@आशीष सागर दीक्षित, बाँदा।
- जिलाधिकारी बांदा के समाधान दिवस बबेरू मे ग्रामीणों ने जांच समिति पर एकपक्षीय कार्यवाही करने का आरोप लगाया है।
- कार्यवाही न होने पर अनशन व धरना की चेतावनी दी है।
बाँदा। आज ज़िले के बबेरू विकासखंड मे समाधान दिवस आयोजित था। इस मौके पर क्षेत्र के किसानों ने पीसी पटेल के साथ कन्या प्राथमिक विद्यालय द्वितीय गौशाला दलित बस्ती मजरा परतू पुरवा सहित दक्षिण हार के सैकड़ों किसानों के डूबे हुए फसलों को बचाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी श्रीमती जे.रीभा जी द्वारा 25 जुलाई को गठित की जॉच समिति ग्राउंड पर न्याय नही कर रही है। जांच समिति सिर्फ एक पक्ष की ही बात सुनकर अन्याय करने पर आमादा है। बताते चलें कि यह पूरा मामला बाँदा की तहसील बबेरू के ग्राम भदेहदू मे लोकनिर्माण विभाग ओरन, बबेरू रोड पर पूर्व से जल निकासी हेतु बनी पुलियों को पूर्व प्रधान राममूरत पटेल की सह पर अवैध कब्जा धारियों ने बन्द कर दिया साथ ही पुलियों के सामने घर बना लिया है।
जिसके कारण बरसात का पानी निकासी पूर्ण रूप से बन्द हो गया है। किसान कहते है कि इसी वजह से गांव में बने सरकारी कन्या प्राथमिक विद्यालय द्वितीय हफ्तों से बन्द पड़ा है। वहीं यह नरख बच्चों के लिए जोखिम भरा कठिन समस्या बन गई है। गांव की गौशाला आदमी की कमर तक पानी से लबालब है। जिसके कारण गौवंशों को सड़कों पर बैठने को मजबूर है। वहीं राहगीरों व मवेशियों को हर समय जान का खतरा बना रहता है। पीसी पटेल ने कहा कि अत्यधिक जल भराव से दलित बस्ती मजरा परतू पुरवा व दक्षिण हार के 500 बीघा सैकड़ों किसानों की धान की नर्सरी एवं अन्य पूरी तरह जल निकासी न होने से सड़ गई है। उक्त समस्या के समाधान हेतु सैकड़ों लोगों ने अनेकोबार ग्राम प्रधान, सचिव, लेखपाल, कानूनगो, नायब तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी बिसंडा तहसीलदार बबेरू, उपजिलाधिकारी बबेरू, जिला कृषि अधिकारी बांदा,मुख्य विकास अधिकारी बांदा, अपर जिला अधिकारी बांदा, जिलाधिकारी बांदा, मंडल आयुक्त चित्रकूट धाम मंडल बांदा, सम्पूर्ण समाधान तहसील दिवस बबेरू, थाना समाधान बबेरू, मुख्यमंत्री पोर्टल पर सैकड़ों बार प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगा चुके है।
तब जाकर जिलाधिकारी बांदा के आदेशानुसार अपर जिलाधिकारी बांदा ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी किंतु 5 दिन बीत जाने के बाद जांच समिति ग्राम भदेहदू पहुंची थी। लेकिन हकीकत जानने के बाद भी अधिकारी पीड़ित किसानों की न सुनकर सिर्फ पूर्व प्रधान राममूरत पटेल व अवैध कब्जा धारियों के ही पक्ष की सुनवाई किये। इस एक-पक्षीय कार्यवाही शुरू होने से आहत पीड़ित सैकड़ों किसान पुनः तहसील प्रशासन सहित जिले के उच्च अधिकारियों से मिलकर न्याय हेतु निष्पक्ष जांच कराने के लिए निवेदन किया है।
ग्रामीण लोगों ने पीसी पटेल के साथ प्रार्थना पत्र देते हुये इस समस्या के समाधान हेतु निष्पक्ष जांच करवा कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग उठाई है। उन्होंने कार्यवाही न होने पर मजबूरन हम पीड़ित किसानों को सपरिवार अनशन आंदोलन सड़को पर उतरना पड़ेगा जिसके लिए गठित जांच समिति जिम्मेदार होगी।
समाधान दिवस के इस मौके पर पत्र देते वक्त रामेश्वर, सरोज,भगवानदास, बुद्धबिलास, राजेंद्र, महेंद्र कुमार,बंदू,अशोक, सरोज,रामभवन,रजनी,दिनेश, गणेशा,सभाजीत,राजेश,गया, ऋषिकेश,राहुल,मनीष, केशकुमार,किशोरा,अप्पू,श्रवण कुमार,जयराज ,प्रेमलाल, रमाकांत,गऊदीन,मुन्ना,भाऊ, रंजीत,आदि दर्जन भर लोग मौजूद रहे।