नईदिल्ली,27 अगस्त (आरएनएस)। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी आरक्षण को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है
। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा कि राज्य आरक्षण के लिए एससी/एसटी समुदाय में भी केटेगरी बना सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि एससी/एसटी में आने वाली कुछ जातियों को बाकी के मुकाबले आरक्षण के लिए प्राथमिकता दी जा सके।
बताते चलें कि इससे पहले 2004 में ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला दिया था कि किसी वर्ग को प्राप्त कोटे के भीतर कोटे की अनुमति नहीं है, लिहाज़ा कोर्ट ने ये मामला आगे विचार के लिए 7 जजों की बेंच को भेजा है।
अभी 5 जजों की राय ये है कि 2004 के फैसले को फिर से पुर्नविचार की ज़रूरत है। चूंकि दोनों मामलो में आज फैसला देने वाली और ई वी चिन्नय्या मामले में फैसला देने वाली संविधान पीठ में जजों की सख्यां 5 है। लिहाजा आज संविधान पीठ ने अपनी राय रखते हुए माना है कि पुराने फैसले में दी गई व्यवस्था पर फिर से विचार की ज़रूरत है। लिहाजा मामला आगे बड़ी बेंच यानि 7 जजों की बेंच को भेजने की बात कही गई है।