मोहित चतुर्वेदी की 26 मई 2021 में शादी थी और इससे पहले के सप्ताह में अन्य कार्यक्रम थे। कोरोना के कहर ने सारे कार्यक्रम निरस्त कर दिए। लड़की वालों का दबाव बढ़ा तो एक कार्यक्रम 20 लोगों में कर लिया। चतुर्वेदी परिवार ने जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच शहर में गेस्ट हाउस, लान व सामुदायिक केंद्र खोजा, लेकिन कहीं भी खाली नहीं है। मजबूरन 15 जनवरी 2022 में जनेऊ और तिलक की तिथि निकली और 20 जनवरी 2022 को शादी। इसके लिए इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान सहित अन्य प्राधिकरण के सामुदायिक केंद्र का किराया और नियम कायदे कानून पता कर रहे हैं।
कोरोना के कारण इस सहालग में शहनाई के सुर बिगड़ गए हैं, ऐसे में लोग नए साल में नई तारीखों पर शहनाई बजवाने की तैयारी कर रहे हैं। जनवरी और फरवरी में सहालग है और फिर अप्रैल माह में। इसलिए अभी से लोगों ने सामुदायिक केंद्र, लॉन, गेस्ट हाउस देखने शुरू कर दिए हैं, क्योंकि अप्रैल, मई, जून और जुलाई 2021 में होने वाली करीब 30 हजार शादियां प्रभावित हुई हैं। इनमें से हजारों लोग नवंबर और दिसंबर 2021 में शादियां करने की नई तिथि तय की है।
19 मई 2021 को बिटिया की शादी थी, लेकिन सुरेश अग्रवाल नहीं कर सके। कारण, कोरोना का कहर। अब नई तिथि तो मिल रही है, लेकिन स्थान नहीं मिल रहा है। ऐसे में उन्हें भी मजबूरन 28 जनवरी 2022 की तिथि तय करनी पड़ी। उनके मुताबिक कोरोना सात माह बाद क्या करवट लेगा, उसको लेकर लॉन वालों से पूरी बात करने के बाद ही बुकिंग करवाएंगे, जिससे मेरा व लान मालिक किसी का नुकसान न हो।
वहीं, हजारों लोगों को ऐसा कोई स्थान खाली नहीं मिल रहा है, जहां वह कोविड 19 की गाइड लाइन के तहत शादी कर सकें, इसलिए हर कोई वर्ष 2022 के शुरू में ही शादी करना चाहता है। लविप्रा सचिव पवन कुमार गंगवार कहते हैं कि वर्ष 2022 में सामुदायिक केंद्रों की बुङ्क्षकग को लेकर लोग पूछने आ रहे हैं। वहीं, टेंट व्यापारी सुरेंद्र कुमार कहते हैं कि आने वाले साल में शादियों का लोड बढ़ेगा, क्योंकि वर्ष 2020 में शादियां जिन्होंने टाली, उन्होंने वर्ष 2021 में की और वर्ष 2021 में टलने वाली शादियां वर्ष 2022 में होंगी और वर्ष 2022 में होने वाली शादियां तो उसी में होंगी।