@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
- सन 2024 मे लगभग 48 करोड़ का फसल बीमा क्लेम हुआ। इसमे 70 फीसदी फर्जीवाड़ा था। सन 2025 मे इससे अधिक फसल बीमा क्लेम की तैयारी थी। क्लेम बंटने से पहले खुलासा हो गया।
- साल 2023 फसल बीमा योजना की अभी जांच चल रही है।
- इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के बीमा कंपनी ज़िला प्रबंधक निखिल चतुर्वेदी अभी फरार है। इनके नाम मुकदमा अपराध संख्या 0387/2025 नगर कोतवाली मे बीएनएस की धारा 328(4) पर केस दर्ज है।
- डीएम गजल भरद्वाज द्वारा गठित जांच समिति ने आख्या दी जिसके आधार पर 6 अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमे 26 लोग नामजद व अज्ञात है।
- बीते 15 सितंबर को मुकदमा अपराध संख्या 0202/25 धारा 328(4), 338, 336(3) में केस दर्ज हुआ है।
- किसानों की हकदारी पर बहरूपियों की डकैती ने महोबा के फसल बीमा योजना का बंटाधार किया।कुलपहाड़ बीट प्रभारी ने वनभूमि के गाटा संख्या 157,158,160,174 पर फसल बीमा के लिए क्लेम करने का खुलासा किया।
बाँदा/महोबा। चित्रकूट मंडल का किसान मौसम की मार को झेलकर फसल बीमा करवाता है। जलवायु परिवर्तन के चलते यहां का किसान बाढ़, दैवीय आपदा के साथ सुखाड़ से भी जूझता है। मेहनत करने वाले किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से लाभ दिलाने के लिए केंद्र सरकार सतत सक्रिय हैं। किंतु बुंदेलखंड/ चित्रकूट मंडल मे बिचौलियों के हाथ फंसी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मे व्यापक भ्रस्टाचार की सड़न पैदा हो चुकी है।
हालात यह है कि फर्जी किसानों के द्वारा सरकारी बंजर भूमि, वनभूमि, नदी, नाला और पहाड़ तक का शातिराना ढंग से फसल बीमा कराया गया है। महोबा के ग्राम जुझार रहवासी किसान नेता गुलाब सिंह ने इस मामले पर भूखहड़ताल भी की थी। वहीं जिलाधिकारी गजल भारद्वाज ने तहसील स्तर पर जांच समिति नियुक्ति की गई जिससे योजना के बंदरबाट का खुलासा हो सके।
महोबा मे उपकृषि निदेशक व लेखपाल दर्ज कराए मुकदमें-
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के भ्रष्टाचार को पकड़ने के लिए डीएम ने तहसील स्तर पर जांच कमेटी गठित की थी। जिलाधिकारी कार्यालय के पत्र आदेश संख्या 345/एसटी/205-26/दिनांक 19 अगस्त 2025 के क्रम मे जनपद की तहसीलों मे तहसील स्तर पर जांच समिति गठित की गई। तहसील कुलपहाड़ व चरखारी की आख्या मुताबिक कार्यालय ज्ञापन संख्या 353/एसटी-एडीएम/2025-26 जिलाधिकारी (वित्त/ राजस्व) महोबा के पत्र संख्या 1565/एसटी-एडीएम /2025-26 दिनांक 27 अगस्त कर अनुपालन मे संबंधित दोषियों पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मे भ्रस्टाचार करने एवं सरकार की छवि धूमिल करने के चलते एफआईआर दर्ज करने के आदेश हुए थे। जिसके अनुसार पहला मुकदमा फसल बीमा कंपनी इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी,निकट राजकीय महिला चिकित्सालय,नैकानापुरा महोबा नगर ज़िला प्रबन्धक