@आशीष सागर दीक्षित, बांदा।
- मुख्यमंत्री योगी सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर सीओ अतर्रा का कुठाराघात।
- राजाभैया के पावरजैक पर भड़ाहा पुरवा की पीड़िता ने एसपी दफ्तर तक लगाई गुहार।
- नरैनी विधायिका श्रीमती ओममणि वर्मा ने लिखा कार्यवाही को पत्र।
- राजाभैया यादव को पूर्व बसपा कैबिनेट मंत्री व वर्तमान सपा नेता दद्दू प्रसाद की छत्रछाया। सपा मुखिया अखिलेश यादव तक मिलवाया गया।
- यूपी के पूर्व डीजीपी विजय कुमार से दो बार मिले है गत माह हाईकोर्ट से जमानत पर छूटे दुष्कर्म के अभियुक्त राजाभैया यादव व गुट के अन्य सपा कार्यकर्ता।
- वर्ष फरवरी 2016 से सितंबर 2025 तक चौथी पर दुष्कर्म का आरोप।
- अब तक कुलजमा 11 मुकदमें दर्ज लेकिन हिस्ट्रीशीट नही खोल सके मिशन शक्ति वाले खाकी के रहनुमा।
बाँदा। नवरात्रि मे जहां देशभर मे नारी शक्ति और कन्याओं की अस्मिता व सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन एक्टिव मोड पर है। वहीं उत्तरप्रदेश मे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत पूरे सूबे मे प्रशासन के नेतृत्व से जगह-जगह विभिन्न आयोजन कराने की मुहिम छेड़ रखी है। लेकिन बुंदेलखंड के चित्रकूट मंडल का बाँदा अतर्रा निवासी राजाभैया यादव पुत्र मुन्नीलाल संचालक विद्याधाम समिति के पावरजैक के आगे नतमस्तक है।
एक ऐसा अपराधी जिस पर अब तक विभिन्न संगीन धाराओं मे कुलजमा 11 मुकदमें लिखे जा चुकें है। वह लगातार बेखौफ होकर सिस्टम को बौना साबित करते हुए गरीब महिलाओं व संस्था से जुड़ी रही महिलाओं की अस्मत से खेलने की संस्कारशाला चला रहा है। फरवरी साल 2016 से सितंबर 2025 तक इस मर्तबा चौथी बार बीते 26 सितंबर को एक महिला ने चिंगारी संगठन के कर्ताधर्ता एवं विद्याधाम समिति के संचालक राजाभैया यादव पर यौनाचार, मारपीट, दहशतगर्दी के आरोप लगाते हुए प्रार्थना पत्र दिया है।
काबिलेगौर है कि इस बार बीते 26 सितंबर को मजरा भड़ाहा पुरवा अंश अतर्रा ग्रामीण निवासी एक अति गरीब महिला ने कोतवाली अतर्रा मे प्रथम सूचना रिपोर्ट पत्र देकर राजाभैया यादव सहित दो अन्य अभियुक्त क्रमशः सपा नेता व भतीजे ओम भाई और छोट भैया उर्फ सुशील पर सामूहिक दुराचार, पुत्र के साथ मारपीट, घटना कारित होने पर मौके पति व एक प्रत्यक्ष दर्शी गवाह पर बंदूक से पीटने और जान से मारने की धमकी देने की तहरीर दी है। विडंबना देखिए कि 4 दिन तक एफआईआर न लिखने पर उक्त पीड़िता ने आईजीआरएस / जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही आज 29 सितंबर को पुलिस अधीक्षक के नाम संबोधित पत्र संलग्नक पत्रों व नरैनी विधायिका श्रीमती ओममणि वर्मा के हस्ताक्षर युक्त लेटर को संदर्भित करते हुए दिया है।
जनसुनवाई पोर्टल की शिकायत संदर्भ संख्या 40017025020533 का ज़िक्र भी आज दिए प्रार्थना पत्र मे किया गया है।
गौरतलब है कि नरैनी विधानसभा क्षेत्र की महिला विधायिका श्रीमती ओममणि वर्मा ने भी पुलिस प्रशासन से कार्यवाही हेतु आग्रह किया है। बावजूद इसके राजाभैया यादव का जलजला और जलवा बरकरार है। बतलाते चलें कि विद्याधाम समिति भाऊराम गर्ग का पुरवा, अतर्रा-नरैनी रोड मे संस्था कार्यालय चलाने वाले राजाभैया का निवास संजय नगर बदौसा मार्ग अतर्रा मे भी है। वहीं हाल ही मे विवादित,चरित्रहीन गतिविधियों मे संलिप्तता की शिकायत पर चिट्स फर्म एवं सोसायटी रजिस्ट्रार झांसी ने राजाभैया यादव को संस्था सचिव पद से हटाया है। लेकिन लोमड़ी सी चतुराई और शिंयार सी धूर्तता मे माहिर अभियुक्त ने अपने