यूपी पुलिस के आला अधिकारी की बड़ी कार्यवाही : घूसखोरी पर 11 पुलिस कर्मी निलंबित तो बाँदा मे 149 तबादले.. | Soochana Sansar

यूपी पुलिस के आला अधिकारी की बड़ी कार्यवाही : घूसखोरी पर 11 पुलिस कर्मी निलंबित तो बाँदा मे 149 तबादले..

@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।

  • बाँदा मे 149 पुलिस कर्मियों के थाने-चौकी बदले। एसपी पलाश बंसल ने किया स्थान्तरण।
  • चित्रकूट,बाँदा, कौशांबी के पांच थानों पर एक दैनिक अखबार के डिजीटल एप पर स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो वायरल होने से बड़ा एक्शन।
  • ओवरलोडिंग ट्रक,डम्फर मे लदी मौरम और बोल्डर, गिट्टी की निकासी पर पुलिस की चौथ वसूली।
  • बाँदा के बदौसा व नरैनी थानों पर हुआ स्टिंग वहीं चित्रकूट मे भी खुली रिश्वतखोरी की परतें।

बाँदा। यूपी बुंदेलखंड के बाँदा, चित्रकूट, कौशाम्बी के पांच थानों मे तैनात पुलिसकर्मियों सहित थाना प्रभारी पर पुलिस महा निदेशक / डीजीपी यूपी ने बड़ी कार्यवाही की है। इसके पीछे की कहानी है कि एक दैनिक अखबार के डिजीटल एप पर वायरल स्टिंग ऑपरेशन (घूसकांड) का वीडियो वायरल होने पर हड़कंप मच गया। यहाँ यह स्टिंग बाँदा के बदौसा और नरैनी थानों मे किया गया। वीडियो मे दिख रहे सिपाही को निलंबित किया गया। साथ ही बदौसा थाना प्रभारी कुलदीप तिवारी को भी निलंबित किया गया है। इस मामलें की विस्तृत जांच सहायक पुलिस अधीक्षक श्रीमती मेविस टाक कर रहीं है। उधर लखनऊ स्तर पर कार्यवाही करते हुए डीजीपी पुलिस ने प्राथमिकता से संलिप्त 11 पुलिस कर्मचारियों को निलंबित किया है। खुफिया विभाग इनकी आमदनी का खाका व हिसाबकिताब खंगाल रही है। वहीं बाँदा एसपी श्री पलास बंशल ने लगातार कुछ वर्षों से एक ही थाना-चौकी मे तैनात 149 पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर किया है।


ओवरलोडिंग खनन परिवहन से घूसकांड

दैनिक समाचार पत्र के डिजीटल प्लेटफार्म मे वायरल वीडियो मुताबिक बुंदेलखंड से निकलने वाले यूपी-एमपी राज्य के ओवरलोडिंग परिवहन से थाना-चौकी प्रभारी व सिपाहियों ने रिश्वतखोरी का पेशा चला रखा है। खनिज परिवहन मे मानक से ज्यादा खनन संसाधनों की आवाजाही पर कहीं फिक्स कोड नम्बर के सहारे तो कहीं लोकेशन गैंग के नेटवर्क से और कहीं थाना वाले घूसकांड से मौज कर रहें है। गौरतलब है कि बुंदेलखंड मे अक्टूबर माह से जून तक खनिज संसाधनों का खनन होता है। यह लाल मौरम व ग्रेनाइट के बोल्डर और गिट्टी को अन्य जिलों मे ले जाता है। ग्रेनाइट और मौरम सरकारी कंक्रीट विकास योजनाओं मे भी खपत होती है। बाँदा की केन नदी मे लाल मौरम निकलती है।

यह मध्यप्रदेश के समीपवर्ती जनपदों से भी आती है। वहीं ग्रेनाइट बोल्डर ज्यादा मात्रा मे महोबा, झांसी, चित्रकूट मे खनन किया जाता है। इस धंधे मे कद्दावर राजनीतिक लोगों व रसूखदार व्यक्तियों का संगठित हिस्सा होता है। इस पेशे को आंतरिक मजबूती सरकारी सिस्टम को लकवाग्रस्त करने वाले पुलिस थाना अधिकारी व पुलिस कर्मचारियों का हाथ होता है। वहीं खनिज विभाग भी इस काले खेल मे शामिल रहता है। यूपी और एमपी से करीब 15 हजार करोड़ का यह कारोबार तीन दशक से बुंदेलखंड की आबोहवा व पर्यावरण का दुश्मन है। लेकिन राजस्व के लिए राज्य सरकार इसको शराब की तर्ज पर और ज्यादा संरक्षण दे रही है। जिसकी वजह से बुंदेलखंड मे ट्रांसफर होकर आए अधिकारी माता लक्ष्मी के कृपापात्र बने रहते है। इस काम को स्थानीय तक्केबाज / लोकेशन देने वाले बेरोजगार युवाओं ने भी अवैध रूप से पोषित किया है। गाहेबगाहे इन पर गैंगस्टर जैसी कार्यवाही भी होती है। किंतु सरकारी पुलिस व खनिज विभाग की नातेदारी से यह ज्यादा बेलगाम हो चुका है। फिलहाल बाँदा एसपी श्री पलास बंसल ने बीते गुरुवार 23 अक्टूबर को 149 पुलिस कर्मचारियों को इधर से उधर स्थान्तरण किया है। देखने वाली बात होगी कि इस त्वरित कार्यवाही से यूपी सरकार के ज़ीरो टॉलरेंस नीति व पुलिस की विभागीय पारदर्शिता कितनी ट्रांसपेरेंट होती है।

यूपी के सबसे भ्रस्ट खनिज अधिकारी का सोनभद्र से झांसी ट्रांसफर-

यूपी के सोनभद्र मे भ्रष्टाचार मे लिप्त खान अधिकारी शैलेन्द्र सिंह पटेल का तबादला हुआ है। शैलेन्द्र सिंह पटेल सेटिंग से झांसी मे पोस्टिंग पाने में सफल हो गए है। उल्लेखनीय है बुंदेलखंड का झांसी खनन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण जिला है। वहीं सोनभद्र मे इतने गंभीर आरोपों के बाद भी झांसी मे शैलेंद्र सिंह पटेल की तैनाती सवाल खड़े करती है। सोनभद्र के खनन कारोबारियों में शैलेन्द्र के तबादले से खुशी है। खनिज निदेशालय मे सेटिंग बैठाकर अब झांसी पहुंके शैलेन्द्र पटेल देखना होगा सोनभद्र मे के खनन सिंडिकेट को छोड़ पाते है या नही। खनिज अधिकारी को बहुत बड़ा झटका लगा है। किंतु जिसे निलंबित होना था उसे झांसी भेजकर खानापूर्ति की गई है। वहीं कमल कश्यप सोनभद्र के नए खनन अधिकारी बनाए गए हैं। शैलेंद्र सिंह पटेल इससे पूर्व महोबा मे रहे और घूसखोरी की हद पार की जिससे आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू हुई लेकिन हुआ कुछ नही। इससे पूर्व चित्रकूट, बाँदा, हमीरपुर मे इनके पतनशील कारनामों से विभाग की साख को बट्टा लग चुका है।

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