निखिल चतुर्वेदी के नाम मुकदमा संख्या 0387/2025 धारा 318(4) दर्ज हुआ था। लेकिन अभी तक यह फरार है। वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मे गबन के आरोपियों की गिरफ्तारी को पुलिस दबिश देने का दावा करती है। जबकि निखिल चतुर्वेदी को कोई पकड़ नही पाया है। काबिलेगौर बात है कि कुलपहाड़ बीट प्रभारी मलखान सिंह की मानें तो उन्होंने तहरीर देकर बताया कि वनभूमि के गाटा संख्या 157,158,160,174 पर देवकरण, अनिल कुमार, कमलेश निवासी जैतपुर पर फर्जी तरीके से अपनी ज़मीन बतलाकर फसल बीमा क्लेम के लिए करने का खुलासा किया है। अर्थात इन्होंने जंगल भूमि,पहाड़ तक डकार लिए है।
एक अन्य एफआईआर मे पकड़े गए दोषी-
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के घोटालों मे कार्यवाही के क्रम मे मुकदमा संख्या 0202/2025 धारा 318(4), 338,336(3) मे शिकायत कर्ता चकबंदी लेखपाल रेवती रमन क्षेत्र लुहारी ने तहरीर मे बताया कि गरसम लुहारी के गाटा संख्या 240 रकबा 0.184 हेक्टेयर बंजर भूमि है। यह सरकारी भूमि होने के बावजूद शातिर हर्षवर्धन पुत्र अशोकवर्धन ने कागजात मे हेरफेर करके प्रधानमंत्री फसल बीमा क्लेम किया है। वहीं लुहारी के गाटा संख्या 908 रकबा 0468 हेक्टेयर बंजर भूमि के नाम दर्ज है। जिस पर हेराफेरी करके भोलाप्रसाद पुत्र कल्लू ने फसल बीमा क्लेम किया है। वहीं गाटा संख्या 272 रकबा 0975 हेक्टेयर बंजर भूमि दर्ज है। जिसमे अनूप कुमार पुत्र जगदीश ने फसल बीमा क्लेम किया है। गौरतलब है कि विभागीय जांच आख्या मुताबिक इसमे कर्मचारी गोबिंद व कपिल सोनी ज़िम्मेदार है। गिरफ्तारी के अभियान मे हर्षवर्धन निवासी कुशवाहा नगर बाँदा और अनूप कुमार निवासी ग्राम सांथी बाँदा को सोमवार के दिन जेम्स इंटर कालेज के पास से पकड़ा गया है। वहीं पांच अन्य आरोपियों को एसपी प्रबल प्रताप सिंह के निर्देश पर क्रमशः कोतवाली पुलिस ने बजरंग चौक से पांच आरोपियों को पकड़ा था। जिसमे गिरफ्तार आरोपियों मे रविन्द्र खंगार, देवेंद्र पटेल, चरन सिंह यादव, पवन राजपूत और संगम श्रीवास शामिल है। सभी आरोपियों ने कूटरचित दस्तावेजों से बीमा का लाभ लिया था। पुलिस टीम के अनुसार अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है। 26 नामजद है बाकी अज्ञात है। मुख्य अभियुक्त निखिल चतुर्वेदी फ़रारी काट रहा है।
उल्लेखनीय है सुखाड़, किसानों की आत्महत्या, कर्जखोरी से परेशानी झेलते किसानों की हकदारी पर डाका डालने वाले यह लोग माफी के हकदार नही है। कमोबेश बाँदा, चित्रकूट, हमीरपुर मे भी यदि निष्पक्ष जांच हो तो बड़े खुलासे होंगे। क्योंकि जब बाँदा के शातिर महोबा की सरकारी जमीन पर फसल बीमा क्लेम कर सकते हैं। तो बाँदा मे कहां के लोग शामिल होंगे ! मजेदार है इन सबने वनभूमि, नदी, नाला, पहाड़ व बंजर जमीन को खेतिहर दिखाकर फसल बीमा क्लेम कर दिया और महोबा प्रशासन सूरदास बनकर सत्यापन तक न कर सका। क्या निखिल चतुर्वेदी सलाखों के पीछे जाएगा आज सबसे बड़ा सवाल यही है।