राजधानी में बेकाबू होते कोरोना के बीच डेंगू ने भी तीन साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। वर्ष 2018 के बाद अब तक डेंगू के सर्वाधिक मरीज सामने आए हैं। बीते एक सप्ताह में डेंगू के चार नए मरीजों के साथ कुल मरीजों का आंकड़ा 13 तक जा पहुंचा है। जबकि इससे पहले वर्ष एक जनवरी से लेकर 17 अप्रैल की समयावधि तक वर्ष 2017 में 18 मरीज सामने आए थे। इसके बाद वर्ष 2018 में 12 तो, 2019 में 8 और 2020 में सात मरीज आए थे। हालांकि राहत की बात हैं कि मलेरिया और चिकनगुनिया का अभी तक कोई खासा प्रकोप नहीं है। बीते एक सप्ताह में मलेरिया का कोई भी मरीज सामने नहीं आया है वहीं चिकनगुनिया के एक नए मरीज की पुष्टि हुई है। इससे इस वर्ष मलेरिया के कुल मरीजों की संख्या चार तो चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या तीन हो गई है।विशेषज्ञों के अनुसार अगर, इसी तरह मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ता है तो दिल्ली वालों के लिए यह दोहरी मार साबित हो सकता है। क्योंकि डेंगू भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करता हैं और कोरोना भी। अगर, एक व्यक्ति को दोनों बीमारियां हो जाती है तो उसके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए निगमों ने सार्वजनिक सूचना जारी कर अपने घर और कार्यालय के आस-पास साफ-सफाई बनाए रखने की अपील की है। इतना ही विभिन्न एजेंसियों को नालों की सफाई के लिए कहा है।
निगम की रिपोर्ट की बात करें तो डेंगू के 13 मरीजों में से चार मरीज दक्षिणी निगम क्षेत्र से हैं तो 9 मरीजों के पते की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं, 22 मरीज ऐसे हैं जो दिल्ली में दूसरे राज्यों से आकर इन बीमारियों का इलाज करा रहे हैं या करा चुके हैं। इसी तरह चिकनगुनिया के एक मरीज दक्षिणी निगम क्षेत्र का हैं तो दो मरीजों के पते की पुष्टि नहीं हुई है। दक्षिणी, उत्तरी और पूर्वी निगम क्षेत्र से मलेरिया का एक-एक मरीज की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, एक मरीज के पते की पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट के अनुसार निगम द्वारा की जा रही डोर टू डोर जांच में 2615 घरों में मच्छरों के प्रजनन पाया गया है। 3445 को इस संबंध में नोटिस जारी किए गए हैं। 133 के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है।