सिरौलीगौसपुर बाराबंकी। भगवान शिव ने श्रीराम कथा का जो अमृत पृथ्वीवासियों को दिया वह जन मानस का कलुष धो रही है । जीवन उसी का धन्य है जिसके हृदय में अहिल्या उद्धार और शबरी के बेर खाने की सहजता है । श्रीराम कथा धन्य है जो मनुष्य को विवेक त्याग के मार्ग पर चलना सिखाती है ।
यह सद् विचार गुग्गौर अनवारी की पावन धरती से पधारे कथाव्याश चन्द्रशेखर जी महाराज ने ग्राम महमूदाबाद सिरौलीगौसपुर मे चल रही पंच दिवसीय श्रीराम कथा केेे दूसरे दिन दोपहर की पाली मे व्यास पीठ से व्यक्त किया ।
व्यास जी ने कहा कि संसार में जड़ चेतन जो कुछ भी दृश्य अदृश्य है उसमें परमात्मा का वास है । यह सृष्टि ईश्वर की इच्छा पर संचालित हो रही है । जीव का धर्म है कि वह सहजता से शिव में विलय के लिये अपने आप को इस रूप में प्रस्तुत करे जिससे जीवन और जगत दोनों का कल्याण हो ।
चन्द्रशेखर जी महाराज ने कथा के मध्य में कभी राम बनके कभी श्याम बनके चले आना प्रभु जी चले आना वृन्दावन जाने को जी चाहता है राधे-राधे गाने को जी चाहता है आदि भक्ति गीतों को प्रस्तुत कर वातावरण को सरस कर दिया । व्यास मंच का फीता सतीश चंद्र शर्मा विधायक दरियाबाद के द्वारा काटा गया । इस अवसर पर मुलायम सिंह यादव विधानसभा अध्यक्ष दरियाबाद मुकेश कुमार यादव रामपाल मौर्य संजय यादव बृजेश कुमार वर्मा एडवोकेट श्यामू यादव बीडीसी मोअजीम टंकी वाले आदि सैकड़ों की संख्या में जन उपस्थित रहे । कथा के बाद आरती के साथ प्रसाद वितरण किया गया ।