अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिलाओं के विधिक अधिकारों के सम्बन्ध में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन

उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ की कार्ययोजना वर्ष 2023-2024 के क्रियान्वन के क्रम में कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उन्नाव की माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उन्नाव श्रीमती प्रतिमा श्रीवास्तव, महोदया के दिशा निर्देश में आज दिनांक 04.03.2024 को मुसंडी सरीफ सबीर नगर कालूखेड़ा थाना मौरावां तहसील पुरवा उन्नाव को अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस (08 मार्च) के उपलक्ष्य में महिलाओं के विधिक अधिकारों के सम्बन्ध में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया है| उक्त शिविर में श्रीमती सुधा सिंह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, उन्नाव एवं श्री सचिन राठौर सिविल जज (जु०डि०) पुरवा, उन्नाव भी उपस्थित रहें|

उक्त शिविर में सचिव महोदय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए आने वाली 8 मार्च को दुनियाभर में मनाये जाने वाले महिला दिवस के बारे में बताते हुए कहा कि यह एक वैश्विक कार्यक्रम है जो महिलाओं की उपलब्धियों, संघर्षों और लैंगिक समानता के उनके अधिकार का जश्न मनाता है।

       यह दिन आम तौर पर उस महिला को मनाने के लिए भी समर्पित है, जो कई भूमिकाएँ निभाती है, और भेदभाव और लैंगिक असमानता के सामने खड़ी रहती है। यह विश्व स्तर पर महिलाओं का सम्मान करने वाला दिन है। इस वर्ष, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस थीम – महिलाओं में निवेश: प्रगति में तेजी लाने पर केंद्रित होगा।

जबकि अभियान का विषय ‘इंस्पायर इंक्लूजन’ है। विशिष्ट विषय का उद्देश्य लोगों को प्रेरित करना और महिलाओं को शामिल करने के मूल्य को समझना है। भारतीय संविधान ने महिलाओं को ऐसे कई अधिकार दिए हैं, जो बराबरी की उनकी लड़ाई को आसान कर सके. यहां हम ऐसे ही 10 कानूनी अधिकारों का जिक्र कर रहे हैं जिनकी जानकारी प्रत्येक भारतीय महिला को होनी चाहिए जैसे-समान वेतन, मुफ्त कानूनी सहायता, महिला की ही मौजूदगी में हो मेडिकल जांच, कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम, भारतीय संविधान की धारा 498, आईपीसी की धारा 354डी आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा यह भी जानकारी प्रदान की कि यौन अपराधों से पीड़ित महिलाओं की गोपनीयता और सम्मान की रक्षा के लिए, महिलाओं को जिला मजिस्ट्रेट के सामने अकेले या महिला पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में अपने बयान दर्ज करने का अधिकार है| गिरफ्तारी संबंधी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि असाधारण परिस्थितियों के अलावा महिलाओं को सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता| यह भी तब जब तक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के आदेश के साथ ही संभव हो सकता है| कानून यह भी कहता है कि महिला आरोपी से पुलिस एक महिला कांस्टेबल और परिवार के सदस्यों या दोस्तों की उपस्थिति में ही पूछताछ कर सकती है| सचिव महोदय ने आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत- 09.03.2024 के विषय में बताया व जनमानस से अपने वाद निपटाने व सहयोग की अपील की| 

उक्त कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,उन्नाव श्रीमती सुधा सिंह ने इस अवसर पर कहा कि आज महिलाएं आत्मनिर्भर बन गयी है। हर क्षेत्र में वो मिसाल कायम कर रही है लेकिन कई बार उन्हें लैगिक असमानता का व्यव्हार झेलना पड़ता है| ऐसे में इस दिन महिलाओं के प्रति समाज में व्यास भेदभाव को खत्म करने का संकल्प लेना चाहिए। 

उक्त कार्यक्रम में उपस्थित श्री सचिन राठौर सिविल जज (जु०डि०) पुरवा,उन्नाव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हर साल 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है| अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों को मान्यता देना और लैंगिक समानता के प्रति लोगों को जागरूक करना है । उक्त कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलायें, पुरुष एवं बच्चे एवं श्री राहुल श्रीवास्तव उपस्थित।

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