PM मोदी की बैठक में शामिल नहीं हुईं ममता, आधे घंटे देर से पहुंचकर अलग से की मुलाकात | West Bengal Latest News

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार सुबह सबसे पहले यास प्रभावित हिंगलगंज इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद वहां स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक कर राहत कार्यों को लेकर जरूरी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री वहां से सागर पहुंचीं और वहां चक्रवात से पहुंचे नुकसान का जायजा लिया। सागर से मुख्यमंत्री कलाइकुंडा एयरफोर्स बेस पहुंची और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें यास से बंगाल को पहुंचे नुकसान पर रिपोर्ट सौंपी और पैकेज की मांग की। ममता शनिवार को दीघा, नंदीग्राम व चक्रवात प्रभावित अन्य इलाकों का दौरा करेंगी। उन्होंने कहा कि चक्रवात नियमित अंतराल पर आते रहेंगे। इससे कम से कम नुकसान हो, इसलिए स्थायी समाधान निकालने की जरूरत है। चक्रवात के प्रभाव को कम करने के लिए दक्षिण 24 परगना जिले में पांच करोड़ पौधे लगाए गए हैं। दीघा के लिए भी इसी तरह की योजना तैयार की जा रही है।

Feel humiliated, PM Modi didn't let us speak, says Mamata after Covid meet  with PM - India News

चक्रवात ‘यास’ से बंगाल को पहुंचे नुकसान का आकलन करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुक्रवार को कलाइकुंडा एयरफोर्स बेस पर बुलाई गई बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं। वे राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय के साथ आधे घंटे देर से वहां पहुंचीं और प्रधानमंत्री से अलग से मुलाकात की। ममता ने चक्रवात से बुरी तरह प्रभावित हुए बंगाल के दीघा व सुंदरवन इलाकों के विकास के लिए पीएम मोदी से 10-10 हजार करोड़ रुपये का पैकेज मांगा। इसके बाद दीघा में प्रशासनिक बैठक का हवाला देते हुए वे तुरंत वहां से निकल गईं। गौरतलब है कि बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला मौका था, जब पीएम मोदी और सीएम ममता का आमना-सामना हुआ था।

इस बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री के प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व उनके अधिकारी अगर बैठक में भाग लेते तो यह राज्य व यहां के लोगों के हित में होता। विरोधात्मक रवैये से राज्य व लोकतंत्र के हितों को नुकसान पहुंचता है। मुख्यमंत्री व उनके अधिकारियों का बैठक में शामिल न होना संवैधानिक नियमों के मुताबिक नहीं है। वहीं सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर बंगाल की भलाई के लिए काम करने के बजाय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ओछी राजनीति कर रही हैं। भाजपा ने कहा कि सुवेंदु अधिकारी बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। उन्हें बैठक में आमंत्रित किया जा ही सकता है।मुख्यमंत्री को इसे लेकर आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी।

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बैठक में सुवेंदु अधिकारी और बंगाल से भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री देवश्री चौधरी शामिल हुईं। बैठक के बाद पीएम मोदी ने बंगाल और ओडिशा के लिए 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने चक्रवात में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए दो लाख व घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये के मुआवजे का भी एलान किया। चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन करने केंद्रीय टीम भी बंगाल के दौरे पर आएगी। दूसरी तरफ ममता ने चक्रवात पीड़ितों के लिए 1,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है। पीएम मोदी और सीएम ममता ने इस दिन बंगाल के चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।

दीघा का नए सिरे से किया जाएगा सौंदर्यीकरण : ममता

मुख्यमंत्री ने दीघा में यास को लेकर प्रशासनिक बैठक में कहा कि दीघा का नए सिरे से सौंदर्यीकरण किया जाएगा। उन्होंने इस बाबत राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को दीघा विकास प्राधिकरण के चेयरमैन पद का दायित्व सौंपा। गौरतलब है कि दीघा विकास प्राधिकरण के चेयरमैन का पद काफी समय से रिक्त है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीघा के विकास के लिए नया एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। इस बाबत एक विशेषज्ञ कमेटी का भी गठन किया जाएगा। चक्रवात से दीघा की सड़कों को पहुंचे नुकसान की ‘पथश्री’ योजना के तहत उन्होंने तत्काल मरम्मत कराने का निर्देश दिया। ममता के बैठक में शामिल नहीं होने की वजह भाजपा नेता व बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी को आमंत्रित किया जाना बताया जा रहा है। सूत्रों से पता चला है कि मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर पूछा गया था कि इस बैठक में विधायकों व सांसदों को क्यों शामिल किया गया है? 

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