खबर इनपुट : सोशल मीडिया मे वायरल तस्वीर / खबर सामग्री….
@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
- कभी बाँदा की हरित पट्टी क्षेत्र मेडिकल कालेज मार्ग पर बिना नक्शे के निर्माणधीन निजी शिवकृष्ण मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल / प्राइवेट नर्सिंग होम को तत्कालीन डीएम श्री अमित सिंह बंसल जी ने लाल फीता लगवाकर विकास प्राधिकरण बाँदा से सीज कराया था। इसके साथ ही रोडवेज मार्ग पर संचालित डाक्टर नरेंद्र गुप्ता मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल भी निर्माणधीन अवस्था मे सीज हुआ था।
- तत्कालीन सांसद आरके सिंह पटेल एवं सदर माननीय का इतना दबाव सत्ता पर पड़ा कि तत्कालीन डीएम साहब का ट्रांसफर हो गया। बाँदा व्यापार मंडल ने इसमे महती भूमिका का निर्वहन किया।
- तत्कालीन डीएम श्री अनुराग पटेल जी ने सजातीय आत्मीयता से बीडीए का दुर्वासा प्रकोप शांत कराया और मामला अंदरखाने मे आहिस्ता से सुलझा तो हरा पर्दा लगाकर उक्त दोनों निजी नर्सिंग होम धड़ाधड़ बहु मंजिला तनते चले गए।
- डाक्टर नरेंद्र गुप्ता मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, रोडवेज मार्ग स्टेट हाइवे पर निर्मित है जिसमें बिना एनओसी बेसमेंट है। यह पार्किंग है या दवा गोदाम यह तो चर्चित बाल्य रोग चिकित्सक डाक्टर नरेंद्र गुप्ता ही बतला सकते है।
- शिवकृष्ण मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, मेडिकल कालेज रोड ग्रीन बेल्ट पर बेसमेंट के साथ बिना नक्शा निर्माण हुआ।
- शिवकृष्ण मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल / बाबू शिवकृष्ण प्राइवेट लिमिटेड फर्म के मालिक अरुणेश पटेल की धर्मपत्नी डाक्टर संगीता पटेल जी इससे पूर्व आवास विकास बी ब्लाक स्थित अज्ञात गुप्ता के निजी नर्सिंग होम अवनी-परिधि मे बतौर मुख्य डाक्टर नियुक्ति लिए थी। यह भी रिहायशी इलाके मे आवासीय भूमि पर कामर्शियल गतिविधि करता है।
- अवनी-परिधि नर्सिंग होम के संचालक अज्ञात गुप्ता से ही जमीन मे हेराफेरी का प्रशिक्षण बाबू शिवकृष्ण मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल फर्म को प्राप्त हुआ। क्योंकि अवनी परिधि प्राइवेट लिमिटेड ने भी आवास विकास बी ब्लाक मे ओपन स्पेस पार्क की अनलीगल रजिस्ट्री सपा सरकार मे तत्कालीन मुख्य सचिव आलोक रंजन की कृपादृष्टि से हासिल कर ली थी। यह विवादित भूमि आज भी गाहे-बगाहे चर्चा का विषय बनती रहती है। अज्ञात गुप्ता के आवास विकास बी ब्लाक मे ही 5 भूखण्ड वर्तमान मे है।
- इन उपरोक्त मामलों पर सदर माननीय / निर्वतमान / वर्तमान सांसद जी की चुप्पी दर्शाती है कि ज़िले मे ब्राह्मण बनाम पटेलवाद का लैंड भ्रष्टाचार कितना प्रबलता से पैर पसार चुका है। जिसको सत्ता व प्रशासनिक अफसरों का भी आशीर्वाद धनबल के पावर जैक से मुनासिब हुआ है।
बाँदा। ज़िले मे पटेलवाद वर्सेज ब्राह्मणत्व के इर्दगिर्द घूमती ज़िला पंचायत की मौजूदा सियासत मे एक और मुद्दा गौरतलब है। भ्रष्टाचार के गढ़ बाँदा मे बाहर से नौकरी करने आये डॉक्टर व अफसरों ने सजातीय गठबंधन से स्थानीय गरीब, भावनात्मक मिलनसार और विकास के पिछड़ेपन मे अशिक्षा के थिंगरो से कैसा चूना लगाया है यह प्रकरण इसकी जीवंत नजीर है।