परिचित व संस्था कार्यक्रम से जुड़े संगीतज्ञ लल्लूराम शुक्ल की पुत्री को संस्था सचिव बना दिया है। ताकि पर्दे के पीछे स्वयम्भू एनजीओ पर नियंत्रण राजाभैया यादव का ही रहे। वैसे भी सम्पूर्ण भारतवर्ष मे कार्यक्षेत्र का पंजीयन लिए विद्याधाम समिति से जुड़े अन्य राज्यों के कार्यकारणी सदस्य बैठकों मे नही आते हैं। जिनके फर्जी हस्ताक्षर आडिट रिपोर्ट व प्रगति आख्या ठीक रखने राजाभैया यादव छलप्रपंच से बनाते है। कभी परागीलाल विद्याधाम आज नाम बदलकर सबके सामने छलिया बनकर मौजूद है। वहीं इस एनजीओ मे सजातीय बाँदा बार संघ अध्यक्ष को अधिवक्ता रहते वेतनभोगी बनाया गया। जिसका खुलासा खुद राजाभैया ने हाईकोर्ट मे अपने अधिवक्ता द्वारा दाखिल काउंटर मे किया है।
उल्लेखनीय है कि सपा नेता व पूर्व बसपा कैबिनेट मंत्री / ग्राम्य विकास मंत्री रहे दद्दू प्रसाद व राजाभैया यादव के सामाजिक करतबों के गुरु एक ही है। इनकी पत्नी के नाम पर ही देवरती समाधान केंद्र विद्याधाम समिति कार्यालय मे खुला है।
भड़ाहा पुरवा की पीड़िता ने तहरीर को लिखा पत्र–
बाँदा के अतर्रा ग्रामीण पंचायत से जुड़े मजरा भड़ाहा पुरवा निवासी जन व पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल वर्मा के फार्म हाउस की बटाईदार महिला ने प्रार्थना पत्र मे जो लिखा उसको संक्षेप मे मर्यादित शब्दों मे लिखते हुए बताया जा रहा है। पीड़िता ने लिखा कि आज सुबह 26 सितंबर को उसके साथ सामूहिक दुराचार की घटना तब घटित हुई जब प्रार्थिया पूर्व मंत्री स्वर्गीय डाक्टर सुरेंद्र पाल वर्मा के फार्म हाउस मे बटाई का काम कर रही थी।
बकौल पीड़िता मेरा परिवार वहीं रहता है। पास ही विद्याधाम समिति के राजाभैया यादव पुत्र मुन्नीलाल की ज़मीन है। वह बुरी नजर पीड़िता पर रखता है। वे लिखतीं है कि इसकी (राजाभैया यादव) की ज़मीन भी मेरे मालिक के फॉर्म हाउस के पास ही है। आज सुबह 26 सितंबर को मेरे साथ राजाभैया यादव, ओम यादव (सपा नेता), छोटा भैया पुत्र अज्ञात ने सामूहिक बलात्कार किया है। यह तीनों सफेद बुलेरो से आये थे।
अपने साथ बलात्कार होने पर मैं चिल्लाने लगी तो इन्होंने पहले मेरे मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। फिर बारी-बारी से दुष्कर्म किया गया है। पीड़िता की छाती दबाई गई। इस दरम्यान जोरजबरदस्ती करते हुए पुनः उसके चिल्लाने पर पीड़िता का बेटा बचाने आया। जिस पर यह तीनों लोग उसके बेटे पर टूट पड़े और उसको मारकर अधमरा व लहूलुहान किया गया। बेटे व मेरा रोना सुनकर राजकुमार पुत्र भगवान दीन जाति हरिजन निवासी ग्राम बांसी,थाना गिरवां व मेरे पति मौके पर आ गए। तो अभियुक्तों ने अपने साथ लिए हुए बंदूक से उनको ललकारते हुए मारपीट की और गालियाँ दी गई। साथ ही धौंस-धमकी देते हुए सपा सरकार आने पर देख लेने की धमकी दी गई।
पीड़िता लिखतीं है कि राजाभैया यादव ने कहा कि मेरी औकात तुम्हे पता नही है। अभी जेल से छूटकर आया हूँ पुलिस थाना मेरी जेब मे रहता है। 10-11 मुकदमों को तो मैं लिए घूमता हूँ। यहां यह बतलाना नितांत आवश्यक है कि राजाभैया व इसके गिरोह के ऊपर कुछ माह पहले थाना अतर्रा मे मुकदमा अपराध संख्या 0314/2024 धारा 376,120 बी, 504, 506 व 3(2)5 एससी. एसटी लिखा गया था। जो मानिकपुर की हरिजन व संस्था कार्यकर्ता रही महिला ने लिखाया था। इसकी विवेचना हाईकोर्ट के आदेश बावजूद सीओ अतर्रा प्रवीण यादव ने बख्तरबंद मे दबा दी है। वहीं एक अन्य मुकदमा संख्या 043/2025 अपहरण/गैंगरेप का लिखा था। जिसमें सीओ अतर्रा ने 21 लोगों को चार्जशीट