
प्रदेश के राजनैतिक गलियारों में कई नामों की चर्चाएं चल रहीं थीं। आज शाम भारतीय जनतापार्टी विधायक दल की बैठक में शिवराज सिंह चौहान के नाम पर मुहर लगते ही साफ हो गया कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व शिवराज सिंह को लेकर किसी संशय में नही है। गौरतलब है कि दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा बहुमत का आंकड़ा नही पा सकी थी । इसके बाद राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने सरकार बनाई।
सरकार बनते ही पार्टी में आंतरिक कलह सतह पर सामने आने लगी। इसी महीने की शुरुवात में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन वाले 22 विधायकों ने,जिनमे 6 प्रदेश सरकार में मंत्री थे,इस्तीफा दे दिया।इसके बाद कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया । आज रात नौ बजे विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद शिवराज सिंह ने चौथी बार मध्य प्रदेश की कमान संभाल ली है। मध्यप्रदेश के इतिहास में यह पहली बार होगा कि जब कोई व्यक्ति चौथी बार मुख्यमंत्री बनेगा । पिछले कई दिनों से मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद को लेकर कयास लगाए जा रहे थे ।