नई दिल्ली ,09 दिसंबर भारत में कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन के विकास में वैश्विक दिलचस्पी को देखते हुए दुनिया को इससे अवगत कराने की पहली पहल की है।
इसके तहत दिल्ली से 64 देशों के राजदूतों को हैदराबाद स्थित प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों-भारत बायोटेक एवं बायोलॉजिकल ई ले जाया गया है।
राजदूतों ने नई दिल्ली से विमान से हैदराबाद ले जाया गया।
करीब एक महीने पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने 190 से ज्यादा देशों के राजनयिक मिशनों और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों को कोविड-19 वैक्सीन के विकास से संबंधित मुद्दों पर जानकारी दी थी।
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय की कोविड-19 ब्रीफिंग पहल के तहत ही भारत में विदेशी मिशनों के प्रमुखों को हैदराबाद का दौरा कराया जा रहा है।
विदेशी राजनयिकों को अन्य शहरों में भी ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत कोविड-19 महामारी से निपटने में वैश्विक प्रयासों में अहम योगदान दे रहा है।
सरकारी सूत्रों ने कहा, भारत के वैक्सीन विकास के प्रयास में काफी रुचि ली जा रही है। 60 से ज्यादा मिशनों के प्रमुखों को हैदराबाद की
प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों-भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल ई का अवलोकन कराया जाएगा।
वहीं, भारतीय राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) फाइजर,
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के वैक्सीन को लेकर दिए गए आवेदनों की समीक्षा करेगा।
तीनों कंपनियों ने वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को लेकर अनुमति मांगी है। इस संबंध में 12 बजे वैक्सीन को लेकर गठित विशेषज्ञ समूह बैठक करेंगे।
उधर, कोरोना महामारी का कहर दुनियाभर में जारी है। विश्व में अब तक इस महामारी के 6.8 करोड़ मामलों की पुष्टि हुई है
और कम से कम 190 देशों में अब तक 15 लाख से ज्यादा लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है।
कोविड-19 से निपटने के लिए कई वैक्सीनों पर काम चल रहा है लेकिन ध्यान उनके उत्पादन पर है।