उत्तर प्रदेश में फैले कोरोना संक्रमण के कारण अभी तक उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाएं नहीं हो सकी हैं। स्टूडेंट्स के सामने परीक्षाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हालांकि उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा है कि यूपी बोर्ड की वर्ष 2021 की परीक्षा की सभी तैयारियां पहले से पूरी की जा चुकी हैं। केंद्र सरकार जिस तारीख से परीक्षा कराए जाने के बारे में सुझाव देगी, यूपी बोर्ड परीक्षा का आयोजन कराकर एक माह के अंदर परीक्षा परिणाम घोषित कर देगा। लेकिन, इस बीच यूपी बोर्ड के एक और आदेश ऊहापोह की स्थिति पैदा कर दी है।
यूपी बोर्ड परीक्षा की सभी तैयारियां पूरी : उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा है कि यूपी बोर्ड परीक्षाएं कब होंगी, इसका निर्णय मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद होगा। साथ ही यह भी निर्णय होना है कि हाईस्कूल व इंटरमीडिएट दोनों की परीक्षाएं होनी है या केवल इंटरमीडिएट की। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा कराने में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आएगी। केंद्र सरकार जिस तारीख से परीक्षा कराए जाने के बारे में सुझाव देगी, यूपी बोर्ड परीक्षा का आयोजन कराकर एक माह के अंदर परीक्षा परिणाम घोषित कर देगा।
यूपी बोर्ड के पास नहीं है ऑनलाइन पूरा रिकॉर्ड : असल में, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने निर्णय लिया कि इस वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा नहीं होगी, परीक्षार्थी अगली कक्षा में प्रमोट होंगे। इंटर के संबंध में फैसला होना है। सीबीएसई व यूपी बोर्ड का पाठ्यक्रम लगभग समान है लेकिन, दोनों की परीक्षाओं की सूचना देने में अंतर है। सीबीएसई में मासिक टेस्ट के अलावा छमाही व वार्षिक परीक्षा का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन है। केंद्रीय बोर्ड छात्र-छात्राओं के प्रदर्शन के आधार पर हाईस्कूल में आसानी से प्रमोट कर सकता है। वहीं, यूपी बोर्ड में कक्षा 9 की अर्ध वार्षिक व वार्षिक परीक्षा का रिकॉर्ड बोर्ड मुख्यालय नहीं भेजा जाता था। इस बार प्री बोर्ड यानी हाईस्कूल व इंटर परीक्षा से पहले स्कूल स्तर की परीक्षा फरवरी में कराई गई। लेकिन, उसका रिकॉर्ड बोर्ड के पास नहीं था।
12वीं की प्रीबोर्ड व 11 के छमाही व वार्षिक परीक्षा के मांगे अंक : यूपी बोर्ड अब हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं के साथ ही 9वीं व 11वीं की छमाही व वार्षिक परीक्षाओं के रिकॉर्ड भी संजोएगा। सचिव ने सभी कालेजों से कक्षा 12 की प्रीबोर्ड और 11 के छमाही व वार्षिक परीक्षा के अंक मांगे हैं। यह कार्य इसीलिए शुरू हुआ है कि ताकि हर वर्ष 9 से 12वीं तक के रिकॉर्ड को सुरक्षित रखा जा सके और भविष्य में परीक्षा न हो पाने के आसार पर अचानक कॉलेजों से मांगना न पड़े।
यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने कक्षा 12 की फरवरी में हुई प्रीबोर्ड परीक्षा का रिकॉर्ड मांगा है। इंटरमीडिएट के सभी संस्थागत व व्यक्तिगत परीक्षार्थियों की कक्षा 11 की छमाही व वार्षिक परीक्षा का पूर्णांक व प्राप्तांक मांगा गया है। इसी तरह से कृषि भाग एक के परीक्षार्थियों का कक्षा 11 की छमाही के अंक मांगे गए हैं। बोर्ड सचिव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से 28 मई की शाम तक वेबसाइट पर अंक अपलोड करने का निर्देश दिया है। इससे पहले जिलों से नवीं और हाईस्कूल में प्री बोर्ड व छमाही का रिकॉर्ड मांगा गया था। इस आदेश के बाद हाईस्कूल के साथ ही इंटरमीडिएट के स्टूडेंट्स को भी प्रमोट करने के कयास लगने शुरू हो गए हैं। हालांकि बोर्ड या सरकार की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।