योगी सरकार रामनगरी अयोध्या में एक अनोखी “रामलीला अकादमी” की स्थापना कर रही है. इसके जरिए रामलीला की बारीकियां सिखाई जाएंगी.
रामलीला से जुड़े विभिन्न प्रसंगों के बारे में विस्तार से जानने, उनका मंचन करने के तौर-तरीके, रामलीला के बारे में शोध के जरिए उनके नए पहलुओं को सामने लाने का एक प्रयास प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किया है. योगी सरकार रामनगरी अयोध्या में एक अनोखी “रामलीला अकादमी” की स्थापना करने जा रही है. इस दिशा में शुरुआत के लिए प्रदेश सरकार ने 10 करोड़ रुपए का प्रारंभिक बजट भी जारी कर दिया है.
यूनेस्को द्वारा वर्ष 2005 में रामलीला को विश्व की अमूर्त विरासत घोषित किया था. वर्ष 2017 में प्रदेश में मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में अपना ध्यान लगाया है. लगातार दो वर्षों तक पूरी कैबिनेट के साथ अयोध्या में दीपावली मनाने के साथ योगी आदित्यानाथ ने अधिकारियों को रामनगरी की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के साथ इसका दुनिया भर में प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये थे.
इसी क्रम में बजट के अभाव में अयोध्या में चलने वाली “निरंतर रामलीला” के बंद पड़े मंचन को योगी सरकार ने दोबारा शुरू किया. इसी क्रम में रामलीला के तौर-तरीकों का खासकर युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए अयोध्या में रामलीला अकादमी खोलने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके लिए अयोध्या जिला प्रशासन को जमीन चिन्हित करने के आदेश दिए गए हैं.
अगले दो वर्ष के भीतर बनकर तैयार होने वाली रामलीला अकादमी में भगवान राम से जुड़े सांस्कृतिक पहलुओं के अध्ययन के लिए कई पाठ्यक्रम शुरू होंगे. इसके अलावा यहां विश्व भर में हो रही रामलीला से जुड़ा एक अनोखा म्युजियम भी होगा. अयोध्या शोध संस्थान की निगरानी में बनने वाली इस रामलीला अकादमी में एक विशाल पुस्तकालय भी होगा जहां देश और विदेश में हुए अयोध्या और भगवान राम से जुड़े सभी शोध प्रपत्रों को संकलित किया जाएगा.