से बाहर किया है। व बमुश्किल गिरफ्तार किए गए राजाभैया भर को अभियुक्त बनाया है। लेकिन 1100 पेज के लचर अरोपपत्र का लाभ उठाकर राजाभैया हाईकोर्ट पहुँच गए है। अपने स्वभाव अनुरूप वकीलों के साथ उच्च न्यायालय तक दांवपेंच खेलने के अभ्यस्त राजाभैया यादव पर एक और मुकदमा संख्या 0315/2024 धारा 354 का दर्ज है। जिसकी चार्जशीट न्यायालय के पेशकार के कहने पर भी सीओ अतर्रा अतर्रा न्यायालय मे दाखिल नही कर रहें है। विगत एक साल से थाना अतर्रा में अंगद की तर्ज पर मुस्तैद सजातीय सीओ प्रवीण यादव राजाभैया से अति आत्मीयता दिखाते दिखतें है। संभव है उनमें कोई चुम्बकीय तत्व हो जो याराना इतना गहरा है। वहीं राजाभैया यादव पर विगत साल 2016 मे मुकदमा संख्या 037/2016 धारा 376 व आईटी एक्ट मे पहले भी लिख चुका है। पीड़िता की मानें तो राजाभैया यादव लगातार संस्था की हनक व सपा नेताओं की धमक पर महिलाओं की इज्जत मे हाथ डालता रहता है। वहीं बांदा नगर कोतवाली, थाना नरैनी मे भी इस पर पूर्व संगीन मुकदमे है। लेकिन सपा नेता दद्दू प्रसाद व पूर्व डीजीपी विजय कुमार से निकटता रखने वाले अभियुक्त राजाभैया यादव को शासन स्तर पर कंट्रोल करते हुए। लखनऊ से फोन घनघना कर हर बार बचाया जाता है।
महत्वपूर्ण है कि बीते 18 सितंबर को राजाभैया यादव सपा नेता दद्दू प्रसाद व अपने भतीजे ओम भाई और अन्य व्यक्तियों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लखनऊ मे मिले थे। वहीं जून माह मे हाईकोर्ट से पांच माह बाद दुष्कर्म केस मे ज़िला कारागार से जमानत पर छूटे राजाभैया यादव , इसी मुकदमा 043/25 मे एफआईआर के सह अभियुक्त पूर्व प्रधान विजयबहादुर उत्तरप्रदेश के पूर्व डीजीपी विजय कुमार से मिले और साथ मे भोजन भी किया गया। यह तस्वीर खुद राजाभैया यादव ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल भौकाली लिखावट से साझा की थी। यहां सवाल बड़ा ही है कि आखिरकार इतने संगीन मुकदमों मे विचाराधीन व्यक्ति कितनी प्रगाढ़ता से एक पूर्व डीजीपी से मिल लेता है और भोजन भी होता है। क्या ज़िम्मेदार ब्यूरोक्रेट्स रहे पूर्व डीजीपी साहब को राजाभैया यादव की हिस्ट्री नही मालूम है ? या उन्हें एकतरफा मनगढ़ंत कहानी सुनाकर राजाभैया यादव ने 302 के सजयाफ्ता मुल्जिम और पूर्व ग्राम प्रधान विजयबहादुर के साथ गुमराह कर रखा है। लेकिन यह करीबियत अतिश्योक्ति पूर्ण है।
उधर स्वतंत्रता दिवस से लगातार दद्दू प्रसाद विधानसभा 2027 चुनाव के ख्वाब संजोए हुए राजाभैया यादव की गलबहियां कर रहें है। राजाभैया के नेटवर्क मे कुछ बड़े एनजीओ बाज मसलन परमार्थ के संजय सिंह, बार संघ अध्यक्ष बाँदा द्वारिकेश मंडेला सहित अन्य नामचीन लोगों का कुनबा है। जो 11 मुकदमों मे नामजद राजाभैया यादव को जनसेवा का चोला ओढ़ाकर समाज मे आपराधिक गतिविधियों, महिलाओं से यौनाचार और देशी विदेशी अनुदान एजेंसियों से आर्थिक मदद की जुगाड़ करवाने मे सहयोग करतें है। बुंदेलखंड को रक्तबीज बनकर गरीबी, भुखमरी,किसान आत्महत्या, पलायन जैसे मुद्दों का सब्जबाग दिखाकर चालबाज लोगों ने राजाभैया यादव को ‘दबंग राजाभैया’ बनाने की जद्दोजहद की है। अब देखना होगा कि इस बार सीओ अतर्रा प्रवीण यादव राजाभैया से कितनी घनिष्ठ नातेदारी निभाते है। क्या इस बार भी पीड़िता दौड़भाग के बाद आमरण अनशन व लखनऊ तक गुहार लगाती फिरती रहेगी ? क्या खाकी का इकबाल इतना कमजर्क और पक्षपाती है ? तब मिशन शक्ति 5.0 के क्या मायने हो सकतें है बांदा की यह चमत्कारिक बात मुख्यमंत्री योगी तक पहुंचनी चाहिए।