पंजाब कांग्रेस के अंतर्कलह का समाधान पार्टी हाईकमान के लिए भी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। खासकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और क्रिकेटर से नेता बने पूर्व मंत्री नवजाेत सिंह सिद्धू के विवाद का अंत मुश्किल हो गया है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात में पंजाब के कांग्रेस नेताओं ने साफ-साफ कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू अब एक नाव में नहीं रह सकते।राहुल गांधी से मुलाकात करने वाले नेताओं के करीबी सूत्रों के अनुसार संवाद के दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर विशेष तौर पर सवाल पूछे। इस पर एक विधायक ने साफ-साफ कह दिया कि अब एक नाव पर कैप्टन और सिद्धू सवार नहीं रह सकते हैं। कैप्टन के बगैर काम चल नहीं सकता। सिद्धू को कैसे और कहां एडजस्ट करना है, उस पर वह विचार कर लें।
अहम बात यह रही कि जानकारी के अनुसार राहुल गांधी के साथ हुई नेताओं की इस मुलाकात के दौरान सिद्धू को समर्थन नहीं मिल पाया। यहां तक की राज्य सभा सदस्य शमशेर सिंह दूलो ने अपने ही अंदाज में राहुल गांधी को कह दिया कि आज जो दलितों की बात कर रहे हैं, जब जहरीली शराब पीकर 126 लोगों की मौत हो गई थी, उनमें अधिकतर दलित थे, तब इन नेताओं को दलितों की याद क्यों नहीं आई थी। सिद्धू तो अमृतसर के ही विधायक थे। सबसे ज्यादा मौते भी वहीं पर हुई, लेकिन सिद्धू को आवाज नहीं उठाई।
दूलो ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले का भी मुद्दा उठा दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सभा में सवाल उठाने के बाद केंद्र सरकार ने एससी विद्यार्थियों के लिए 303 करोड़ रुपये का फंड भेजा। इसमें से भी 64 करोड़ रुपये का घोटाला हो गया। वहीं, राज्य सभा सदस्य ने टकसाली कांग्रेसियों के मान-सम्मान को बहाल करने व उन्हें तरजीह देने पर भी जोर दिया।
दूलो ने कहा, ‘मैंने राहुल जी के सामने सारी बातें रख दी है। अब उन्हें देखना है कि आगे क्या फैसला लेना है।’ पहले चरण में शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला, राणा गुरजीत सिंह, लखबीर लक्खा, बलविंदर सिंह शेरोवाली आदि ने राहुल गांधी से मुलाकात की। दूसरे चरण में स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, सुखविंदर सिंह डैनी, कैप्टन संदीप संधू आदि ने राहुल गांधी से मुलाकात करनी थी। वहीं, कांग्रेस के सीनियर नेता व मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह भी राहुल गांधी से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे हुए हैं। हालांकि, खबर लिखे जाने तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि उनकी राहुल गांधी से मुलाकात हुई या नहीं।
पंजाब कांग्रेस में कलह को समाप्त करने व विवादों का समाधान ढूंढने में जुटे राहुल गांधी ने अब पंजाब के नेताओं से सीधे-सीधे संवाद करना शुरू कर दिया है। पहले राहुल गांधी कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ और राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा से मिले थे। शुक्रवार को वह दो हिस्सों में मंत्रियों व विधायकों से मिले। बताया जाता है कि इस दौरान राहुल ने ज्यादातर नेताओं के मन को पढ़ने की कोशिश की।