मार्च को संवाददाता से कहा कि पूरा सिस्टम सेट है। 3 मीटर का खनन मानक कागजी निर्देश है। पर्यावरण एनओसी तो दिखावा है जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अधिकारी कभी मौके पर झांकने नही जाता है। एनजीटी व खनिज एक्ट की उपधारा 41-ज और खण्ड लीज डीड की शर्तों को अनिल बंसल,हिमांशु मीणा ने बौना साबित कर दिया है। कमोबेश यही दुर्गति ज़िले मे अन्य मौरम खंडों की है। यह बुंदेलखंड को खंड-खंड कर रहें है। केन नदी चंद वर्ष की मेहमान है और जल गोष्ठियों मे ड्रामा भी खूब है। देखना होगा इस मुद्दे पर क्या न्यायसंगत कार्यवाही होती है। वीडियोग्राफी के अनुसार खदान ब्लैकलिस्ट होनी चाहिए।

https://twitter.com/AshishsagarD/status/1905163060756570290?t=bTJGEubUP3zQdSvwKTEZvg&s=09
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