अखिलेश व प्रियंका ने उठाए सवाल, यूपी पंचायत चुनाव में मृत शिक्षकों के सरकारी आंकड़ों पर सियासी घमासान | Akhilesh Yadav and Priyanka Gandhi

उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक तीन शिक्षकों की मौत हुई है और उन्हें नियमानुसार अनुग्रह राशि का भुगतान जल्द ही कराया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसचिव सत्य प्रकाश ने कहा है कि भ्रामक व तथ्यों से विपरीत प्रकाशित खबरों से भ्रमित न हो और कोविड संक्रमण के रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग प्रदान करे।

No open attacks on Priyanka, firming up Muslim vote base without hardcore  polarisation: Akhilesh Yadav finetunes strategy in UP - The Economic Times

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव ड्यूटी में शिक्षकों की कोरोना से मौत मामले में सियासत तेज हो गई है। इस मद्दे को जोर-शोर से उछालते हुए विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि भाजपा सरकार ‘महा झूठ का विश्व रिकॉर्ड’ बना रही है। वहीं, यूपी के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने पलटवार करते हुए कहा है कि भ्रामक सूचना के आधार पर विपक्ष के नेता ओछी राजनीति कर रहें हैं।

पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान शिक्षकों की मृत्यु के आंकड़ों के मुद्दे पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि ‘उत्तर प्रदेश की निष्ठुर भाजपा सरकार मुआवजा देने से बचने के लिए अब ये झूठ बोल रही है कि चुनावी ड्यूटी में केवल तीन शिक्षकों की मौत हुई है, जबकि शिक्षक संघ का दिया आंकड़ा 1000 से अधिक है। भाजपा सरकार ‘महा झूठ का विश्व रिकॉर्ड’ बना रही है। परिवारवालों का दुख ये हृदयहीन भाजपाई क्या जानें।’

वहीं कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट कर कहा कि ‘पंचायत चुनाव में ड्यूटी करते हुए मारे गए 1621 शिक्षकों की उत्तर प्रदेश शिक्षक संघ द्वारा जारी लिस्ट को संवेदनहीन यूपी सरकार झूठ कहकर मृत शिक्षकों की संख्या मात्र तीन बता रही है। शिक्षकों को जीते जी उचित सुरक्षा उपकरण और इलाज नहीं मिला और अब मृत्यु के बाद सरकार उनका सम्मान भी छीन रही है।’

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने पलटवार करते हुए कहा है कि भ्रामक सूचना के आधार पर विपक्ष के नेता ओछी राजनीति कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि कुछ शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी शिक्षकों की हुई मृत्यु 1621 बता रहें हैं, जो पूर्णतया गलत और निराधार है। जिलाधिकारियों ने केवल तीन शिक्षकों की मौत की सूचना राज्य निर्वाचन आयोग की दी है। उनके साथ हमारी पूरी संवेदना है और उनके आश्रितों को 30 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, सरकारी नौकरी और अन्य देयकों के भुगतान प्राथमिकता के आधार पर होगा।

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दरअसल, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने 16 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर कहा कि राज्य के सभी जिलों में पंचायत चुनाव ड्यूटी करने वाले 1621 शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों और कर्मचारियों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि पंचायत चुनाव की ड्यूटी करते हुए अभी तक तीन शिक्षकों की मौत हुई है। जिलाधिकारियों ने राज्य निर्वाचन आयोग को तीन शिक्षकों की ही मौत की प्रामणिक सूचना भेजी है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक और प्राइमरी स्कूलों के अन्य कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर कोरोना का कहर झेलना पड़ा है। शिक्षक संघ ने दावा किया कि कोरोना संक्रमण के दौरान कराए गए पंचायत चुनाव की वजह से 1621 कर्मचारियों की मौत हुई है। हालांकि सरकार के आंकड़ों ने सबको चौंका दिया है। यूपी सरकार के मुताबिक सिर्फ तीन शिक्षकों की ही मौत हुई है।

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