उल्लेखनीय है कि बाबू शिवकृष्ण प्राइवेट लिमिटेड फर्म के सौजन्य से शिवकृष्ण मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, मेडिकल कालेज रोड के मालिक अरुणेश सिंह पटेल की धर्मपत्नी व निजी अस्पताल की बॉस डाक्टर संगीता भारती और बाँदा के एडीएम राजस्व/ अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार वर्मा (पटेल) की धर्मपत्नी श्रीमती सोनी वर्मा के बीच आपसी व्यापारिक डीड्स साझेदारी से इसी बाबू शिवकृष्ण प्राइवेट लिमिटेड / शिवकृष्ण मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल की यूनिट नरैनी विधानसभा क्षेत्र मे खुली है। जिसमे एडीएम राजस्व राजेश कुमार वर्मा की धर्मपत्नी सोनी वर्मा जी 30 फीसदी की पार्टनरशिप लिए है।
यहां यह भी बतलाते चले कि वर्तमान एडीएम राजेश कुमार वर्मा (पटेल) जी इसी बाँदा मे सिटी मजिस्ट्रेट हुआ करते थे। शासन से पद उन्नति हुई तो लौटकर बाँदा मे ही एडीएम राजस्व बना दिये गए। बाँदा मे सरकारी जमीनों / हरित पट्टियों / नजूल भूमि पर बेतहासा कब्जों को सरकार जहां खाली कराना चाहती है। वहीं ज़ीरो टॉलरेंस भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के अधिकृत अफसर/ अधिकारी मसलन एडीएम राजस्व राजेश कुमार जी पलीता लगाने मे जुटे है। कभी लाल मौरम माफियाओं से निजी कनेक्शन को लेकर चर्चा तो कभी अरुणेश पटेल / शिवकृष्ण मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के मालिक से घनिष्ठता की तस्वीरों का लबादा हरित पट्टी मे अवैध निर्मित नर्सिंग होम पर भ्रष्टाचार के भूमि गबन प्रक्रिया की पोलपट्टी खोलने लगता है। लेकिन मंडल आयुक्त अजीत कुमार जहां इस मामलें पर जांच की बात कहते हुए चतुराई का किनारा करतें है।
वहीं जिलाधिकारी श्रीमती जे.रीभा जी को जैसे कुछ भी संज्ञान नही है!!! विडंबना देखिए कि बाबू शिवकृष्ण प्राइवेट लिमिटेड की एक और यूनिट बीते कुछ माह पूर्व नरैनी विधानसभा मे खुली है। जिसमें शिवकृष्ण मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के संचालक / सर्वाधिक शेयर होल्डर अरुणेश पटेल की धर्मपत्नी डाक्टर संगीता भारती पटेल के साथ एडीएम राजस्व राजेश कुमार जी की धर्मपत्नी श्रीमती सोनी वर्मा जी भी 30 फीसदी की हिस्सेदारी लिए है। नरैनी के रजिस्ट्रार दफ्तर मे दबे यह गोपनीय दस्तावेज / डीड्स बाँदा के खबरनवीस खोज लाए है। सोशल मीडिया पर तैरती यह डीड्स की प्रमाणित प्रति जिसमें श्रीमती सोनी वर्मा ( एडीएम राजस्व राजेश कुमार की पत्नी), डाक्टर संगीता भारती ( अरुणेश पटेल पति) व दो अन्य एक महिला गवाह व एक युवा बीजेपी कार्यकर्ता व नर्सिंग होम संचालन कर्ता अरुणेश पटेल का सजातीय कारखास शशांक पटेल (परिवार से मध्यम वर्ग ) गवाही की शक्ल मे फ़ोटो के साथ चस्पा है।
कौन है शशांक पटेल जो डीड्स मे गवाह है-
