लखनऊ (यूएनएस)। पूरा सिस्टम दिल्ली से चलता है और लखनऊ से निर्देश जारी होते हैं। अधिकारी सरकार की भाषा बोलते हैं। तिकुनिया हिंसा में आठ लोग मारे गए। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी भी हत्या के दोषी हैं लेकिन पद पर बने हैं। सरकार ने पीड़ित किसानों के लिए कुछ नहीं किया। हमारी मांग है कि दोषियों को सजा हो। यह कहना है भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत का।तिकुनिया में 03 अक्तूबर 2021 को हुई हिंसा में मारे गए चार किसानों समेत आठ लोगों बरसी में शामिल होने भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता कार्यक्रम से एक दिन पहले रविवार की रात लखीमपुरखीरी के हाथीपुर गुरुद्वारा पहुंचे। मीडिया से मुखातिब टिकैत ने कहा कि तिकुनिया हिंसा को एक साल हो गया है, जिसे पूरी दुनिया ने देखा।
इस तरह की घटनाएं पिक्चर में होती है। रियल लाइफ में ऐसी घटनाएं नहीं होती हैं। जानबूझकर पांच लोगों को मारा गया, उससे जो हिंसा भड़की उसमें तीन और लोग मारे गए। गांधी जयंती के मद्देनजर उन्होंने कहा कि यह तो शांति का सप्ताह चल रहा है। इसमें क्रांति हो तो याद किया ही जाएगा। रविवार को पूरे देश में लोग विरोध प्रदर्शन करेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि पीड़ित किसानों को अभी तक न्याय नहीं मिला है। बेईमान सरकार है, जो संविधान को नहीं मानती है। अपनी सत्ता और ताकत का दुरुपयोग करती है। पिछले महीने 50 हजार लोग यहां आए लेकिन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से बात नहीं कराई है। कौड़ियाला गुरुद्वारा में बरसी मनाए जाने की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। भाकियू के यूपी उत्तराखंड के प्रभारी बलजिंदर सिंह मान, जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह समेत बाहर से आए किसानों ने गुरुद्वारा में शरण ली है। इस दौरान कार सेवकों का गुरुद्वारे में आना शुरू हो गया है। कौड़ियाला गुरुद्वारा के बाबा जत्थेदार बाबा काला सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा कौड़ियाला के बने दीवान हाल में बरसी कार्यक्रम संपन्न होगा। इलाकाई किसानों सहित किसान नेताओं का भी आगमन होगा। संयुक्त किसान मोर्चा के सभी घटक दल प्रमुख रूप से शामिल होंगे।
पीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम को देने की तैयारी है। इसमें मंत्री टेनी की बर्खास्तगी और समझौते के बावजूद कोई मांग न पूरी होने की बात को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा। एक साल पूर्व तिकुनिया में हुई हिंसा को लेकर जिलों में भी किसान विरोध दर्ज कराएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने इसकी पूरी तैयारियां की हैं। गांव गांव किसानों ने इसके लिए संपर्क किया है। जिलों और तहसील पर भी किसान काली पट्टी बांधकर केंदीय गृह राज्यमंत्री और उनके बेटे का पुतला फूंकेंगे। इस पंचायत और विरोध पर सरकारी तंत्र की पैनी निगाह लगी है। तिकुनिया के कार्यक्रम स्थल के अलावा विभिन्न जिलों में भी इसके लेकर गंभीरता दिखाई जा रही है। लखीमपुर खीरी व आसपास के जिलों में निर्देश दिए गए हैं कि व्यवस्था ठीक रखी जाए।