यहां यह ज्ञात रहे कि जैसे अवनी परिधि मे अज्ञात गुप्ता के खासमखास एमपी उर्फ माताप्रसाद है ठीक वैसे शिवकृष्ण मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल/ बाबू शिवकृष्ण प्राइवेट लिमिटेड मे शशांक सिंह पटेल है। यह डीड्स मे 10 फीसदी शेयर के साझेदारी लिए है। भाजपा के राष्ट्रवाद की पाठशाला मे बाँदा की ज़मीनों पर जातिवाद के नासूर से वित्तीय/ दस्तावेजी फर्जीवाड़ा करने का कौन सा संस्कार दिया जाता है यह बाँदा की भोलीभाली और अपने दैनिक कार्यों मे मस्त जनता को कभी-कभार माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व प्रधानमंत्री मोदी जी से पूछना ही चाहिए। अन्यथा सजातीय अफसरों और भूमाफिया की जुगलबंदी बाँदा को भ्रष्टाचार का बेलगाम अस्तबल बनाकर रख देगी। देखना यह मजनून होगा कि इस भारीभरकम भूमि घोटाले एवं हरित पट्टी को व्यावसायिक भूखंड मे तब्दील करने के सुनियोजित षड़यंत्र पर क्या भाजपा राज्य सरकार सुध लेगी ? अथवा सूरदास बने अफसरों मे जांच कर कार्यवाही करने का जुमला पोषित होता रहेगा। वैसे भी एक तत्कालीन पूर्व एडीएम दयाशंकर पाण्डेय जी ने वर्तमान मनरेगा लोकपाल व भूतपूर्व प्राचार्य डाक्टर नंदलाल शुक्ला ( पंडित जवाहरलाल नेहरू कालेज) का सरकारी आवास व कालेज भूमि कौड़ियों के मोल 25 साल को लीज कर दी थी। जिसमें भूमि तो खाली हुआ किंतु आवास आज तक सरकारी भूमाफिया से प्रशासन लीज मुक्त नही करा सका है। और न ही कालेज प्रिंसिपल प्रोफेसर केएस कुशवाहा न्यायिक पैरवी उच्चन्यायालय मे करतें है। क्या एडीएम राजस्व राजेश कुमार भी पूर्व एडीएम राजस्व दयाशंकर पांडेय के अनुयायियों मे से एक है ???
जदयू नेत्री शालनी सिंह पटेल सजातीय मोह मे नेअनशन तोड़ दिया था-
शिवकृष्ण मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, मेडिकल कालेज मार्ग/ बाबू शिवकृष्ण प्राइवेट लिमिटेड के संचालक अरुणेश सिंह पटेल एवं वर्तमान एडीएम राजस्व राजेश कुमार की आपसी सांठगांठ व व्यापारिक तालमेल पर ज़िले की धरना/ अनशन स्पेशलिस्ट शालनी पटेल जी ने क्षणिक आंदोलन / क्रमिक अनशन कुछ माह पूर्व किया था। जदयू कार्यकर्ता व स्वयं वे एडीएम राजस्व राजेश कुमार पर आक्रामक रहीं थी। शालनी पटेल ने एडीएम राजस्व से मौरम ठेकेदारों व चिकित्सा कारोबारी अरुणेश पटेल की करीबियत नातेदारी को बखूबी चर्चा मे लाया था। सोशल मीडिया से तस्वीरों का भंडारण निकला और एडीएम राजस्व राजेश कुमार जी का बाँदा से अगाध प्रेम अरुणेश पटेल की संगत से उजागर हो गया। बावजूद इसके शालनी पटेल ने साफ्ट कार्नर राजनीति का दांव चलते हुए क्रमिक अनशन जूस पीकर तोड़ दिया। एक पत्रकार से उन्होंने खबर के दरम्यान कहा कि “सजातीय है छोड़ो” !!! अर्थात भ्रष्टाचार का भामाशाह यदि धरतीपुत्र बनकर हरित पट्टी मे भूमि घोटाला करें फिर जांच अधिकारी एडीएम राजस्व राजेश कुमार को ही सांठगांठ करके अपनी कंपनी मे उनकी धर्मपत्नी के रास्ते हिस्सेदारी देने लगे तो उसको गुणदोष इसलिए माफी काबिल है क्योंकि वह पटेल / सजातीय है !!? क्या यह ही एडीएम राजस्व राजेश कुमार जी का न्यायवाद है जिसने जातिवाद के तड़के से बाँदा की जमीनों को बंदरबांट करने वाले पराक्रमी योद्धा अरुणेश पटेल को अभयदान दिया है ? उधर बीडीए सचिव भी मदन वर्मा / पटेल जी हो ही गए है।